‘अरे, तुम तो हेल्दी दिख रहे हो. वज़न भी तुम्हारा ठीक है. फिर तुम्हें चक्कर कैसे आ सकते हैं?’ ‘क्या तुम सच में विटामिन सप्लीमेंट्स लेते हो? तुम्हें क्या ज़रूरत? तुम तो इतना सारा खाते हो. फिर भी शरीर में विटामिन कम हैं.’ पता है, यही दिक्कत है. अक्सर लोग वज़न को पोषण से जोड़ देते हैं. माने अगर व्यक्ति पतला है, तो उसके शरीर में कोई पोषण है ही नहीं. वहीं अगर व्यक्ति ओवरवेट है. उसका वज़न ज़्यादा है, तो उसके शरीर में पोषण ही पोषण है. जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता.
क्या पतला व्यक्ति ही कुपोषित होता है, ओवरवेट वाला नहीं? डॉक्टर ने सारे भ्रम तोड़ दिए
अक्सर लोग वज़न को पोषण से जोड़ देते हैं. अगर व्यक्ति पतला है, तो उसके शरीर में कोई पोषण है ही नहीं. अगर व्यक्ति ओवरवेट है, तो उसके शरीर में पोषण ही पोषण है. जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता.
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कोई व्यक्ति ओवरवेट होने के बावजूद कुपोषित हो सकता है. उसके शरीर में ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. मगर ऐसा कब होता है? ये हमें बताया शारदा केयर हेल्थसिटी, ग्रेटर नोएडा के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉक्टर अभिषेक दीपक ने.

डॉक्टर अभिषेक बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति तली-भुनी चीज़ें बहुत ज़्यादा खाता है. जैसे कचौड़ी, पकौड़ी, समोसे वगैरह. तो उसका वज़न तो बढ़ेगा. लेकिन उसे कोई पोषण नहीं मिलेगा. क्योंकि ऐसी चीज़ों में कोई पोषक तत्व होता ही नहीं. न विटामिन, न मिनरल, न फाइबर और न ही प्रोटीन. सिर्फ कैलोरी और अनहेल्दी फैट होता है.
इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा प्रोसेस्ड फूड्स खा-पी रहा है. जैसे चिप्स, पैकेज्ड सूप, केक, बिस्कुट, चॉकलेट और कोल्ड ड्रिंक वगैरह. तो इनसे भी उसका वज़न तो बढ़ेगा. पर कोई पोषक तत्व नहीं मिलेगा. क्यों? क्योंकि प्रोसेस्ड चीज़ों में भर-भरकर प्रिज़रवेटिव्स, आर्टिफिशियल कलर्स और स्वीटनर्स डाले जाते हैं. इनमें अनहेल्दी फैट भी होता है. ये सारे सिर्फ बीमारियां देते हैं. कोई पोषण नहीं.

अगर आपके खाने में प्रोटीन और फाइबर नहीं है. या बहुत कम है. तब भी वज़न तो बढ़ता है. पर पोषण उतना नहीं मिलता. दरअसल, खाने में प्रोटीन और फाइबर कम होने से बार-बार भूख लगती है. हर कुछ देर में. इस चक्कर में व्यक्ति ज़रूरत से ज़्यादा खा जाता है. इससे उसका वज़न तो बढ़ता है. पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी बनी रहती है.
कुछ मेडिकल कंडीशंस में लोगों को खाना पचाने या पोषक तत्व एब्ज़ॉर्व करने में दिक्कत होती है. जैसे गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी होना. किसी को सीलिएक डिज़ीज़ या क्रोहन्स डिज़ीज़ होना. ऐसी कंडीशन्स में शरीर पोषक तत्वों को ठीक से एब्ज़ॉर्व नहीं कर पाता. इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. और वज़न ज़्यादा होने के बावजूद व्यक्ति कुपोषित हो सकता है.
समझे, ज़्यादा वज़न होने का मतलब ये नहीं कि व्यक्ति के शरीर में पोषण ही पोषण है. अगर उसका खान-पान ठीक नहीं है. वो हेल्दी डाइट नहीं लेता. या कोई मेडिकल कंडीशन है. तो ओवरवेट होने के बावजूद व्यक्ति कुपोषित हो सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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