सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो खूब वायरल है. वीडियो में पुणे की एक महिला आई-केयर रूटीन कर रही हैं. यानी आंखों की सेहत का ‘ध्यान’ रख रही हैं. लेकिन उन तरीका थोड़ा अलग है. वो पेशाब से अपनी आंखें साफ कर रही हैं. हालांकि ये वीडियो अब डिलीट हो चुका है. पर इसके कॉन्टेंट की वजह से इसने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचाया हुआ है.
आंखों में दिक्कत है तो पेशाब में डुबो लें? वायरल वीडियो पर डॉक्टर ने सब बताया
नुपुर पिट्टी नाम की इंस्टाग्राम यूज़र ने एक रील पोस्ट की थी. इसमें उन्होंने अपने पेशाब से आंखें धोने का तरीका बताया था. मगर कंट्रोवर्सी के बाद रील डिलीट कर दी गई.
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कुछ दिन पहले, नुपुर पिट्टी नाम की इंस्टाग्राम यूज़र ने एक रील पोस्ट की. वो खुद को मेडिसिन-फ्री-लाइफ कोच बताती हैं. रील में उन्होंने बताया कि अपने पेशाब से अपनी ही आंखें क्यों साफ़ करनी चाहिए.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, नुपुर पिट्टी का दावा था कि ऐसा करने से आंखों में जलन, ड्राईनेस और रेडनेस में राहत मिलती है. उन्होंने पेशाब से आंखें साफ़ करने का पूरा प्रोसेस भी बताया.
"सबसे पहले तो अपने पेशाब को दो प्लास्टिक के कप्स में भरें. ये दिन का पहला, यानी सुबह-सुबह का पेशाब होना चाहिए. उनके मुताबिक, सुबह के पहले पेशाब में न तो कोई रंग होता है, न गंध और न ही कोई टेस्ट. अब दोनों कप्स को आंखों के पास ले जाएं और आंखें झपकाना शुरू करें. जितना हो सके, अपने आई बॉल्स को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे हर तरफ घुमाएं जिससे पेशाब आंख के हर हिस्से में पहुंच जाए. ऐसा 4 से 5 मिनट तक करें. अब अपनी आंखों को किसी तौलिए से साफ कर लें. आराम से. आंखों को रगड़े नहीं. इसके बाद अपने हाथों की उंगलियों को आंखों पर रखें, ताकि हथेलियों की गर्मी आंखों को मिले. ऐसा 1 से 2 मिनट तक करना है. और बस आपका यूरिन आई वॉश रूटीन पूरा हुआ."
आंखों को सेहतमंद रखने का ये तरीका काफ़ी हटकर है. सोशल मीडिया पर लोग ‘यूरिन आई वॉश रूटीन’ की हकीकत जाना चाहते हैं. तो इसके बारे में हमने पूछा बीएलके-मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली में कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट, डॉ. भानु मिश्रा से.

डॉक्टर भानु कहते हैं कि किसी को भी पेशाब अपनी आंखों में नहीं डालना चाहिए. ये बहुत ही नुकसानदेह है. पेशाब शरीर से निकली एक गंदगी है. एक वेस्ट प्रोडक्ट, जिसे किडनियों द्वारा छाना जाता है. पेशाब में करीब 95% पानी होता है. बाकी 5% वेस्ट सब्सटेंस होते हैं. यानी ऐसी चीज़ें, जिनकी शरीर को ज़रूरत नहीं है. जैसे यूरिया, क्रिएटनिन, यूरिक एसिड और अमोनिया वगैरह. पेशाब में बैक्टीरिया भी होते हैं. अगर किसी को पेशाब का इंफेक्शन है. तो बैक्टीरिया की संख्या बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है.
ऐसा कुछ करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए. ऐसा करने से आंखों में जलन हो सकती है. आंखें लाल पड़ सकती हैं. कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है. कॉर्निया में इंफेक्शन हो सकता है. कॉर्निया यानी आंखों की सबसे बाहरी परत. अगर इंफेक्शन गंभीर हो जाए तो आंखों की रोशनी तक जा सकती है.

अगर किसी को आंखों से जुड़ी कोई दिक्कत है, जैसे रेडनेस, ड्राईनेस या आंखों में जलन, तो घरेलू उपचार न करें. इससे आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है. हमारी आंखें बहुत नाज़ुक होती हैं. उनमें कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. खुद डॉक्टर बनकर अपना इलाज करने की कोशिश न करें.
इस रील पर 'द लिवर डॉक' नाम से मशहूर डॉ. सिरिएक एबी फिलिप्स ने भी अपनी राय रखी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर रील शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘प्लीज़, अपना यूरिन अपनी आंखों के अंदर न डालें. यूरिन कीटाणु-मुक्त नहीं होता.’
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर चलने वाले ऐसे सभी ट्रेंड और ज्ञान से दूर रहें. ये आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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