टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का इंग्लैंड दौरा कमाल का रहा. मैनचेस्टर टेस्ट (Manchester Test) ड्रॉ कराने के बाद गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस अंदाज में बात की थी, वो देखकर पुराने गंभीर याद आ गए थे. ये दो महीने तक चली टेस्ट सीरीज में इकलौता मुकाबला था, जिसमें इंग्लैंड का पलड़ा पहले चार दिन भारी था. लेकिन, आखिरी दिन टीम इंडिया ने ऐसा पलटवार किया कि सब दंग रह गए. इस ड्रॉ के बाद गंभीर सिर्फ ये जताने नहीं आए थे कि वो कितने निश्चिंत हैं, बल्कि उन लोगों को जवाब देने आए थे जो उनकी स्ट्रैटजी पर सवाल उठा रहे थे. गंभीर ने साफ कर दिया कि जो लोग उन पर शक करते हैं, उन्हें उनके बारे में पता ही नहीं है.
'सभी फॉर्मेट में एक कप्तान', कोच गंभीर ने टीम इंडिया के ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर बनाया तगड़ा प्लान?
Team India के हेड कोच Gautam Gambhir का India Tour of England कमाल का रहा. अब टीम इंडिया के ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर उनका पूरा प्लान तैयार है. इसे वह जल्द हर फॉर्मेट में लागू करने वाले हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गंभीर का टीम इंडिया के ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर प्लान तैयार है. इसे वह जल्द हर फॉर्मेट में लागू करने वाले हैं. गंभीर ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराकर अपने उन कड़े फैसलों को सही साबित कर दिया है, जो उन्होंने भारत के टेस्ट प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए लिए थे. अब अगले छह महीने उनका पूरा ध्यान लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट पर होगा, जिसकी शुरुआत एशिया कप से होगी. टी-20 टीम को गंभीर ने ही सेट किया है, इसलिए इस फॉर्मेट में उनके लिए काम करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.
गंभीर ने जब से टी20 टीम की कमान संभाली है, तब से एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. रोहित शर्मा के संन्यास के बाद हार्दिक पांड्या के बजाय सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया गया. रोहित और विराट जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में गंभीर को अपनी सोच लागू करने में आसानी हुई.
ये भी पढ़ें : पाकिस्तानी टीम से क्यों बाहर किए गए बाबर आजम? कोच ने ही वजह बताई है
क्या है गंभीर की सोच?गंभीर पहले भी कह चुके हैं कि टी20 वर्ल्ड कप की टीम का चयन IPL के प्रदर्शन के आधार पर होना चाहिए. वो बड़े खिलाड़ियों को उनके कंफर्ट जोन से बाहर निकालने में बिलकुल नहीं हिचकिचाते. इतना ही नहीं, गंभीर नए खिलाड़ियों को जिम्मेदारी देने में भी पीछे नहीं हटते. चाहे वो 2014 में केकेआर के लिए सूर्यकुमार यादव और मनीष पांडे हों या लखनऊ सुपर जायंट्स में आयुष बदोनी को सपोर्ट करना. वॉशिंगटन सुंदर को एक टेस्ट ऑलराउंडर बनाने में भी गंभीर के अटूट समर्थन का बड़ा हाथ माना जाता है. गंभीर की सोच साफ है. उन्हें खिलाड़ियों में निरंतरता चाहिए. चर्चा है कि गंभीर जल्द ही तीनों फॉर्मेट के लिए एक ही कप्तान पर जोर दे सकते हैं, ताकि ड्रेसिंग रूम का माहौल एक जैसा रहे.
गंभीर टी20 टीम को नया रूप देना चाहते हैं. भारत पर अक्सर टी20 क्रिकेट में समय के साथ न चल पाने का आरोप लगता रहा है. गंभीर ने इस समस्या को सुलझाने के लिए टी20 स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों पर भरोसा जताया है. उन्हें खिलाड़ियों के बड़े ग्रुप से भी कोई दिक्कत नहीं है. यही वजह है कि पिछले साल रमनदीप सिंह और मयंक यादव जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया गया.
पिछले एक साल में भारत का आक्रामक टी20 क्रिकेट, इस बात का सबूत है कि गंभीर कैसे काम करना चाहते हैं. यही वो फॉर्मेट है जिसने गंभीर को एक शानदार रणनीतिकार के रूप में पहचान दिलाई. एक दशक से भी पहले उन्होंने केकेआर को दो IPL खिताब दिलाए थे, और 2024 में मेंटर के रूप में लौटकर टीम को तीसरा खिताब भी दिलाया. गंभीर के साथ ड्रेसिंग रूम में रहने वाले लोग कहते हैं कि वो पूरे मैच को 20 ओवर की तरह देखने के बजाय इसे 120 गेंदों में बांटकर देखते हैं. उनका सबसे फेमस कोट है, हर गेंद का असर होना चाहिए. एशिया कप से हमें पता चल सकता है कि अगले कुछ महीनों में गंभीर कैसे काम करना चाहते हैं, लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं है.
वीडियो: इंग्लैंड के साथ सीरीज बराबर तो कर लिया, लेकिन क्या गंभीर इन सवालों के जवाब ढूंढ पाएंगे?