पुडुचेरी की नेदुंगडू विधानसभा सीट से विधायक चंदिरा प्रियंगा (Puducherry MLA Chandira Priyanga) ने एक मंत्री पर ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ का आरोप लगाया है. हालांकि, प्रियंगा ने मंत्री की पहचान सार्वजनिक नहीं की है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि एक मंत्री द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी 'जासूसी' कराई जा रही है.
कौन है वो 'सीनियर मंत्री' जिस पर विधायक चंदिरा प्रियंगा ने उत्पीड़न और जासूसी का आरोप लगाया है?
प्रियंगा ने दावा किया कि उनकी निगरानी के लिए निजी जासूसों को लगाया गया है, जो उनके फोन कॉल्स और गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.


चंदिरा प्रियंगा ने वीडियो में कहा कि उनकी ‘निजी जिंदगी पर नजर’ रखी जा रही है, और ये सब सत्तारूढ़ AINRC-BJP गठबंधन के एक वरिष्ठ मंत्री के इशारे पर हो रहा है. इंडिया टुडे से जुड़ीं अनाघा की रिपोर्ट के मुताबिक विधायक ने दावा किया कि उनके मोबाइल फोन की डिटेल्स भी निकाली जा रही हैं. प्रियंगा ने आगे दावा किया कि जब उन्होंने एक वरिष्ठ अधिकारी से शिकायत दर्ज कराई, तो उन्होंने इसे मजाक समझ कर उनकी चिंताओं को खारिज कर दिया. प्रियंगा ने बताया कि अधिकारी ने उनसे कहा कि, अगर उन्हें कुछ हो गया तो उन्हें अपनी संपत्ति और वसीयत किसी और के नाम कर देनी चाहिए.
वीडियो में प्रियंगा कहती हैं,
“आप नहीं चाहते कि कोई महिला खुद आगे आए. अगर वे आगे बढ़ती है, तो आप उसे अपमानित करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि वे राजनीति के डर से चली जाए. मेरे पिता ने मुझे इस तरह की राजनीति नहीं सिखाई. मैं ये वीडियो इसलिए बना रही हूं क्योंकि आपको लगता है कि आप जो भी करेंगे उस पर कोई सवाल नहीं उठाएगा."
उनका कहना है कि ये सब उनकी छवि को धूमिल करने और उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश के तहत किया जा रहा है. प्रियंगा ने दावा किया कि उनकी निगरानी के लिए निजी जासूसों को लगाया गया है, जो उनके फोन कॉल्स और गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने इसे न केवल उनकी निजता का उल्लंघन बताया, बल्कि लोकतंत्र पर हमला भी करार दिया.
प्रियंगा ने आगे कहा,
"मुझे पता है कि आप मेरे घर से निकलते ही मेरी जासूसी कर रहे हैं और सरकारी सूत्रों का इस्तेमाल करके मेरे फोन की जानकारी हासिल कर रहे हैं. मुझे पता है कि मैं सुरक्षित जगह पर नहीं हूं. अगर मेरे जैसे विधायक और पूर्व मंत्री को इस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है, तो एक आम आदमी का क्या होगा? आप चाहे कुछ भी कर लें, मुझे कुछ नहीं होगा."
प्रियंगा ने ये भी कहा कि उन्हें हाल ही में एक कटआउट के संबंध में समन मिला है. ये कटआउट कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र में अवैध रूप से लगाया गया था, जिस वजह से सार्वजनिक उपद्रव हुआ था. महिला विधायक ने आरोप लगाया कि इस समन के लिए मंत्री जिम्मेदार हैं. प्रियंगा ने दावा किया कि ये उन्हें परेशान करने के लिए किया जा रहा है. विधायक ने बताया कि हो सकता है कि कटआउट उनकी पार्टी के समर्थकों ने उनकी जानकारी के बिना लगा दिया हो.
40 साल बाद मंत्री बनने वाली पहली महिला
बता दें कि प्रियंगा साल 2021 में 40 साल से ज्यादा के अंतराल के बाद केंद्र शासित प्रदेश में मंत्री बनने वाली पहली महिला बनी थीं. इसके बाद उन्हें एन रानागसामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में अनुसूचित जाति कल्याण, परिवहन और कला एवं संस्कृति विभाग सौंपे गए. हालांकि, प्रियंगा ने 2023 में जाति और लैंगिक भेदभाव का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने लेटर में कहा था कि वो अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच लोकप्रियता के कारण विधानसभा में पहुंची थीं. लेकिन उन्होंने महसूस किया कि षड्यंत्र की राजनीति पर काबू पाना इतना आसान नहीं है.
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