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15 शहरों पर PAK का हमला किया फेल, S-400 जिसने पाकिस्तानी मिसाइलों के उड़ा दिए परखच्चे

S-400 Air Defence System, 400 किलोमीटर की दूरी तक Aircrafts, Drones और Ballistic Missiles जैसे खतरों से निपटने में सक्षम है. S-400 एक समय में 600 किलोमीटर की दूरी से 300 खतरों को एक साथ ट्रैक कर सकता है.

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S-400 एयर डिफेंस सिस्टम (PHOTO-India Today)

Operation Sindoor से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के 15 ठिकानों पर हमले की कोशिश की है. भारत ने पहली बार रूस से खरीदे गए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए इन हमलों को नाकाम कर दिया है. तो समझते हैं, क्या है S-400 सिस्टम जिसने पाकिस्तानी हमले को नाकाम किया है.

S-400 एयर डिफेंस सिस्टम 

भारत ने रूस से काफ़ी उन्नत माने जाने वाले S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील को 2018 में अंतिम रूप दिया था. भारत ने रूस से कुल 5 ऐसे सिस्टम्स की डील के लिए 5.43 बिलियन डॉलर की डील पर साइन किया था. ये सिस्टम 400 किलोमीटर की दूरी तक एयरक्राफ्ट, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल जैसे खतरों से निपटने में सक्षम हैं. एस 400 में एक उन्नत रडार लगा है जिसे 91N6E रडार कहा जाता है. ये एक समय में 600 किलोमीटर की दूरी से 300 खतरों को एक साथ ट्रैक कर सकता है. रूस में इसे MZKT-7930 8X8 ट्रक पर लगाया जाता है.

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S-400 का रडार सिस्टम 

इस एयर डिफेंस सिस्टम का दूसरा हिस्सा है इसका कमांड एंड कंट्रोल पोस्ट. ये भी एक ट्रक पर बनाया जाता है. टारगेट की खोज से लेकर उन्हें नष्ट करने वाली मिसाइल फायर करने तक, सारे कमांड यहीं से दिए जाते हैं.

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S 400 का कमांड एंड कंट्रोल पोस्ट

इसके बाद आता है इंगेजमेंट रडार. ये रडार टारगेट को ढूंढने नहीं, बल्कि उनपर सटीक ढंग से हमला करने में इस्तेमाल होता है. इसमें अधिक ऊंचाई से लेकर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरों को इंगेज करने की क्षमता होती है.

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इंगेजमेंट रडार सिस्टम

इसके बाद आता है इस सिस्टम का हथियार यानी मिसाइल, जिससे टारगेट्स को तबाह किया जाता है. एस 400 में 4 तरह की मिसाइल्स का इस्तेमाल होता है.

- 9M96E शॉर्ट रेंज मिसाइल: रेंज 40 किलोमीटर

-9M96E2 मीडियम रेंज मिसाइल: रेंज 120 किलोमीटर

-48N6 लॉन्ग रेंज मिसाइल: रेंज 250 किलोमीटर

-40N6E अधिकतम रेंज मिसाइल: रेंज 400 किलोमीटर

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मिसाइल लॉन्चिंग सिस्टम

रूस ने दिसंबर 2021 में भारत को इसके पहले यूनिट की डिलीवरी दे दी थी. अगले साल इसके 2 और यूनिट भी आ गए. खबरों के मुताबिक भारत ने अपने पड़ोसियों, चीन और पाकिस्तान को देखते हुए इन्हें तैनात भी कर रखा है. और अब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार इसका इस्तेमाल भी कर लिया है.

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