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उधम सिंह ने जलियांवाला नरसंहार करने वाले जनरल डायर को मारा ही नहीं था

कुल तीन UK रहे उधम सिंह की ज़िंदगी के अहम हिस्से.

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फ़्रांस का इंग्लैंड के साथ मैत्रीपूर्ण रवैया न ही नया है और न ही कोई राज़. जहां पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हर सही और ग़लत में दोनों की दांत-काटी दोस्ती देखने लायक थी वहीं आज,‘फ्रेंच कनेक्शन टू यूके’ (फ़्रांस का यूके के साथ संबंध) जैसे प्रसिद्ध ब्रांड दोनों के मधुर संबंधो की पुष्टि करते हैं.
जब मैं उधम सिंह के बारे में लिख रहा था तो मुझे रह रह कर ये ब्रांड याद आ रहा था. कारण - इसी ब्रांड की तर्ज़ पर मुझे उधम सिंह के यूके के साथ एक दो नहीं तीन कनेक्शन मिले. बल्कि कहना तो ये चाहिए कि उधम सिंह का कनेक्शन तीन अलग-अलग यूके के साथ मिला.
आइए जानते हैं वो कौन से तीन यूके हैं जो शहीद ऐ आज़म उधम सिंह की ज़िंदगी के अहम हिस्से बने:


UK # 1) उधमसिंह कंबोज
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास ही में एक बाग़ था. उस बाग़ में इकट्ठा हुए लोगों को अनाथालय के बच्चे पानी पिला रहे थे. इन्हीं पानी पिलाने वालों में एक उन्नीस-बीस साल का नवयुवक भी था जो अपने भाई के साथ पास ही के एक अनाथालय में रहता था. बाग़ का नाम था – जलियांवाला बाग़, दिन था - 13 अप्रैल, 1919. अनाथालय का नाम था – सेंट्रल खालसा ओर्फ़नेज और नवयुवक का नाम था – उधमसिंह कंबोज.
शहीद ऐ आज़म उधम सिंह कंबोज
शहीद ऐ आज़म उधम सिंह कंबोज

26 दिसंबर, 1899 को जन्मा उधमसिंह कंबोज दरअसल अपनी पिता की मृत्यु के बाद अनाथालय में रहने लगा था. अपने भाई के साथ. जब जलियांवाला बाग़ हत्याकांड हुआ तब वो भी वहीं मौजूद था. हत्याकांड की भयावहता ने उसे अंदर तक हिला के रख दिया और उसने जलियांवाला बाग़ की खून से लाल हुई मिट्टी को उठा के प्रतिज्ञा ली कि वो इसका बदला लेकर रहेगा.
एक चित्रकार की नज़र से जलियांवाला बाग़ हत्याकांड
एक चित्रकार की नज़र से जलियांवाला बाग़ हत्याकांड



UK # 2) यूनाइटेड किंगडम
दिन - 13 मार्च 1940, जगह - लंदन. एक बड़े से हॉल में एक बैठक का अभी-अभी समापन हुआ है. पंजाब के पूर्व गवर्नर माइकल ओ’ ड्वायर ने जो वक्तव्य दिया था उसकी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए लोग अपनी कुर्सियों से उठ-उठ कर जा रहे हैं. तभी दो गोलियों की आवाज़ आती है. माइकल ओ’ ड्वायर नीचे गिरा पड़ा है. एक युवक के हाथ में बंदूक है. उसने ड्वायर को गोली मारने के बाद भागने की बजाय आत्मसमर्पण कर दिया है.
अधिकतर लोग ये मानते हैं कि उधम सिंह ने जनरल डायर को मारा लेकिन ये कथन सत्य नहीं है. आइये अच्छी तरह से समझें सत्य क्या है?
कैक्सटन हॉल - जहां माइकल ओ’ ड्वायर को उधमसिंह ने गोली मारी (सांकेतिक चित्र)
कैक्सटन हॉल - जहां माइकल ओ’ ड्वायर को उधमसिंह ने गोली मारी (सांकेतिक चित्र)

13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग़ हत्याकांड का आदेश जिसने दिया था उसका नाम था - रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर जो अपने जीवन के आखिरी सालों के दौरान पक्षाघात और अन्य बिमारियों के चलते अपंग हो चला था. 1927 में मस्तिष्क रक्तस्राव से उसकी मृत्यु हो गई. उसने अपनी मृत्यु पर कहा था,'इतने सारे लोग जो अमृतसर की स्थिति को जानते थे, कहते हैं कि मैंने सही किया. लेकिन बहुत से लोग कहते हैं कि मैंने गलत किया. मैं मरना चाहता हूं और उसके बाद केवल अपने निर्माता से जानना चाहता हूं कि क्या मैंने सही किया या गलत?'
वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड जाकर जिसकी हत्या उधम सिंह ने की थी उसका नाम माइकल फ्रेंसिस ओ’ ड्वायर था. वो जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के समय पंजाब का गवर्नर था और उसने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड उचित ठहराया था. इसी के चलते उसे उधमसिंह ने उसी के देश में जाकर मारा. 4 जून 1940 को उधमसिंह को माइकल फ्रेंसिस ओ’ ड्वायर की हत्या का दोषी करार दिया गया और 31 जुलाई 1940 को पेंटनविले जेल में उसे फांसी दे दी गई.
दोनों के नाम में काफी समानता के चलते (डायर - ड्वायर)  आज भी लोग कन्फ्यूज़ हो जाते हैं.


UK # 3) उत्तराखंड
नानकमत्ता, उधमसिंह नगर
नानकमत्ता, उधमसिंह नगर

अक्तूबर 1995. उत्तर प्रदेश की तात्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती कुमाऊं के एक पहाड़ी जिले नैनीताल में से एक और नया जिला निकालती हैं. जिले का नाम उधमसिंह कंबोज के ही नाम पर उधमसिंह नगर रखा जाता है. जब 9 नवंबर, 2000 को उत्तरांचल नामक राज्य बनता है तो वहां के तेरह जिलों में से ये भी एक जिला होता है. उत्तरांचल का नाम बदल के बाद में उत्तराखंड कर दिया जाता है और लोग इसे शॉर्ट में यूके-यूके पुकारने लगते हैं.
उधम सिंह नगर, उत्तराखंड का तीसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला जिला है.
उधम सिंह नगर, उत्तराखंड का तीसरा सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला जिला है.



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