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कोलकाता में सेना ने TMC का विरोध मंच हटाया, सीएम ममता बोलीं- 'बीजेपी के हाथों में न जाएं'

सेना के एक अधिकारी के अनुसार, कोलकाता के मैदान क्षेत्र में आयोजनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केवल दो दिन की अनुमति दी जाती है. यदि इससे अधिक समय के लिए आयोजन करना हो, तो रक्षा मंत्रालय से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए बीजेपी पर सेना को "खिलौना" की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. (फोटो- X/ANI)

कोलकाता के मैदान क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा बनाए गए एक विरोध मंच पर भारतीय सेना ने 1 सितंबर को कार्रवाई की. सेना ने इसे हटाना शुरू कर दिया है (Army takes up dismantling of TMC protest stage). महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने बनाए गए इस मंच का इस्तेमाल पार्टी अन्य राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी मजदूरों पर कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए कर रही थी.

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सेना के एक अधिकारी के अनुसार, कोलकाता के मैदान क्षेत्र में आयोजनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केवल दो दिन की अनुमति दी जाती है. यदि इससे अधिक समय के लिए आयोजन करना हो, तो रक्षा मंत्रालय से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. TMC को इस मंच के लिए दो दिन की अनुमति दी गई थी, लेकिन ये लगभग एक महीने तक खड़ा रहा. कई बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद मंच नहीं हटाया गया, जिसके बाद सेना ने कार्रवाई शुरू की.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय सेना दो दिनों की अवधि के लिए कार्यक्रमों की अनुमति देती है. उन्होंने कहा,

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"तीन दिन से अधिक अवधि के आयोजनों के लिए रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है. कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दो दिनों के लिए दी गई थी. हालांकि, मंच लगभग एक महीने से लगा हुआ है. आयोजकों को अस्थायी ढांचा हटाने के लिए कई बार रिमाइंडर भेजे गए हैं.”

अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस को इस बारे में सूचित किया गया था. इसके बाद भारतीय सेना ने ढांचे को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोलकाता पुलिस के पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे. मैदान पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि सेना ने मंच को हटाने का फैसला किया क्योंकि ये कई हफ्ते के विरोध प्रदर्शनों के बाद भी बना रहा.

उधर, TMC ने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया बताया है. पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा,

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“केंद्र सरकार ने पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI का इस्तेमाल किया और अब सेना को लाया गया है.”

उन्होंने घोषणा की कि TMC अब अपना विरोध प्रदर्शन गांधी प्रतिमा के सामने से रानी रासमोनी रोड पर ले जाएगी.

सीएम ममता ने बीजेपी पर लगाए आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए बीजेपी पर सेना को "खिलौने" की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने सेना से तटस्थ रहने और बीजेपी के हाथों में ना जाने की अपील की. सीएम ममता ने कहा,

“मैं सेना को दोष नहीं देती, लेकिन इसके पीछे भाजपा की बदले की राजनीति है. भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार दोषी है.”

सीएम ने पत्रकारों से कहा,

"बीजेपी सेना का दुरुपयोग कर रही है. ये अनैतिक और अलोकतांत्रिक है. वो सेना का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए करना चाहते हैं. यही आज का संदेश है. उन्हें आंतरिक सुरक्षा और सीमा सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए... हमें इस कार्यक्रम की अनुमति मिली थी, हमने इसके लिए फीस भी दी थी..."

ममता ने कहा कि सेना को मंच हटाने से पहले कोलकाता पुलिस से परामर्श करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वो पुलिस को बुला सकते थे, वो कुछ ही मिनटों में मंच हटा देते.

बीजेपी ने कार्रवाई को सही बताया

वहीं सेना की कार्रवाई को सही ठहराते हुए भाजपा ने TMC पर नौटंकी करने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा,

“बिना परमिशन के कोई भी राजनीतिक दल आंदोलन नहीं कर पाएगा, तो TMC क्या है? वो सोचते हैं कि उनकी सरकार है तो कोई भी जगह उनकी होगी. सेना की जमीनें अलग हैं, वो पूरे देश में हैं. हम लोग कुछ करते हैं तो सेना से परमिशन लेते हैं.”

लॉकेट चटर्जी ने कहा कि सेना ने जो किया है, वो ठीक किया है. उन्होंने कहा,

“जो हुआ है, अच्छे के लिए हुआ है. देश की जनता के लिए हुआ है. ममता बनर्जी जो कर रही हैं, वो नौटंकी करेंगी. लेकिन भारतीय सेना अपना काम करेगी.”

बता दें कि कोलकाता का मैदान क्षेत्र भारतीय सेना के अधिकार क्षेत्र में है. सेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय इसके पास ही फोर्ट विलियम में स्थित है.

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