भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने का ऐलान किया. जिसके बाद, पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें SIR प्रक्रिया के बारे में दलों को जानकारी दी गई. इस दौरान नेताओं और अधिकारियों के बीच जमकर हंगामा हुआ. TMC के प्रतिनिधि मंंत्री फिरहाद हकीम (Firhad Hakim) ने तो BJP और चुनाव आयोग को धमकी तक दे डाली.
'CAA थोपने की कोशिश होगी तो टांगें तोड़ देंगे...', BJP और चुनाव आयोग को TMC मंत्री ने दी खुली धमकी
West Bengal के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया के बारे में दलों को जानकारी दी गई. इस दौरान नेताओं और अधिकारियों के बीच जमकर हंगामा हुआ.


आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार, 29 अक्टूबर को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद फिरहाद हकीम ने चुनाव आयोग पर कड़ा रुख अपनाया. तृणमूल कांग्रेस (TMC) मंंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि उनका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी असली वोटर का नाम वोटर लिस्ट से न कटे. अगर ऐसा होता है तो वे SIR का विरोध करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर BJP और चुनाव आयोग मिलकर CAA थोपने की कोशिश करते हैं या वोटर पहचान को लेकर दबाव बनाते हैं, तो वह सख्त रुख अपनाएंगे. आगे उन्होंने कहा,
अगर CAA थोपने की कोशिश होगी तो उनकी पैर तोड़ देंगे. जब तक ममता बनर्जी की सरकार है, तब तक BJP के बाप की भी क्षमता नहीं है कि यहां NRC ला पाएं.
रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री हाकिम ने एक मामले का हवाला दिया, जिसमें उत्तर 24 परगना के एक शख्स ने कथित तौर पर आत्महत्या की और सुसाइड नोट में उसने NRC को जिम्मेदार बताया. बैठक में विशेष रूप से वोटर गिनती फॉर्म और लोगों की पहचान को लेकर सवाल उठे. तृणमूल के साथ-साथ माकपा व कांग्रेस ने भी मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल से कई सवाल किए.
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निर्वाचन आयोग ने 27 अक्तूबर को देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) शुरू करने की घोषणा की है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बिहार में SIR के पहले चरण के पूरा होने के बाद अब यह दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है.
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि साल 2026 में जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वे सभी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे. केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट में SIR किया जाएगा. हालांकि, असम में यह प्रक्रिया नहीं होगी, क्योंकि वहां एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की प्रक्रिया पहले से चल रही है.
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