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मेस्टन रोड ब्लास्ट से पहले इन धमाकों से दहल चुका है कानपुर

और 6 दिसंबर 1993 की दरमियानी रात. बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी थी. लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में पांच ट्रेनों में सिलसिलेवार ब्लास्ट हुए. इन विस्फोटों में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे.

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मेस्टन रोड में 8 सितंबर की शाम ब्लास्ट हुआ. (फोटो- X)

कानपुर शहर के मेस्टन रोड पर बुधवार, 8 अक्टूबर की शाम हुए स्कूटी ब्लास्ट में 7-8 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं (Scooty blast in Kanpur). घायलों में एक महिला भी शामिल है. ब्लास्ट की वजह अभी पूरी तरह साफ नहीं है. हालांकि पुलिस का कहना है कि हो सकता है अवैध पटाखों के स्टॉक में धमाका होने से ये घटना हुई. कानपुर में ब्लास्ट की ये पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी शहर के कुछ इलाके धमाकों से गूंजे हैं.

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1993 ब्लास्ट

5 और 6 दिसंबर 1993 की दरमियानी रात. बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी थी. इसी दिन देश के कई इलाकों में सीरियल ब्लास्ट हुए थे, जिनमें कानपुर भी शामिल था. तब लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में पांच ट्रेनों में सिलसिलेवार ब्लास्ट हुए थे. इन विस्फोटों में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे. इस मामले में जांच एजेंसियों ने इरफान और हमीदुद्दीन को बम रखने का दोषी पाया था. दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

साल 2024 में इस मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को अजमेर में TADA (आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) कोर्ट ने बरी कर दिया था. टुंडा को दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी बताया जाता है. अदालत को ट्रेनों में हुए बम ब्लास्ट में उसे दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले. कोर्ट ने 30 सितंबर, 2021 को ट्रेनों में हुए ब्लास्ट को लेकर टुंडा, इरफान और हमीदुद्दीन के खिलाफ आरोप तय किए थे.

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2008 बजरिया ब्लास्ट

14 अक्टूबर 2008 के दिन कानपुर के बजरिया इलाके में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर एक ब्लास्ट हुआ. हादसे में नौ लोग घायल हुए. जिनमें चार बच्चे शामिल थे. बम एक मोटे, गहरे हरे रंग के कैनवास से बने कैरी बैग में रखा था. ये बैग किराए की साइकिल से लटका हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साइकिल नरेश चंद्र साहू नाम के शख्स के जनरल स्टोर से बस एक फुट की दूरी पर खड़ी थी. विस्फोट की तीव्रता उतनी नहीं थी, इस वजह से कहा गया कि ये पुरानी शराब गद्दी क्षेत्र में दहशत फैलाना के लिए था. इस इलाके में  सांप्रदायिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है.

हालांकि, तत्कालीन SSP हरि राम शर्मा ने इस ब्लास्ट को आतंकी घटना मानने से इनकार किया. उन्होंने भी ये माना कि हो सकता है कि इलाके में दहशत फैलाने के लिए ऐसा किया गया हो.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ब्लास्ट

9 अप्रैल 2019 के दिन कानपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी ‘गन शॉप’ में एक ब्लास्ट हुआ. इस घटना में एक इंजीनियर की मौत हो गई. 8 लोग घायल भी हुए. ये घटना लाइट फील्ड गन (LFG) की बैरल में लगे नाइट्रोजन सिलेंडर में ब्लास्ट की वजह से हुई. इंजीनियर LFG गन की बैरल में स्टैटिक प्रेशर टेस्ट कर रहे थे.

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घटना में मरने वाले एएस राजपूत असिस्टेंट इंजीनियर थे. वहीं घायलों में प्रताप सिंह, पंकज श्रीवास्तव और संदीप केलकर इंजीनियर के पद पर थे. एग्जामिनर द्वारिका और एमपी महतो भी घायल हुए थे. इसके अलावा घायलों में दो दिहाड़ी मजदूर राम चंद्र गुप्ता और करुणा शंकर और एक अन्य व्यक्ति भी शामिल था.

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