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छत्तीसगढ़ के 18 लाख बैंक खातों में पड़े 706 करोड़ रुपये का कोई मालिक नहीं, RBI इन पैसों का क्या करेगी?

Chhattisgarh में 18 लाख से ज्यादा ऐसे बैंक खाते मिले हैं, जिनमें पिछले कई समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है. इन खातों में करीब 706 करोड़ की रकम जमा है. ऐसे में सवाल यह है कि अब इन पैसों का ‘माई-बाप’ कौन होगा?

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DEAF से पैसे वापस लेने का आसान तरीका क्या है (सांकेतिक फोटो: आजतक)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक पूरे देश में एक खास अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत बंद या निष्क्रिय बैंक खातों में पड़ी रकम को वापस लौटाया जा रहा है. इस दौरान छत्तीसगढ़ में 18 लाख से ज्यादा ऐसे बैंक खाते मिले हैं, जिनमें पिछले कई समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ है. इन खातों में करीब 706 करोड़ की रकम जमा है. ऐसे में सवाल यह है कि अब इन पैसों का ‘माई-बाप’ कौन होगा?   

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‘जिनका कोई नहीं होता, उनका कौन होता है?’

पहले यह जान लेते हैं कि बैंक अकाउंट्स को कब इनएक्टिव माना जाता है. अगर किसी खाते में दो साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो वो खाता इनएक्टिव या डॉर्मेंट मान लिया जाता है. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि आपका पैसा चला गया. आप कभी भी उस रकम का दावा कर सकते हैं.

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लेकिन, अगर यह राशि पिछले 10 सालों से बैंक खातों में जमा है तो यह RBI इसे अपने अधिकार क्षेत्र में ले सकता है. यह रकम जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (Depositor Education and Awareness - DEA) फंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. DEA फंड, RBI की एक योजना है, जिसका मकसद निष्क्रिय यानी इनएक्टिव पड़े खातों से मिली रकम का इस्तेमाल जमाकर्ताओं के बीच शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए करना है. 

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कैसे करें दावा? 

DEAF से पैसे वापस लेने का तरीका आसान है. बस ये करना है-

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- पोर्टल पर खोजें: सबसे पहले, RBI के उद्गम (UDGAM) पोर्टल पर जाएं. फिर PAN, आधार या नाम से लॉग इन करें और अपना खाता खोजें. यहां आपको पता चल जाएगा कि आपका खाता DEAF में ट्रांसफर किया गया है या नहीं. 

- बैंक से संपर्क करें: जिस बैंक में खाता था, उसकी शाखा या वेबसाइट पर जाएं.

- क्लेम फॉर्म भरें: बैंक से क्लेम फॉर्म लें, भरें और जमा करें.

- जरूरी दस्तावेज दें: पहचान व पते का प्रमाण (KYC दस्तावेज) लगाएं.

- वेरीफिकेशन व भुगतान: बैंक जांच के बाद आपकी राशि जारी करेगा.

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