महाराष्ट्र का बुलढाना (Buldhana) ज़िला. पिछले दिनों यहां करीब 11 गांवों में लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे. कई लोग तो पूरी तरह से गंजे हो गए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बाल झड़ने वाले मरीज़ों की संख्या 150 पार कर चुकी है. इनमें बच्चे, बुज़ुर्ग, पुरुष और महिलाएं सभी शामिल हैं. कई लोगों में सिर के बालों के साथ-साथ दाढ़ी और शरीर के दूसरे अंगों के बाल भी झड़ गए.
खराब पानी से झड़ रहे हैं बाल? डॉक्टर के बताए इन टिप्स से होगा फायदा
Hair Fall Treatment: पिछले दिनों महाराष्ट्र के कुछ गांवों में लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे थे. वहां जांच के बाद पता चला कि इन गांवों का पानी प्रदूषित था.
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लोगों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन गावों का दौरा किया. वहां उन्होंने पानी की टेस्टिंग की. पता चला कि पानी में नाइट्रेट की मात्रा 54 प्रतिशत तक है, जबकि इसे 10 प्रतिशत के अंदर होना चाहिए. वहीं पानी का TDS यानी Total Dissolved Solids भी 2100 आया, जो आमतौर पर 110 होना चाहिए. यानी पानी साफ नहीं है. वो प्रदूषित है.
हालांकि इस बीच, बालों के झड़ने का सही कारण पता करने के लिए ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी की एक टीम बुलढाना पहुंची है. टीम ने बालों, यूरिन और नाखूनों के सैंपल्स लिए हैं. इन सैंपल्स को लैब में टेस्ट किया जाएगा. हालांकि, टीम ने अभी तक जितने भी मरीज़ देखे हैं, उनके बाल जड़ से नहीं गिर रहे, बल्कि केवल टूट रहे हैं.
लेकिन, एक बात तो तय है. जिस पानी से गांववाले नहा-धो रहे हैं, वो साफ नहीं है. अब पानी का बालों के झड़ने से क्या संबंध है, ये हमने पूछा डॉक्टर गोविंद भारतीय से.

डॉक्टर गोविंद कहते हैं कि गंदे पानी में क्लोरीन और दूसरे केमिकल होते हैं. इनसे बालों का नेचुरल ऑयल खत्म हो जाता है. जिससे बालों की नमी और चमक कम होने लगती है. बाल रूखे-सूखे और बेजान हो जाते हैं. यही नहीं, बाल पहले से ज़्यादा टूटने लगते हैं. उनका झड़ना शुरू हो जाता है.
गंदे पानी में मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं. ये मिनरल्स बालों और खोपड़ी पर जमा होने लगते हैं. बालों की जड़ों को ब्लॉक कर देते हैं. इतना ही नहीं, गंदे पानी में धूल-मिट्टी भी होती है. जो स्कैल्प पर जमा होने लगती हैं. नतीजा? बालों को किसी तरह का पोषण नहीं मिल पाता. बाल बहुत ज़्यादा रूखे और कमज़ोर हो जाते हैं. और, टूटने लगते हैं.
प्रदूषित पानी से बाल धोने पर सिर में खुजली भी हो सकती है. डैंड्रफ हो सकता है. साथ ही, स्किन से जुड़े इंफेक्शन भी हो सकते हैं. जैसे एग्ज़िमा.
इसलिए, अगर आपके एरिया में गंदा पानी आता है. या पानी बहुत साफ नहीं है तो बाल धोने के लिए पीने वाले पानी का इस्तेमाल करें. आप फिल्टर वाला पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

आप चाहें तो अपने घर में वॉटर सॉफ्टनर लगा सकते हैं. इससे पानी में TDS का लेवल काफ़ी हद तक कम हो जाता है और साफ़ पानी मिलता है.
इसके अलावा, अपने बालों के टाइप के हिसाब से शैंपू और कंडिशनर चुनें. कोशिश करें कि शैंपू ऐसा हो, जिसमें पैराबने न हो. पैराबने बालों के पोर्स को बंद कर देता है. इससे बालों को पोषण नहीं मिलता और उनकी क्वालिटी खराब हो जाती है. इसी तरह, शैंपू में सल्फेट की मात्रा भी चेक करें. अगर सल्फेट 1 या 2 परसेंट से ज़्यादा है तो वो प्रोडक्ट इस्तेमाल न करें.

नॉर्मल शैंपू के साथ आप हफ्ते में एक बार क्लैरीफाइंग शैंपू भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे बालों को डीप वॉश मिलता है. यानी बालों की एक्स्ट्रा सफ़ाई होती है. ये टिप उन लोगों के लिए है, जिनके एरिया में पानी की क्वालिटी अच्छी नहीं है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. ‘दी लल्लनटॉप ’आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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