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प्रेग्नेंसी में पैरासिटामॉल खाने से बच्चे में बढ़ता है ऑटिज़्म का रिस्क', अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे पर एक्सपर्ट क्या सोचते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 22 सितंबर को प्रेग्नेंट महिलाओं से अपील की है, कि वो टाइलेनोल न ले. दलील ये कि इससे बच्चे में ऑटिज़्म होने का रिस्क बढ़ सकता है. टाइलेनोल एक दवा का ब्रांड नेम है. इसका मेन सॉल्ट एसिटामिनोफेन है. इसे पैरासिटामॉल भी कहते हैं. इसे बुखार उतारने और पेन किलर के तौर पर लिया जाता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फोटो: AP)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 22 सितंबर को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक घोषणा की. ये घोषणा कोई युद्ध रोकने या टैरिफ की धमकी से जुड़ी नहीं थी. बल्कि इस बार ट्रंप ने एक दवा को लपेटे में लिया है.

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ट्रंप ने प्रेग्नेंट महिलाओं से अपील की है, कि वो टाइलेनोल न ले. क्यों? क्योंकि इससे बच्चे में ऑटिज़्म होने का रिस्क बढ़ सकता है. टाइलेनोल एक दवा का ब्रांड नेम है. इसका मेन सॉल्ट एसिटामिनोफेन है. इसे पैरासिटामॉल भी कहते हैं. इसे बुखार उतारने और पेन किलर के तौर पर लिया जाता है.

इस घोषणा के दौरान, ट्रंप के साथ हेल्थ सेक्रेटरी रॉबर्डट एफ कैनेडी जूनियर भी मौजूद थे. कैनेडी ने बताया कि अमेरिका का Food And Drug Administration यानी FDA डॉक्टरों को इस बाबत एक नोटिस भी जारी करेगा. साथ ही, FDA इस दवा पर सेफ्टी लेबल  बदलने की प्रक्रिया शुरू करेगा. लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए पब्लिक हेल्थ कैंपेन भी चलाएगा.

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FDA ने ऐसा करना शुरू भी कर दिया है. एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया गया कि एसिटामिनोफेन यानी टाइलेनोल और इसी तरह के प्रोडक्ट्स पर लेबल बदलने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. इस लेबल में लिखा होगा कि प्रेग्नेंट महिलाओं के एसिटामिनोफेन लेने से बच्चों में न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस जैसे ऑटिज़्म और ADHD का रिस्क बढ़ सकता है. एजेंसी ने पूरे देश में डॉक्टर्स के लिए लेटर भी जारी कर दिया है.

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में जितनी महिलाएं प्रेग्नेंट हैं. उनमें से करीब आधी महिलाएं पैरासिटामॉल लेती हैं. इसे अलग-अलग देशों में अलग-अलग ब्रांड नेम से बेचा जाता है.

अब सवाल ये है कि क्या इन सभी महिलाओं के बच्चों को ऑटिज़्म होने का रिस्क ज़्यादा है? एक्सपर्ट्स की राय बताएंगे आपको. मगर पहले ये समझ लीजिए कि पैरासिटामॉल दवा क्यों खाई जाती है, और जिस ऑटिज़्म की इतनी बात हो रही है, वो क्या है और क्यों होता है.

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डॉ. आस्तिक जोशी, चाइल्ड साइकेट्रिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली

फोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली में चाइल्ड साइकेट्रिस्ट, डॉक्टर आस्तिक जोशी कहते हैं कि पैरासिटामॉल एक आम और सुरक्षित दवा है. इसे बुखार, दर्द और सूजन कम करने के लिए खाया जाता है.

वहीं ऑटिज़्म एक न्यूरो-डेवलपमेंटल कंडीशन है. इसमें बच्चे के व्यवहार, उसके सीखने की क्षमता और दूसरों से बातचीत करने के तरीके पर असर पड़ता है. अब तक ऑटिज़्म होने का कोई सटीक कारण पता नहीं चल सका है. इसमें जेनेटिक और एनवायरमेंटल दोनों तरह के रिस्क फैक्टर्स शामिल हो सकते हैं.

