सीरियल किलर राजा कोलंदर (Serial Killer Raja Kolander) को 25 साल पुराने मर्डर केस (Double Murder Case) में उम्रकैद की सजा सुनाई दिया गया है. उसे दो लोगों की हत्या के मामले में सजा सुनाई गई है. राजा कोलंदर पर आरोप लगा था कि उसने पत्रकार समेत 14 लोगो का न केवल कत्ल किया बल्कि उनकी खोपड़ी क़ो उबाल कर उसका सूप भी पीता था.
हत्या कर खोपड़ियों का सूप पीने वाले राजा कलंदर को उम्रकैद, Netflix पर सीरीज़ बन चुकी है
राजा कोलंदर पर आरोप लगा था कि उसने पत्रकार समेत 14 लोगो का न केवल कत्ल किया बल्कि उनकी खोपड़ी क़ो उबाल कर उसका सूप भी पीता था. दो हत्याओं के केस में उसे सजा सुनाई गई है.

साल 2000 में हुए इस हत्याकांड में दो लोगों के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी पाया गया है. लखनऊ की एक अदालत ने उसे 20 मई को दोषी करार दिया. अब उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
राजा कोलंदर जिसका असली नाम राम निरंजन है. उसने 22 वर्षीय मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण और हत्या की थी. तभी से वह जेल में बंद है. कानूनी पेचीदगियों की वजह से सुनवाई मई 2013 में शुरू हुई थी. अब उसे सज़ा सुनाई गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सरकारी वकील एम. के. सिंह के हवाले से बताया कि अदालत ने राजा कोलंदरऔर उसके सहयोगी को IPC की धारा 364 (हत्या के इरादे से अपहरण या अपहरण), 396 (हत्या के साथ डकैती), 201 (सबूत मिटाना), 412 (डकैती से प्राप्त संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) और 404 (मृत व्यक्ति की संपत्ति का गबन) के तहत दोषी पाया.
राजा कोलंदर पर बनी वेब सीरीज़मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलंदर के बारे में कहा जाता है कि वह इंसानी खोपड़ियों जमा करता और इंसानी मांस भी खाता था. सीरियल किलर राजा कोलंदर पर OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर Indian Predator: The Diary of a Serial Killer नाम से वेबसीरीज़ भी बन चुकी है. पुलिस का दावा था कि यह उसका सिर्फ एकमात्र अपराध नहीं था. उसने कथित तौर पर कम से कम एक दर्जन से ज़्यादा लोगों की हत्या की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज कुमार सिंह के पिता शिव हर्ष सिंह ने इस मामले में केस दर्ज कराया था. उनके मुताबिक, मनोज अपने ड्राइवर रवि के साथ लखनऊ से रीवा (मध्य प्रदेश) के लिए कार से निकले थे. उन्होंने 24 जनवरी 2000 को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन इलाके से एक महिला सहित छह यात्रियों को पिक किया था.
गाड़ी की लास्ट लोकेशन रायबरेली का हरचंदपुर थी. यहां वे चाय पीने के लिए रुके थे. पुलिस का कहना था कि गाड़ी और उसमें बैठे लोगों को फिर कभी नहीं देखा गया. तीन दिन बाद जब पीड़ित और गाड़ी वापस नहीं लौटे तो लखनऊ के नाका पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. इसके बाद मनोज और रवि के क्षत-विक्षत शव इलाहाबाद के शंकरगढ़ जंगल में पाए गए. पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि हुई.
इसके बाद राजा कोलंदर के घर से एक भूरे रंग का कोट बरामद हुआ. परिवार ने इस कोट को मनोज का बताया. परिवारवालों ने कोर्ट में गवाही दी कि राजा कोलंदर, उनकी पत्नी फूलन देवी और अन्य लोग गाड़ी में मौजूद थे. एक अन्य शख़्स ने भी घटना के दिन राजा कोलंदर को देखने की गवाही दी थी.
इस हत्यारे के बैकग्राउंड पर बात करें तो राजा कोलंदर पूर्वी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और एक ऑर्डिनेंस फैक्टरी में काम करता था. वह खुद को नापसंद लोगों को कभी भी सज़ा देने वाला 'राजा' मानता था.
पुलिस ने उसके फार्म हाउस से इंसानी खोपड़ी बरामद की थी. इसी के बाद से उस पर नरभक्षण के आरोप लगे. मनोचिकित्सकों ने उसे एक मनोरोगी बताया. लेकिन अदालतों ने उन्हें केस का सामना करने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ माना.
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