महाराष्ट्र के नागपुर में हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर उतर गए हैं. पूर्ण कर्जमाफी की मांग को लेकर किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं. किसानों का आंदोलन दूसरे दिन बुधवार 29 अक्टूबर को भी जारी रहा. इसकी वजह से शहर का ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया. गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके बच्चू कडू किसानों के समर्थन में खुद ट्रैक्टर चलाकर नागपुर पहुंचे. उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है.
हजारों किसान सड़कों पर, नागपुर ठप! बच्चू कडू ने सरकार को दी दोपहर तक की डेडलाइन
Nagpur Farmer Protest: किसानों का आंदोलन दूसरे दिन 29 अक्टूबर को भी जारी रहा. महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बच्चू कडू खुद ट्रैक्टर चलाकर हजारों किसानों के साथ नागपुर शहर के बॉर्डर पर पहुंचे. आंदोलनकारी ‘सात बारा कोरा’ (हमारा कर्ज साफ करो) जैसे नारे लगा रहे हैं.


आजतक के इनपुट के मुताबिक, प्रहार जनशक्ति पक्ष के संस्थापक और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बच्चू कडू किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. वह किसानों की मांगों को लेकर महाऐल्गार मोर्चा निकाल रहे हैं. मंगलवार रात वह खुद ट्रैक्टर चलाकर हजारों किसानों के साथ नागपुर शहर के बॉर्डर पर पहुंचे. बुधवार सुबह किसानों ने नागपुर-हैदराबाद हाइवे जाम किया.
जानकारी के मुताबिक, बच्चू कडू के कार्यकर्ताओं ने हाइवे के साथ शहर की छोटी सड़कों भी जाम करना शुरू कर दिया है. कांटों वाले पेड़ सड़क पर डालकर गाड़ियों को रोका जा रहा है. इसकी वजह से करीब 25 किलोमीटर तक जाम लगा. आंदोलनकारियों ने ‘सात बारा कोरा’ (हमारा कर्ज साफ करो) जैसे नारे भी लगाए. कडू ने राज्य सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे मानी नहीं गईं तो वह ट्रेन रोकेंगे और भारत बंद करेंगे.
उधर, इस आंदोलन की वजह से हो रहे ट्रैफिक जाम से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से शहर में आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है. इस दौरान पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है.

प्रहार जनशक्ति पक्ष के संस्थापक और पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने सरकार के सामने कई मांगे रखी हैंः
1. महाराष्ट्र के किसानों के लिए पूर्ण कर्जमाफी हो.
2. भारी बारिश की वजह फसल को होने वाले नुकसान का मुआवजा मिले.
3. राज्य के दिव्यांगों को 6 हजार रुपये/महीना दिया जाए.
4. किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य या MSP दिया जाए.
किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आंदोलन को आम लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. किसान संघ ने नासिक, धुले, पुणे, जलगांव, सोलापुर और सतारा समेत प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों के जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर नुकसान का सर्वे कर मुआवजा, फ्री बीज वितरण और मदद देने की मांग की है.
वीडियो: भिंड में पुलिस और किसानों में भिड़ंत, पुलिस ने जमकर भांजी लाठियां
















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