क्या प्रेग्नेंसी में पैरासिटामॉल खाने से बच्चे को ऑटिज़्म हो सकता है? डॉक्टर आस्तिक कहते हैं कि इसका अब तक कोई भी वैज्ञानिक और भरोसेमंद सबूत नहीं है. ये वैज्ञानिक चर्चा का टॉपिक ज़रूर है. लेकिन अब तक ये साबित नहीं हुआ है कि पैरासिटामॉल लेने से सीधे बच्चे में ऑटिज़्म या ADHD होता है.

अमेरिका में ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी में स्पेशलाइज़्ड फिज़ीशियंस की एक एसोसिएशन है. American College of Obstetrics and Gynecology यानी ACOG. इसके प्रेसिडेंट स्टीवन जे. फ्लाइशमैन ने पैरासिटामॉल और ऑटिज़्म के लिंक वाले ट्रंप के बयान को गैर-ज़िम्मेदाराना बताया है. उन्होंने कहा कि कई स्टडीज़ के डेटा से पता चलता है कि एसिटामिनोफेन, जो टाइलेनोल में पाया जाता है, वो प्रेग्नेंट महिलाओं को हेल्दी रखने में एक ज़रूरी और सुरक्षित भूमिका निभाता है.

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मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रेग्नेंसी में पैरासिटामॉल लेने से कोई नुकसान नहीं है, बशर्ते उसे डॉक्टर की सलाह पर लिया जाए

अमेरिका में एक यूनिवर्सिटी है The University of California, Los Angeles. यहां साइकेट्री की प्रोफेसर और ऑटिज़्म में स्पेशलाइज़्ड कैथरीन लॉर्ड ने अल जज़ीरा से बातचीत की. उनका मानना है कि मेडिकल कम्यूनिटी इस बात को लेकर दृढ़ रहेगी कि प्रेग्नेंसी में टाइलेनोल लेने से ऑटिज़्म नहीं होता. लेकिन वो प्रेग्नेंट महिलाओं को ये भी कहेंगे कि दवाओं के इस्तेमाल में हमेशा सावधानी बरतें. उन्हें ये भी समझना होगा कि तेज़ बुखार या दर्द में रहना भी बच्चे के लिए अच्छा नहीं है, इसलिए डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए.

पीडियाट्रिशियन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन में चीफ साइंटिस्ट रह चुकीं डॉक्टर सौम्या स्वामिनाथन एक इंटरव्यू में कहती हैं कि उन्हें पैरासिटामॉल और ऑटिज़्म के बीच कोई प्रमाणित वैज्ञानिक सबूत दिखाई नहीं देता. कई स्टडीज़ में साबित हो चुका है कि पैरासिटामॉल कितनी असरदार है. लेकिन प्रेग्नेंसी में इसे डॉक्टर के कहने पर ही लेना चाहिए. साथ ही, गूगल से किसी भी तरह की मेडिकल सलाह न लें.

डॉक्टर स्वामिनाथन ने ये भी कहा कि अगर किसी दवा को लंबे समय तक खाया जाए, चाहें वो पैरासिटामॉल ही क्यों न हो, उससे नुकसान होता है. पैरासिटामॉल से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है. पर डॉक्टर की देखरेख में इसे लेना सुरक्षित है. इसके लाभ, जोखिमों से ज़्यादा हैं.

कुछ ऐसा ही कहना, ऑस्ट्रेलियाई सरकार की संस्था Therapeutic Goods Administration और यूके सरकार की Medicines and Healthcare products Regulatory Agency का भी है. प्रेग्नेंट महिलाएं पैरासिटामॉल खा सकती हैं. बस उससे पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है. प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी दवा डॉक्टर के कहे बिना न लें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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