दरअसल, 1962 में रिलीज हुई सत्यजीत राय की फ़िल्म 'अभिजान' में वहीदा रहमान ने गुलाबी का रोल किया था. ये फ़िल्म वहीदा ने तब चुनी जब वो 'प्यासा' (1957), 'काग़ज के फूल' (1959)और 'चौदहवीं का चांद' (1960) जैसी फ़िल्मों से बहुत बड़ी स्टार बन चुकी थीं. इसमें उनकी कास्टिंग यूं हुई, कि सत्यजीत राय ने किसी के ज़रिए वहीदा के घर पत्र भिजवाया जिसमें लिखा था,
''मेरे लीडिंग मैन सौमित्र चैटर्जी और मेरी यूनिट का मानना है कि मेरी अगली फ़िल्म की हीरोइन गुलाबी के रोल में आप सबसे उपयुक्त हैं. अगर आप ये रोल करने को हां कहती हैं तो मुझे बड़ी खुशी होगी.''

फिल्म 'अभिजान' की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर सत्यजीत राय और वहीदा रहमान.
वहीदा बहुत खुश हुईं कि सत्यजीत राय जैसे फ़िल्मकार ने उन्हें इस रोल में सोचा. कुछ दिन बाद वहीदा ने राय को फोन किया जो सामने से बोले, ''वहीदा, आप हिंदी फ़िल्मों में बहुत सारा पैसा कमाती हो. मैं छोटे बजट वाली छोटी फ़िल्में बनाता हूं.'' इस पर वहीदा ने जवाब दिया, ''साहब, मुझे क्यों लज्जित कर रहे हैं? मेरे लिए ये गर्व की बात है. आपने अपने साथ काम करने की बात करके मुझे इतना सम्मान दिया है. पैसे की कोई समस्या नहीं है. आप आगे से इसका ज़िक्र नहीं करना.''
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