The Lallantop

'देना है तो सपोर्टिंग नहीं, बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड दो,' कहकर इस एक्ट्रेस ने फिल्मफेयर ठुकराया था

मां का किरदार नहीं करूंगी. हीरोइन हूं, हीरोइन ही रहूंगी: वैजयंतीमाला.

post-main-image
भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री शुरू से ही पुरुषवादी रहा है. इसमें महिलाओं को हमेशा से दूसरे दर्जे का ही समझा गया. हालांकि अब ये स्टीरियोटाइप्स कंगना, प्रियंका और दीपिका जैसी हीरोइनें तोड़ रही हैं. लेकिन इसकी शुरुआत 50 और 60 के दशक में ही हो चुकी थी. जब वैजयंतीमाला जैसी दक्षिण भारतीय अभिनेत्री को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने अपनी पहली फीमेल सुपरस्टार के रूप में स्वीकार कर लिया था.
चाहे वो साउथ इंडियन एक्ट्रेस की हिंदी फिल्मों में स्वीकार्यता हो, महिला सुपरस्टार जैसी किसी चीज़ का होना हो, फिल्मों के लिए अपने रिलेशनशिप को फेक करने का चलन हो, अवॉर्ड ठुकरा देने की बात हो या फिर उस दौर में बिकिनी पहनने की ही बात क्यों ना हो! मद्रास के त्रिप्लीकेन में 13 अगस्त, 1936 को पैदा हुईं वैजयंतीमाला ने इन तमाम स्टीरियोटाइप्स को तोड़-मरोड़कर अपने मन-माफ़िक बना दिया. और बदले में उन्हें कहा गया 'भारतीय फिल्म इतिहास की पहली महिला सुपरस्टार'. पढ़िए वैजयंतीमाला के जीवन और करियर से जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग किस्से.
13 की उम्र में डांस देखकर मिली पहली फ़िल्म
वैजयंतीमाला ने जब अपनी एक्टिंग करियर तमिल फिल्म 'वझकाई' से शुरू की उस वक़्त उनकी उम्र महज़ 13 साल की थी. 1949 में आई इस फिल्म को बॉलीवुड में रीमेक किया गया और ये फिल्म दोनों ही भाषाओं में वैजयंतीमाला की अदाकारी से हिट रही. इस फिल्म में वैजयंतीमाला के चुने जाने का किस्सा कुछ यूं था कि ए.वी.एन प्रोडक्शन के एम.वी रमण ने इन्हें चेन्नई के गोखले हॉल में भरतनाट्यम करते देख लिया.
पहले तो उन्होंने ये पूरी परफॉरमेंस देखी जिसके फ़ौरन बाद ये तय कर लिया कि उनकी फिल्म में यही लड़की हीरोइन होगी. ऐसे वैजयंतीमाला को फिल्म 'वझकाई' मिली. हालांकि उनकी दादी उसके फिल्मों में जाने के फैसले के खिलाफ़ थीं. उनको लगता था कि फिल्मों में जाने की वजह से वैजयंती का ध्यान पढ़ाई, डांस और म्यूज़िक से हट जाएगा. आपको बताते चलें कि वैजयंतीमाला भरतनाट्यम नृत्य और कर्नाटक संगीत की बेहद अच्छी जानकार और परफ़ॉर्मर हैं.
बचपन के दिनों में व्यजन्तिमाला.
बचपन के दिनों में वैजयंतीमाला


अपनी मां से सिर्फ 16 साल छोटी थीं वैजयंतीमाला 
एक्टिंग खून में होने की बात वैजयंती के मामले में 100 फ़ीसदी सटीक बैठती है. उनकी मां वसुंधरा देवी भी 40 के दशक में तमिल फिल्मों की लीड एक्ट्रेस हुआ करती थीं. लेकिन एक बात जो सबसे हैरान करने वाली है, वो ये कि वैजयंती अपनी मां से मात्र 16 साल छोटी थीं. लेकिन उससे भी बड़ी और कमाल की बात ये की वैजयंती अपनी मां को उनके नाम से और पाने पापा को 'अन्ना' बुलाती थीं. 'अन्ना' का मतलब बड़ा भाई होता है और इस शब्द का इस्तेमाल साउथ इंडिया में बहुत होता है. घर में उनकी बुआ और मोहल्ले के लोग उनके पिता को अन्ना बुलाते थे. उनको ऐसा करते देख वैजयंती ने भी अपने पिता को अन्ना बुलाना शुरू कर दिया.

