ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारा पड़ोसी पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान हताशा में LOC पर गोलाबारी कर रहा है. इधर भारत ने उसकी हालत खराब कर रखी है, तो उधर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) भी उसे चैन से बैठने नहीं दे रही. पाकिस्तान की अफगानिस्तान से अलग तनातनी बनी रहती है. आए दिन उधर भी गोलाबारी हो जाती है.
96 घंटे में पाकिस्तान का खेल खत्म हो जाएगा? तो इसलिए बड़ा युद्ध नहीं चाहेगा PAK
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच क्या पाकिस्तान युद्ध झेलने की हालत में है? जानिए TTP, बलोच विद्रोह, मिसाइल क्षमता और आर्थिक बदहाली जैसे कारकों के चलते पाकिस्तानी सेना की हकीकत.
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दरअसल, पाकिस्तान का भूगोल ही उसकी मुसीबतों की जड़ है. एक तरफ अफगानिस्तान, दूसरी ओर भारत. कोल्ड वॉर के ज़माने में अमेरिका को भारत और सोवियत यूनियन पर नज़र रखनी थी. ऐसे में पाकिस्तान एक मुफ़ीद मोहरा बना. इसी बहाने अमेरिका ने पाकिस्तान को सिर पर चढ़ा लिया, और तालिबान जैसे संगठनों को पालने-पोसने में मदद की. लेकिन कहानी में ट्विस्ट आया जब 2001 में ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका पर हमला कर दिया और तालिबानी सरकार ने उसे सौंपने से इनकार कर दिया. अमेरिका भड़का और अफगानिस्तान पर हमला कर दिया. यहीं से पाकिस्तान की आफत शुरू हुई.

अमेरिकी दबाव में पाकिस्तान को अपने ही पाले हुए आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेना पड़ा. नतीजा 2007 में TTP यानी ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ का जन्म हुआ. शुरू में TTP ने अमेरिका को निशाना बनाया, पर अब उसका पूरा फोकस पाकिस्तान पर है.

TTP अब पाकिस्तान में शरिया लागू करने की मांग कर रहा है, और बाजारों, मस्जिदों, स्कूलों तक को निशाना बना रहा है. 2018 के बाद से उसने सेना और ISI पर हमले तेज कर दिए हैं. 2024 में ही इस संगठन ने 500 से ज्यादा हमले किए जिनमें 1500 से ज्यादा लोगों की जान गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, TTP अब बलोचिस्तान के अलगाववादी संगठनों को भी हथियार दे रहा है.
तालिबान-पाकिस्तान की तनातनीTTP के लड़ाकों पर जब पाकिस्तानी सेना का प्रेशर बढ़ता है, तो बॉर्डर पार अफगानिस्तान भाग जाते हैं. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान इन्हें पनाह देता है. इसी वजह से पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की जिससे दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए हैं. अब अगर पाकिस्तानी सेना, TTP से निपटने के बजाय भारत की ओर ध्यान लगाती है, तो बलूचिस्तान में बड़ा विद्रोह खड़ा हो सकता है.
अंदरूनी हालतएक ओर पाकिस्तान TTP और BLA से जूझ रहा है, तो दूसरी तरफ 7 मई को भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में उसके आतंकी ठिकानों पर प्रहार हुआ है. ऊपर से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 281 पार हो चुका है, जबकि 2021 में ये 153 था. 40% से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं. ऐसे में अगर पाकिस्तान जंग का सपना देख रहा है, तो भारत उसे जगाने के लिए पूरी तरह तैयार है. अब ये समझते हैं कि अगर फुल स्केल वॉर यानी युद्ध हुआ तो क्या होगा?
भारत के पास ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है जो 500 किमी की रेंज तक दुश्मन को तबाह कर सकती है. अग्नि-5 जैसी बैलिस्टिक मिसाइल 5,000+ किमी तक मार करती है. उधर पाकिस्तान के पास बाबर, शाहीन, गौरी जैसी मिसाइलें हैं जिनकी रेंज 300-2500 किमी है.

भारत के पास दुनिया का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 है, जो 400 किमी दूर से ही खतरे को मिटा देता है. साथ ही मेड इन इंडिया ‘आकाश सिस्टम’ भी काफी प्रभावी है. पाकिस्तान के पास चीनी सिस्टम हैं जैसे HQ-9 और LY-80, जो बालाकोट और ईरान हमले जैसे मौकों पर फेल हो चुके हैं.

भारत के पास आधुनिक हॉवित्जर तोपें हैं. K9 वज्र-T, M-777, धनुष और अब ATAGS. इनकी मारक क्षमता 50 किमी तक है. पाकिस्तान के पास ज़्यादातर पुरानी तोपें हैं जैसे M109 A5 और कुछ चीनी SH-15, लेकिन संख्या और क्वालिटी में भारत भारी है.

इंडिया टुडे की मई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सिर्फ 4 दिन की लड़ाई झेल सकता है. वजह? हथियारों की भारी कमी, गोला-बारूद की किल्लत, और आर्डिनेंस फैक्ट्रियों की खराब हालत. ऊपर से यूक्रेन को हथियार बेचकर खुद को कमजोर कर चुके हैं. अगर पाकिस्तान ने अपनी हालत को नहीं समझा और युद्ध का रास्ता चुना, तो ये जंग सिर्फ LOC पर नहीं लड़ी जाएगी ये उसके अस्तित्व की लड़ाई बन जाएगी. भारत के पास ताकत भी है, तैयारी भी और मंशा भी. साफ़ है अगर उकसाया गया, तो जवाब ज़रूर मिलेगा.
वीडियो: दुनियादारी: भारत-पाक में जंग छिड़ी तो कौन किसकी तरफ़ होगा?