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'समय रहते बताते तो गलतियां सुधारी जा सकती थीं,' वोटर लिस्ट विवाद पर ECI का पलटवार

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कहा कि वोटर लिस्ट की कॉपी राजनीतिक दलों को दी जाती है. चुनाव आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करता है. वहीं, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के समय दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का भी समय दिया जाता है.

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ECI ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. (सांकेतिक तस्वीर-इंडिया टुडे)

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने समय रहते मतदाता सूची की जांच नहीं की. अगर समय रहते गलतियां बताई जातीं तो उन्हें ठीक किया जा सकता था. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होती है. ECI ने कहा कि फाइनल वोटर लिस्ट की कॉपी भी राजनीतिक दलों को दी जाती है. चुनाव आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करता है.

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चुनाव आयोग ने शनिवार, 16 अगस्त को एक प्रेस रिलीज जारी की. इसमें चुनाव आयोग ने मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया के बारे में अहम जानकारी दी. आयोग ने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों और देश के नागरिकों को मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का पूरा मौका दिया जाता है.

चुनाव आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि अगर दावे और आपत्तियां समय पर दर्ज करा दी जाएं, तो मतदाता सूची को उसी समय साफ-सुथरा बनाया जा सकता है.

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वोटर लिस्ट पर चुनाव आयोग की अहम बातें

  • वोटर लिस्ट (निर्वाचक नामावली) कई चरणों में और पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार होती है. इसमें राजनीतिक दलों को भी शुरू से अंत तक शामिल किया जाता है.
  • ECI की गाइडलाइंस के तहत निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO), बूथ लेवल अफसरों (BLO) की मदद से वोटर लिस्ट तैयार करते हैं. ERO, SDM स्तर के अधिकारी होते हैं. ERO और BLO पर साफ-सुथरी वोटर लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी होती है.
  • जब वोटर लिस्ट का मसौदा (ड्राफ्ट) तैयार होता है, उसकी डिजिटल और फिजिकल कॉपी सभी राजनीतिक दलों को दी जाती है. इसे चुनाव आयोग (ECI) की वेबसाइट पर अपलोड भी किया जाता है. इसके बाद पूरा एक महीना मतदाताओं और राजनीतिक दलों को दिया जाता है ताकि अगर लिस्ट में कोई गलती हो तो दावा या आपत्ति दर्ज कर उसे सुधरवाया जा सके.
  • फाइनल वोटर लिस्ट बनने के बाद भी उसकी कॉपी राजनीतिक दलों को दी जाती है. ECI इसे भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता है.
  • अगर किसी को फाइनल लिस्ट पर आपत्ति है, तो वो अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. पहली अपील जिलाधिकारी (DM) के पास कर सकता है. इसके अलावा वह राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास भी अपील कर सकता है.
  • हाल ही में कुछ राजनीतिक दलों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल रोल में गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठाए हैं. इनमें पहले से तैयार वोटर लिस्ट भी शामिल है.
  • अगर गलतियां सही समय पर बताई जातीं तो उन्हें SDM/ERO, DEO और CEO की मदद से पहले ही सुधार दिया जाता.
  • चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल और मतदाता, वोटर लिस्ट को ध्यान से देखें. ऐसा करने से गलतियों की पहचान जल्दी हो सकेगी. उन्हें समय पर सुधारा जा सकेगा. लिस्ट और अधिक साफ-सुथरी बनेगी.

चुनाव आयोग ने कहा कि वोटर लिस्ट की गलतियों को ठीक करना हमेशा उसका उद्देश्य रहा है. आयोग ने आगे कहा कि वो राजनीतिक दलों और किसी भी मतदाता की तरफ से वोटर लिस्ट की जांच का स्वागत करता है.

दरअसल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी राजनीतिक दल वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' का आरोप लगाते हुए प्रेजेंटेशन दी थी. हाल ही में दिल्ली में विपक्षी सांसदों ने चुनाव में कथित गड़बड़ियों को लेकर मार्च भी निकाला था. बीते दिनों केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अनुराग ठाकुर ने भी वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

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