एक फ़िल्म के दृश्य में.

फ़िल्मफेयर अवॉर्ड ठुकराने वाली पहली अभिनेत्री थीं
ये बात तब की है जब अवॉर्ड सिर्फ दिखावटी और मनोरंजन का नहीं बल्कि सच में सम्मान और उत्साहवर्धन का साधन होता था. और बावजूद इसके वैजयंतीमाला ने उसे ठुकरा दिया था. बिमल रॉय की फिल्म 'देवदास' में सुचित्रा सेन ने 'पारो' और वैजयंतीमाला ने 'चंद्रमुखी' का किरदार निभाया था जबकि 'देवदास' दिलीप कुमार बने थे.
वैजयंतीमाला को 'चंद्रमुखी' के किरदार में उम्दा अभिनय के लिए फ़िल्मफेयर से 'बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस' के लिए अवॉर्ड दिया जा रहा था. वैजयंतीमाला स्टेज पर आईं और अवॉर्ड लेने से मना कर दिया. उनका कहना था कि देवदास की जिंदगी में जितनी अहमियत पारो की थी उतनी चंद्रमुखी की भी थी. इसलिए अगर उन्हें अवॉर्ड देना ही है तो 'बेस्ट एक्ट्रेस' का दिया जाए वरना उन्हें अवॉर्ड नहीं चाहिए.
चंद्रमुखी के किरदार में व्यजन्तिमाला.
चंद्रमुखी के किरदार में वैजयंतीमाला

वैजयंतीमाला उस दौर की टॉप हीरोइनों में से एक थी और कोई भी उनको तवायफ़ के रोल में साइन नहीं करना चाहता था. जब ये रोल बिमल रॉय उनके पास लेकर गए तो वैजयंती ने कहा कि 'इफ यू थिंक, आई कैन डू दैट. आई विल डू इट.' उसके बाद जो हुआ वो आपके सामने है.
फ़िल्म 'देवदास' के एक सीन में व्यजन्तिमाला.
फ़िल्म 'देवदास' का एक सीन.


राज कपूर ने फिल्म प्रमोशन के लिए लिंक अप की अफवाह फैलवाई थी
साल 1964 में के फिल्म आई थी 'संगम'. उस फिल्म में राज कपूर, राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला के बीच लव-ट्राएंगल दिखाया गया था. फ़िल्म बहुत बड़ी हिट थी. लेकिन इस फ़िल्म के बाद राज कपूर और वैजयंतीमाला के प्यार की ख़बरें भी आने लगीं. जिसे वैजयंतीमाला ने तो नकार दिया लेकिन राज कपूर ने न ही स्वीकार किया न ही खारिज़. इससे आग को और हवा मिल गई.
फ़िल्म 'संगम' का पोस्टर.
फ़िल्म 'संगम' का पोस्टर.

लेकिन 2007 में आई अपनी बायोग्रफी में वैजयंती ने इस ख़बर को सिरे से ये कहकर खारिज़ कर दिया कि ये राज कपूर का फ़िल्म प्रमोशन और पब्लिसिटी स्टंट था. ये खबर उन्होंने अपनी फिल्म के लिए जान बूझकर फैलवाई थी.
राज कपूर के साथ व्यजन्तिमाला.
राज कपूर के साथ वैजयंतीमाला.

