भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 (CWG 2030) की मेजबानी करना लगभग तय माना जा रहा है. 26 नवंबर को होने वाली कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में इसका आधिकारिक ऐलान हो जाएगा. लेकिन सवाल यह है कि अहमदाबाद और गांधीनगर में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान को हिस्सा लेने की अनुमति मिलेगी? पहलगाम अटैक और फिर ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में मुकाबला खेली थी. इसे लेकर सरकार की काफी आलोचना हुई थी. लोग जानना चाहते हैं कि अब जब भारत मेजबान होगा तो क्या वह पाकिस्तान को हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित करेगा? इसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है.
पाकिस्तान से खेल जारी, कॉमनवेल्थ गेम्स में मिलेगी एंट्री, रिपोर्ट में दावा
पाकिस्तान और भारत के बीच राजनीतिक तनाव का असर खेल पर भी हुआ. पाकिस्तानी हॉकी टीम ने एशिया कप और जूनियर वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने भारत आने से इनकार कर दिया था.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सरकार पाकिस्तान को हिस्सा लेने से नहीं रोकेगी. यानी खिलाड़ियों को वीजा दिया जाएगा. इस फैसले की बड़ी वजह है इंडिनेशिया. इंडोनेशिया को आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी दी गई थी. हालांकि, इंडोनेशिया ने इजरायल के जिम्नास्टिक खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया. यह उनकी सरकार की पॉलिसी के अधीन था. सरकार की दखल के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी ने बड़ा कदम उठाया था. उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय खेल संस्थाओं से अपील की थी कि इंडोनेशिया को अब किसी भी खेल इवेंट की मेजबानी न दी जाए. साथ ही उनकी ओलंपिक बिड को भी दरकिनार कर दिया गया.
भारत नहीं चाहता है कि ऐसा कुछ उनके साथ हो. इसी कारण वह कॉमनवेल्थ गेम्स से पाकिस्तान को बाहर नहीं करेगा. खेल मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है,
भारत सरकार मल्टी नेशन टूर्नामेंट्स में अपने राजनीतिक दुश्मन पाकिस्तान के साथ खेलने के बारे में हमेशा से अपने रुख पर स्पष्ट रही है. सरकार का रुख अब पूरी तरह से सही साबित हुआ है. पाकिस्तान का बहिष्कार प्रधानमंत्री के 2036 में समर ओलंपिक की मेजबानी के सपने के लिए नुकसानदेह होता. आईओसी हमें इंडोनेशिया की तरह किसी भी अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी करने से बैन कर सकता था. उनके साथ जो हुआ, वह हमारे साथ भी हो सकता था.
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भारत नहीं चाहता कमजोर पड़े ओलंपिक बिडअधिकारी के मुताबिक, भारत नहीं चाहता कि किसी भी कीमत पर उनकी ओलंपिक मेजबानी की दावेदारी कमजोर पड़े. इसलिए वह पाकिस्तान के सभी खिलाड़ियों को वीजा देगा. उन्होंने कहा,
हम 2030 में अहमदाबाद में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन करने की राह पर हैं, और अगर हम पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं करते हैं, तो यह 2036 के ओलंपिक खेलों के लिए हमारी दावेदारी को कमज़ोर करेगा. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सरकार को सोशल मीडिया पर कई नागरिकों की आलोचना झेलनी पड़ी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए इंडोनेशिया पर बैन लगाने के आईओसी के फैसले ने हमारे फैसले को सही साबित कर दिया है.
बैन के बाद इंडोनेशिया 2036 की ओलंपिक रेस से लगभग बाहर हो गया है. भारत 2036 ओलंपिक के लिए मेजबानी की दौड़ में है. भारत लगातार कोशिश में था, लेकिन IOC की नई अध्यक्ष कर्स्टी कोवेंट्री के आने के बाद इन उम्मीदों को झटका लगा. कोवेंट्री ने मेजबान चुनने के पुराने प्रोसेस पर रोक लगा दी. बताया गया कि कमेटी पुराने तरीके का रिव्यू करेगी और उसके बाद ही चीजें आगे बढ़ेंगी.
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