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SCO में शहबाज के सामने पाकिस्तान की किरकिरी, सदस्य देशों ने एक आवाज में पहलगाम हमले की निंदा की

SCO ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की. कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड अस्वीकार्य हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों सहित आतंकवाद का मुकाबला करने का अपील की.

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SCO सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी. (फोटो- PTI)

SCO शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 1 सितंबर को सभी सदस्य देशों ने एक आवाज में पहलगाम में हुआ आतंकी हमले की निंदा की. SCO के घोषणापत्र में सभी देशों ने हमले पर भारत के रुख को दोहराया. कूटनीतिक रूप से इसे भारत की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. यह इसलिए भी खास है क्योंकि आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SCO के सभी सदस्य देशों ने एक स्वर में पहलगाम हमले में मारे गए लोगों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. सदस्य देशों ने कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, हमले में शामिल संगठनों और उसे फंड करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. सदस्य देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथी समूहों का किराए के मकसद के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश स्वीकार्य नहीं है. 

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SCO ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की. कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में डबल स्टैंडर्ड अस्वीकार्य हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों सहित आतंकवाद का मुकाबला करने का अपील की. 

SCO का संयुक्त घोषणा पत्र आने से कुछ देर पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद पर दो टूक अपनी बात रखी थी. मोदी ने कहा था कि आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद सिर्फ किसी देश की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है. कोई देश, कोई समाज, कोई नागरिक अपने आप को इससे सुरक्षित नहीं समझ सकता. इसीलिए आतंकवाद से लड़ाई में, भारत ने एकजुटता पर बल दिया है.

मोदी ने कहा कि पिछले 24 वर्षों में SCO का पूरे यूरेशिया क्षेत्र की विस्तृत परिवार को जोड़ने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है. भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा रचनात्मक और सकारात्मक भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:

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S (एस) - सिक्यूरिटी,

C (सी)  - कनेक्टिविटी,

O (ओ) - opportunity यानी अवसर.

पीएम ने आगे कहा कि भारत पिछले 4 दशकों से निर्मम आतंकवाद का दंश झेल रहा है. कितनी ही माताओं ने अपने बच्चे खोए और कितने बच्चे अनाथ हो गए.
हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा. यह हमला सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर ही आघात नहीं था, यह मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश, हर व्यक्ति को खुली चुनौती थी.

मोदी ने कहा कि ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हमें स्पष्ट रूप से और एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी डबल स्टैंडर्ड स्वीकार्य नहीं है. हमें मिलकर आतंकवाद का हर रंग में हर रूप में विरोध करना होगा. यह मानवता के प्रति हमारा दायित्व है.

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