आमतौर पर ईद पर दूसरे एक्टर्स अपनी फिल्में रिलीज़ करने से बचते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लंबे समय तक Salman Khan ईद रिलीज़ेस को डॉमिनेट करते रहे. हालांकि इस साल ईद पर रिलीज़ हुई उनकी फिल्म Sikandar बुरी तरह पिटी. फिल्म सिर्फ 103 करोड़ रुपये का लाइफटाइम कलेक्शन ही कर सकी. ‘सिकंदर’ को AR Murugdoss ने डायरेक्ट किया था. वो इससे पहले ‘गजनी’ और ‘हॉलीडे’ जैसी फिल्में भी बना चुके हैं. हाल ही में मुरुगदास ने ‘सिकंदर’ की नाकामयाबी पर बात की है. वलाईपेचु वॉयस नाम के चैनल को दिए इंटरव्यू में मुरुगदास ने कहा:
सिकंदर एक इमोशनल कहानी थी, मुझसे गलती हुई - एआर मुरुगदास
'सिकंदर' के डायरेक्टर एआर मुरुगदास ने फिल्म की नाकामयाबी पर पहले भी बात की थी. उन्होंने कहा कि तमिल फिल्म ना होने की वजह से उन्हें दिक्कत आई थी.

फिल्म की बेस स्टोरी बहुत इमोशनल है. वो एक महाराज की कहानी है जो अपनी पत्नी को समझ नहीं पाता. हम सभी ऐसे हैं - चाहे वो हमारी मां हो, पत्नी हो या दोस्त. हम अपने रिश्तों को अहमियत नहीं दे पाते. जब कोई हमें हमेशा के लिए छोड़कर चला जाता है तब हम पर उस गिल्ट का बोझ आता है. फिल्म में उस राजा की पत्नी मर जाती है, और उसके ऑर्गन्स को अलग-अलग लोगों को डोनेट कर दिया जाता है. वो उन लोगों को ढूंढता है और उनकी ज़रूरतें पूरी करने की कोशिश करता है. इस दौरान वो एक पूरे गांव को अपना दोस्त बना लेता है. ये एक इमोशनल स्टोरी थी पर मैं उसे ठीक से एग्ज़ीक्यूट नहीं कर सका.
उन्होंने ‘गजनी’ और ‘सिकंदर’ की तुलना पर कहा:
मैं 'गजनी' को इसलिए ठीक से बना पाया क्योंकि वो एक रीमेक थी, ओरिजनल स्क्रिप्ट नहीं थी. मैंने पहले ही वो फिल्म बना ली थी, इसलिए उस पर मेरा पूरा कमांड था. लेकिन 'सिकंदर' के साथ ऐसा नहीं था. मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि मैं हिन्दी सिनेमा में वापसी नहीं करूंगा. मैं ऐसा ज़रूर करूंगा और अपना कम्फर्ट ज़ोन ढूंढूंगा. लेकिन जब ऑडियंस मेरी सोच के साथ कनेक्ट नहीं कर पाती तो उसका मुझ पर गहरा असर पड़ता है.
ये पहली बार नहीं जब मुरुगदास ने ‘सिकंदर’ के फ्लॉप होने पर बात की हो. उन्होंने इससे पहले सिनेमा विकटन नाम के यूट्यूब चैनल से भी बात की थी. तब कहा था:
जब कोई फिल्म मातृभाषा में बनाई जाती है, सिर्फ तभी उस समुदाय के व्यवहार, संस्कृति और दर्शकों की पसंद को सही ढंग से समझा जा सकता है. ऐसे में उन बातों को फिल्म में शामिल किया जा सकता है, जिससे दर्शकों से गहरा जुड़ाव बनता है. लेकिन जब फिल्म किसी दूसरी भाषा में बनाई जाती है, तो ऐसा कर पाना मुश्किल होता है.
मुरुगादास ने बताया था कि हिन्दी में फिल्म डायरेक्ट करते वक्त उन्हें भाषा और कल्चर को समझने में दिक्कत आई थी. उनके मुताबिक:
हम जो डायलॉग लिखते हैं, वो कई लेवल पर ट्रांस्लेट होते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि असली आइडिया क्या था? एक डायरेक्टर के तौर पर, जब तक आप किसी भाषा को अच्छी तरह नहीं समझते, तब तक आप फिल्म में इमोशन को ठीक तरह से नहीं उतार सकते. यही वजह है कि मेरा पूरा पोटेंशियल केवल मेरी मातृभाषा में बनी फिल्मों में ही सामने आ सकता है.
‘सिकंदर’, सलमान खान के करियर की सबसे कमज़ोर फिल्मों में से एक थी. फिल्म के फ्लॉप होने के बाद सलमान ने ब्रेक भी लिया. उसके बाद उन्होंने ‘बैटल ऑफ गलवान’ साइन की. फिलहाल इस फिल्म की शूटिंग चल रही है और इसे 2026 में रिलीज़ किया जाएगा.
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