अपनी सबसे बेहतरीन फिल्म 'नया दौर' के लिए पहली पसंद नहीं थीं
बी.आर चोपड़ा को एक फिल्म बनानी थी जिसके लिए दिलीप कुमार को कास्ट किया जा चुका था जबकि हीरोइन की तलाश ज़ारी थी. चोपड़ा इस फिल्म में दिलीप साहब के साथ मधुबाला को साइन करना चाहते थे. मीटिंग फ़िक्स हुई. तय समय पर बी.आर चोपड़ा मधुबाला के घर पहुंचे और मधुबाला को स्क्रिप्ट नरेट करने लगे. स्क्रिप्ट नरेशन के दौरान मधुबाला के पिता भी वहां मौजूद थे और हर दूसरी सीन में बदलाव की मांग के साथ टोक देते. जिससे नरेशन में दिक्कत हो रही थी. इसी बात पर बी.आर चोपड़ा की उनसे बहस हो गई. बात इतनी बढ़ गई कि कोर्ट तक पहुंच गई. इसके बाद चोपड़ा ने मधुबाला का ख्याल छोड़कर वैजयंतीमाला को साइन कर लिया.
फ़िल्म'नया दौर' के एक सीन में दिलीप कुमर और व्यजन्तिमाला.
फ़िल्म'नया दौर' के एक सीन में दिलीप कुमार के साथ वैजयंतीमाला.


एक बड़ी फ़िल्म की असफलता ने फिल्मों से दूर कर दिया
1966 में आई फिल्म 'आम्रपाली' में वैजयंतीमाला ने वैशाली की नगरवधू 'आम्रपाली' का किरदार निभाया था. इस फिल्म में उनके साथ सुनील दत्त थे. इस फिल्म के लिए वैजयंती ने बहुत मेहनत की थी और उन्हें इस फ़िल्म से बड़ी उम्मीदें थीं. वो फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर कुछ ख़ास परफॉर्म नहीं कर पाई, जिससे वैजयंती का फिल्मों से मोह भंग हो गया और उन्होंने फिल्मों से दूरी बनानी शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में अपना करियर शुरू किया और राज्य सभा की सदस्य बन गईं.
'आम्रपाली'फ़िल्म में व्यजन्तिमाला.
'आम्रपाली'फ़िल्म के एक सीन में वैजयंतीमाला.

''हिरोइन थी हिरोइन ही रहूंगी''
मशहूर फ़िल्म डायरेक्टर यश चोपड़ा ने 1975 में वैजयंतीमाला को एक फिल्म में मां का किरदार ऑफर किया. उस फिल्म में अमिताभ बच्चन और शशि कपूर उनके बेटे का रोल करने वाले थे. लेकिन वैजयंतीमाला ने ये कह कर फ़िल्म करने से मना कर दिया कि वो 'कैरेक्टर रोल्स' नहीं करेंगी. 'हिरोइन थी और हिरोइन रहूंगी'. इसके बाद उस फिल्म के लिए निरूपा राय को साइन किया गया और फ़िल्म बहुत बड़ी हिट हुई. वो फ़िल्म थी 'दीवार'.
एशा देओल की शादी में शरीक होने गईं व्यजन्तिमाला.
एशा देओल की शादी में शरीक होने गईं वैजयंतीमाला.



ये भी पढ़ें:
वो एक्टर जिसने अपनी पहली फिल्म रिलीज़ होने से पहले ही 30 फ़िल्में साइन कर ली थीं
वो म्यूज़िक डायरेक्टर जो अपने संगीत को बचाने के लिए फिल्म डायरेक्टर बना
इस एक्ट्रेस की आइफोन ऐप बनाने से लेकर बॉलीवुड हीरोइन बनने तक की कहानी बहुत दिलचस्प है
सलमान खान की वो फिल्म जिसकी स्क्रीनिंग राष्ट्रपति भवन में हुई थी



वीडियो देखें: वो बॉलीवुड हीरोइन, जिसे डर था कि अमिताभ बच्चन उसे मरवा देंगे