मोंथा चक्रवात अब धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अब यह गंभीर चक्रवात से बदलकर सामान्य चक्रवात में बदल चुका है. लेकिन फिर भी इसने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में काफी नुकसान पहुंचाया है. यहां के कई जिलों में भारी बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं चलीं. वहीं ओडिशा में भी चक्रवात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.
'मोंथा' साइक्लोन' अपडेट: आंध्र प्रदेश में भारी बारिश और तेज हवाओं ने मचाया कहर, ओडिशा में अलर्ट
Montha Cyclone update: चक्रवात की वजह से आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी, ईस्ट गोदावरी, कृष्णा, काकीनाडा, कोनसीमा, एलुरु और विशाखापत्तनम जिले बुरी तरह प्रभावित हुए. इन जिलों में भारी बारिश हुई और 90-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. मछलीपट्टनम, काकीनाडा और आसपास के तटीय क्षेत्रों में 10 फीट तक ऊंची लहरें उठीं.


मौसम विभाग ने बुधवार, 29 अक्टूबर की सुबह बताया कि रात 2:30 बजे तक चक्रवात का केंद्र आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से 50 किमी, काकीनाडा से 90 किमी और विशाखापत्तनम से 230 किमी की दूरी पर था. वहीं नरसापुर की तरफ से यह जमीन में प्रवेश कर चुका है. अगले 6 घंटों में चक्रवात राज्य के तटीय इलाकों से होते हुए उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा. वहीं उसके अगले 6 घंटे बाद यह कमजोर होकर एक गहरे दबाव क्षेत्र में बदल जाएगा. इस दौरान भी तेज बारिश और हवाएं देखने को मिलेगी.
चक्रवात की वजह से आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी, ईस्ट गोदावरी, कृष्णा, काकीनाडा, कोनसीमा, एलुरु और विशाखापत्तनम जिले बुरी तरह प्रभावित हुए. इन जिलों में भारी बारिश हुई और 90-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. मछलीपट्टनम, काकीनाडा और आसपास के तटीय क्षेत्रों में 10 फीट तक ऊंची लहरें उठीं. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार मामिडिकुदुरु के मकनपालेम गांव में एक महिला के ऊपर पेड़ गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके अलावा कई जगहों पर खंभे और पेड़ उखड़ गए, जिससे बिजली सप्लाई प्रभावित हुई. किसानों की कई हेक्टेयर की फसलें भी तूफान के कारण नष्ट हो गईं.
फ्लाइट और ट्रेनें रद्दचक्रवाती तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश में ट्रांसपोर्ट भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से 32, विजयवाड़ा से 16 और तिरुपति से 4 फ्लाइटें रद्द की गईं. वहीं सोमवार और मंगलवार को दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) जोन में कुल 120 ट्रेनें रद्द की गईं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को ईस्ट कोस्ट रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के साथ 'मोंथा' की तैयारियों की समीक्षा बैठक भी की. इधर, आंध्र प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नेशनल हाइवे समेत सभी सड़कों पर ट्रैफिक रोक दें.
प्रशासन की तैयारीचक्रवात को देखते हुए केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार ने बचाव की तैयारियां पहले से कर ली थीं. इसके लिए NDRF एवं राज्य आपदा बलों की टीमों को तैनात किया गया है. लगातार प्रभावित इलाकों से निकालकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन की ओर से इन इलाकों में कई वायरलेस टॉवर्स और बड़ी लाइट्स लगाई गई हैं, जिससे कम्युनिकेशन यानी संचार बना रहे. आंध्र प्रदेश सरकार ने कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, काकीनाडा, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनसीमा और अल्लूरी सीताराम राजू में 28-29 अक्टूबर की रात 8:30 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू भी लगाया था. इस दौरान वाहनों के आने-जाने पर पूरी तरह से पर रोक लगा दी गई थी. केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को इस कर्फ्यू से छूट दी गई थी. प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने, गैर-जरूरी यात्रा से बचने और सुरक्षा सलाहों का पालन करने की अपील की है.
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ओडिशा में भी अलर्ट जारीइधर, ओडिशा में तूफान के असर को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण मजही ने कहा कि सरकार ने दक्षिणी ओडिशा के आठ जिलों में 2,000 से अधिक आपदा राहत केंद्र बनाए हैं. अब तक 11,396 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. इसके अलावा देवमाली और महेन्द्रगिरि पहाड़ियों जैसे पर्यटक स्थल बंद कर दिए गए हैं. समुद्र तटों पर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दिया गया है. ओडिशा में में नौ जिलों के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र भी 30 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं.
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