HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस. इस वायरस के फैलने की सबसे बड़ी वजह है अनसेफ़ सेक्स. यानी बिना कॉन्डम के सेक्स करना. न सिर्फ़ इससे इन्फेक्शन और बीमारियां फैलती हैं, बल्कि महिलाओं में होने वाले सर्विकल कैंसर का एक बड़ा कारण HPV ही है. सर्विकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह का कैंसर.
अनसेफ सेक्स से फैलता है HPV, फिर सर्विकल कैंसर का खतरा, अब इन 'मेड इन इंडिया' टेस्ट किट से होगा डिटेक्ट
इन HPV टेस्ट किट्स की मदद से सर्विकल कैंसर की पहचान जल्दी की जा सकेगी. ये दोनों HPV टेस्ट किट स्वदेशी होने के साथ-साथ किफायती भी हैं.

World Health Organization के मुताबिक, 2022 में दुनियाभर में सर्विकल कैंसर के 6.60 लाख नए मामले सामने आए थे और साढ़े 3 लाख महिलाओं की मौत हुई थी. वहीं, भारत में सर्विकल कैंसर के 1.27 लाख से ज़्यादा मामले सामने आए थे और 80 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई थीं.
सर्विकल कैंसर का पता लगाने के लिए आमतौर पर पैप स्मीयर नाम का एक टेस्ट किया जाता है. इसमें वजाइना से फ्लूड निकालकर उसकी जांच की जाती है. इस टेस्ट का रिज़ल्ट आने में एक से तीन हफ्ते तक का समय लगता है.
अच्छी ख़बर ये है कि अब हिंदुस्तान में दो ‘मेड इन इंडिया’ HPV टेस्ट किट लॉन्च हुई हैं. इन्हें 23 अप्रैल को लॉन्च किया गया. इनकी मदद से सर्विकल कैंसर की पहचान जल्दी की जा सकेगी. ये दोनों HPV टेस्ट किट स्वदेशी होने के साथ-साथ किफायती भी हैं.

इनमें से एक का नाम है, Truenat HPV-HR Plus. इसे गोवा की Molbio Diagnostics ने बनाया है. दूसरी किट का नाम है, Patho Detect. इसे पुणे की Mylab Discovery Solutions ने तैयार किया है. ये टेस्ट किट्स भारत सरकार के Department of Biotechnology के Grand Challenges India Initiative के तहत तैयार की गई हैं.
इन दोनों HPV टेस्ट किट का सफल साइटिंफिक रिव्यू भी हो चुका है. ये रिव्यू एम्स दिल्ली के एक्सपर्ट्स की एक टीम ने किया है. एम्स के अलावा, नोएडा का नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च और मुंबई का नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ भी इस रिव्यू में शामिल हुए. इस रिव्यू को WHO की एजेंसी International Agency for Research on Cancer का भी सहयोग मिला. इस साइटिंफिक रिव्यू के नतीजे Biotechnology Industry Research Assistance Council की मीटिंग में बताए गए.
ये टेस्ट किट्स बाज़ार में तो आ गई हैं. पर ये काम कैसे करती हैं? ये हमने पूछा एमेरिक्स कैंसर हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के चीफ डॉक्टर आशीष गुप्ता से.

डॉक्टर आशीष कहते हैं कि ये HPV टेस्ट किट्स चिप-बेस्ट रियल-टाइम पीसीआर यानी RT-PCR तकनीक का इस्तेमाल करती हैं. इसमें वायरस के DNA का पता लगाया जाता है. ये तकनीक अपनी सटीकता और तेज़ी के लिए जानी जाती है. ये किट्स 8 हाई रिस्क HPV जीनोटाइप्स का पता लगा सकती हैं.
अब ये जीनोटाइप्स क्या होते हैं? जीनोटाइप यानी उस वायरस की बनावट क्या है.HPV के लगभग अलग-अलग 200 टाइप्स होते हैं. इनमें से कुछ टाइप्स ज़्यादा खतरनाक माने जाते हैं. जैसे HPV-16 और HPV-18. ये सर्विकल कैंसर के 96% से ज़्यादा मामलों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं. इन्हीं 8 सबसे ज़्यादा खतरनाक टाइप्स का पता ये टेस्ट किट लगाती है.
इन टेस्ट किट्स की एक ख़ास बात ये भी है कि इन्हें बड़े लैब की ज़रूरत नहीं होती. ऐसे में जहां संसाधन कम हैं. जैसे गांवों या पिछड़े इलाकों में. वहां इस किट का आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इनकी लागत भी कम है. जिससे ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा सकती है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: गर्मियों में ये 5 सब्ज़ियां खाइए, सेहत बनी रहेगी