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'किसानों को पैसे देकर आंदोलन में बैठने को कहा जा रहा', वायरल वीडियो का सच क्या है?

इस वीडियो को जितेंद्र प्रताप सिंह नाम के यूजर ने भी शेयर किया है. इस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फॉलो करते हैं.

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किसान आंदोलन के बीच पैसों की लेन-देन से जुड़ा एक वीडियो वायरल है. (तस्वीर:सोशल मीडिया/PTI)
दावा:

पंजाब के किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को शुरू हुए 10 दिन से अधिक हो चुके हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चार दफ़ा हुई बातचीत से भी कोई सुलह नहीं हो सकी. ‘दिल्ली चलो’ के नारे के साथ किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे हुए हैं. इस बीच किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो (Farmers Protest Viral Video) सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. इसी कड़ी में एक वीडियो वायरल है, जिसमें कुछ व्यक्ति आपस में पैसों को लेकर बहसबाजी करते नज़र आ रहे हैं. बहस हाथापाई की नौबत तक आ गई. इस वीडियो को शेयर करके कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को पैसे दिए गए हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर वीडियो को जितेंद्र प्रताप सिंह नाम के यूजर ने भी शेयर किया है. इस महोदय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फॉलोबैक का 'सौभाग्य' प्राप्त है. जितेंद्र वायरल वीडियो को शेयर करते हुए प्रदर्शनकारी किसानों को दलाल बता रहे हैं.

इसके अलावा एक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 

“एक महीने तक बॉर्डर पर बैठने के रेट पर बहस हो रही है. सामने वाला 40000 रुपए बोल रहा है. दलाल कह रहा है यार एक महीने का 35000 ठीक है. तेरी खेती बाड़ी तो वहां मजदूर कर ही रहे हैं तेरे को बस यहां बैठता है. खाना मिलेगा दारू मिलेगी तो 35000 ले ले, यह इनकी सच्चाई है.”

ऐसे ही कई अन्य यूजर्स के पोस्ट यहां और यहां देख सकते हैं. कुल जमा बात ये कि वीडियो काफी वायरल है. 

पड़ताल

क्या किसानों ने आंदोलन में शामिल होने के लिए पैसे लिए हैं? वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके एक फ्रेम को गूगल रिवर्स सर्च किया. हमें फेसबुक पर मनजीत सिंह नाम के एक यूजर का 20 जनवरी, 2024 को किया गया पोस्ट मिला. इसमें वायरल वीडियो मौजूद है. इसके कैप्शन को गुरमुखी में लिखा गया है जिसका हिंदी अनुवाद है, 

“देखिए ट्रैक्टर डील कैसी चल रही है, मुझे लगता है कि 35000 का ट्रैक्टर 50000 के दाम में बिकेगा.”

ट्रैक्टर की खरीद के वीडियो का स्क्रीनशॉट 

इससे यह समझ आ रहा कि वीडियो किसी ट्रैक्टर की खरीद-फरोख्त से संबंधित है. पंजाबी भाषा में कीवर्ड सर्च करने पर हमें वीडियो कई अन्य फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर भी मिले, जिसे आप यहां और यहां देख सकते हैं. ये सभी वीडियो भी 17-18 जनवरी के आसपास ही अपलोड किए गए हैं.

यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि हालिया किसान आंदोलन की सुगबुगाहट 10 फरवरी के बाद शुरू हुई है. वीडियो उससे करीब 20 दिन पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.

हमने अधिक जानकारी के लिए इंडिया टुडे से जुडे संगरूर के स्थानीय पत्रकार बलवंत से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि वीडियो का किसान आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है. बलवंत ने हमें बताया, 

“मैं इस वीडियो को करीब 4-5 महीने से देख रहा हूं. दरअसल, पंजाब में कई तरह की मंडिया हैं, जहां सामान खरीदें और बेचे जाते हैं. ऐसी ही ट्रैक्टर खरीदने-बेचने की भी मंडी लगती है. जहां ग्राहक, खरीददार और बिचौलिए ट्रैक्टर की खरीद फरोख्त करते हैं. ये वीडियो उसी का है.”

इसके अलावा ‘आजतक’ की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में काली पगड़ी पहना व्यक्ति ट्रैक्टर बेच रहा है जबकि गुलाबी पगड़ी वाला शख्स बिचौलिया है. यह बातचीत ट्रैक्टरों की सौदेबाजी और ट्रैक्टर में लगने वाले पार्ट्स को लेकर हो रही है.

निष्कर्ष

कुलमिलाकर, ट्रैक्टर की खऱीद का वीडियो हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है. इसका किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.

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