बिट्स (BITS) के गोवा कैंपस में 20 साल का एक छात्र अपने हॉस्टल रूम में मृत पाया गया है. पुलिस ने कहा है कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रथम दृष्टया ये नेचुरल डेथ का मामला लग रहा है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्र की नींद में ही मौत हो गई.
BITS के हॉस्टल के कमरे में मृत मिला छात्र, कॉलेज ने कहा- 'नींद में ही मौत हो गई'
BITS गोवा कैंपस मई महीने में चर्चा में आया. पता चला कि पिछले दिसंबर से इस कैंपस में आत्महत्या के तीन मामले सामने आए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 16 अगस्त का है. पुलिस ने बताया कि सुबह करीब 11:30 बजे उन्हें मामले की जानकारी मिली. इसके बाद वर्ना पुलिस स्टेशन की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची. एक पुलिस अधिकारी ने बताया,
पिछली रात, उसने परिसर में टेबल टेनिस खेला और बाद में अपने कमरे में लौट गया. कमरा अंदर से बंद था. 16 अगस्त को जब उसने दरवाजा नहीं खोला, तो छात्रावास के अधिकारियों को सूचना दी गई… पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण पता चलेगा.
कॉलेज के अधिकारियों ने कहा है कि मृतक थर्ड ईयर का स्टूडेंट था. वो BE कंप्यूटर साइंस और MSc इकोनॉमिक्स का ड्यूल डिग्री कोर्स कर रहा था. कॉलेज प्रशासन ने अपने बयान में कहा है कि जब उसका कमरा खोला गया, तो छात्र अपने बिस्तर पर बेहोशी की हालत में मिला, मेडिकल टीम ने बताया कि उसकी नींद में ही मृत्यु हो गई. बयान में कहा गया,
बिट्स पिलानी, केके बिड़ला गोवा कैंपस, आज अपने एक छात्र की मृत्यु से अत्यंत दुखी है... पुलिस को सूचित कर दिया गया है. उन्होंने मृत्यु के कारण का पता लगाने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं शुरू कर दी हैं. हम पूरा सहयोग कर रहे हैं…
हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार, उनके दोस्तों और हमारे समुदाय के उन सभी सदस्यों के साथ हैं जो इस आकस्मिक क्षति से प्रभावित हैं.
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ये कैंपस मई महीने में चर्चा में आया. पता चला कि पिछले दिसंबर से इस कैंपस में आत्महत्या के तीन मामले सामने आए हैं. इसके बाद संस्थान ने आंतरिक जांच शुरू की थी. कई घोषणाएं की गईं. जैसे, एकेडमिक कॉन्टेंट को सुव्यवस्थि करना, पाठ्यक्रम में सुधार, पेशेवर मनोवैज्ञानिकों के साथ काउंसलिंग की सुविधा और 24×7 हेल्पलाइन आदी. अधिकारियों ने घोषणा की थी कि मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे छात्रों को छूट दी जाएगी कि वो बाद में परीक्षा दे सकें.
(अगर आप या आपके किसी परिचित को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले विचार आ रहे हैं तो आप इस लिंक में दिए गए हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. यहां आपको उचित सहायता मिलेगी. मानसिक रूप से अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाना उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक बीमारी का इलाज कराना. खुद को नुकसान पहुंचाना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है.)
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