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भारत-पाकिस्तान तनाव पर चीन ने कहा, मामले सुलझाने में मदद कर सकते हैं

China On India-Pakistan Tension: चीन ने मसला सुलझाने के लिए मदद का भी ऑफर किया है. चीन ने दोनों पक्षों से शांति, स्थिरता के हित में काम करने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने की अपील की है.

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चीन तनाव कम करने में मदद का ऑफर दिया है. (फाइल फोटो)

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चीन (China On India Pakistan Tension) का बयान सामने आया है. चीन ने पूरे मामले पर चिंता जताई है और आतंकवाद का विरोध किया है. चीन ने दोनों देशों से तनाव कम करने और अंतरराष्ट्रीय तनाव को कम करने की अपील है.

इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भारत-पाकिस्तान तनाव पर गुरुवार, 8 मई को चीन का पक्ष रखा. उन्होंने कहा,

हमने भारत और पाकिस्तान के बीच चल तनाव को लेकर कल चीन ने अपना पक्ष साझा किया है.चीन मौजूदा घटनाक्रम से चिंतित है. चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है. हम दोनों पक्षों से शांति, स्थिरता के हित में काम करने, संयम बरतने और ऐसी कार्रवाइयों से बचने की अपील करते हैं. दोनों देशों को UN चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी ध्यान रखना चाहिए.

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चीन ने मसला सुलझाने के लिए मदद का भी ऑफर दिया है. लिन जियान ने आगे कहा, “भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे. वे दोनों चीन के पड़ोसी भी हैं. हम मौजूदा तनाव को कम करने में भूमिका निभाने के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं.”

इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 मई को भी चीन का बयान सामने आया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया था कि भारत ने 7 मई की सुबह पाकिस्तान में मौजूद ठिकानों पर सैन्य हमले किए. इस पर चीन का क्या कहना है? इस पर जवाब देते हुए प्रवक्ता ने कहा था कि भारत की कार्रवाई ‘अफसोसजनक’ (regrettable) है. 

गौरतलब है कि चीन का भारत से कारोबारी रिश्ता है. डोकलाम और अरुणाचल में दोनों देशों के बीच तनाव हो चुका है. लेकिन कूटनीतिक स्तर पर भारत और चीन के बीच फिलहाल शांति है. दूसरी तरफ पाकिस्तान से चीन के क़रीबी संबंध हैं. चीन ने पाकिस्तान में करोड़ों का निवेश किया हुआ है. 

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चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) और बेल्ट एंड रोड इसमें शामिल है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि चीन फिलहाल यह नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान अस्थिर हो. क्योंकि ऐसी हालत में चीन के करोड़ों के निवेश पर पानी फिर जाएगा. 

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