2. कहानी में अनिल कपूर फन्ने खां बने हैं. नब्बे के दशक में वो अपने मुहल्ले में झनकार ऑर्केस्ट्रा का स्टार फनकार हुआ करता था. गायकों में मोहम्मद रफी का दीवाना और स्टेज परफॉर्मेंस में शम्मी कपूर का. लेकिन जैसे जैसे वक्त गुजरा वो अपने सपनों को न पा सका. गृहस्थी में सेट होना पड़ा. घर पालने के लिए टैक्सी चलाने लगा और सब ड्रीम पीछे छूट गए. अब हाथ में एक ट्रंपेट रह गई है जो छत पर जाकर बजा लेता है.

3. फन्ने खां के घर में पत्नी (दिव्या दत्ता) है और एक लाडली बेटी है. नाम है लता. बेटी का सपना भी बाप वाला ही है. उसे बहुत बड़ी स्टार सिंगर बनना है. लेकिन सब उसे मोटी कहकर चिढ़ाते हैं. उसकी गायकी को लेकर भी मज़ाक किए जाते हैं. पिता अंत में फैसला करता है कि उसके लिए खुद एक सुपरहिट एल्बम बनाएगा. मगर पैसा उसके पास है नहीं. बेटी हमेशा ताने देती है कि वो ऐसा बाप है जो बेटी को पैसे से सपोर्ट नहीं कर सकता. लेकिन फन्ने भी सोच लेता है कि - "मैं मोहम्मद रफी नहीं बन पाया, लेकिन तेरे को लता मंगेशकर ज़रूर बनाऊंगा."

4. यहीं पर बेबी की एंट्री होती है. वो देश की बड़ी सिंगिंग स्टार है. एक रिबन काटने के 30 लाख लेती है. अपने बेटी के सपने को पूरा करने के लिए फन्ने के पास कोई चारा नहीं बचता और वो सिंगर को किडनैप कर लेता है. फिर क्या-क्या रोचक बातें होती हैं ये फिल्म में आता है. कहानी में बेबी का ये रोल ऐश्वर्या राय बच्चन ने किया है. वे और अनिल लंबे समय बाद साथ काम कर रहे हैं. इससे पहले 'हमारा दिल आपके पास है' (2000) और 'ताल' (1999) में दोनों ने साथ अभिनय किया है.

5. बेबी को किडनैप करने के लिए फन्ने जिस परिचित की मदद मांगने जाता है वो रोल राजकुमार राव ने किया है. उनका किरदार बहुत ही भोला और फनी है. इस साल 'ओमर्टा' जैसी थ्रिलर में राजकुमार आतंकवादी ओमर शेख के रोल में दिखे थे.

6. अतुल मांजरेकर ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है. ये उनकी पहली फीचर फिल्म होगी. इससे पहले अतुल विज्ञापन फिल्में बनाते रहे हैं. राकेश ओमप्रकाश मेहरा की 2001 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन स्टारर फिल्म 'अक्स' में अतुल असिस्टेंट एडिटर थे.

फिल्म के दो पोस्टर हाल में आए तो अंदाजा हो गया था कि इसमें अनिल और राजकुमार के किरदार क्या करते हैं.
7. इस मूवी को 2000 में आई बेल्जियन फिल्म 'एवरीबडी इज़ फेमस' की रीमेक माना जा रहा है. उसे ऑस्कर की बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था. कहानी एक 17 साल की लड़की की थी जो कई सिंगिंग कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेती है लेकिन कहीं नहीं जीत पाती है. ऐसे में उसका निठल्ला पिता देश की टॉप सिंगर को किडनैप करने का प्लान बनाता है. कुछ ऐसा होता है कि उसकी बेटी का करियर आगे बढ़ने लगता है. उधर ऐसा करने से उस सिंगर के नए एलबम की बिक्री बहुत बढ़ जाती है. ये फायदा होते देख उस सिंगर का मैनेजर उस लड़की के पिता से डील करता है कि वो उसकी बेटी को स्टार बना देगा लेकिन उसे उस सिंगर को किडनैप ही रखना होगा.
8. चूंकि फिल्म म्यूज़िकल है तो इसमें म्यूजिक पर खास ध्यान दिया जाना है. अमित त्रिवेदी से फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और गाने कंपोज करवाए गए हैं. इरशाद कामिल ने गाने लिखे हैं.
9. इस फिल्म के साथ अनिल कपूर के करियर का एक घेरा पूरा होता है. क्योंकि 35 साल पहले उन्होंने बतौर लीड एक्टर पहली हिंदी फिल्म की थी - 'वो सात दिन'. उस फिल्म में भी उनका कैरेक्टर म्यूजिक का दीवाना होता है और सिंगर-कंपोजर बनना चाहता है. 'फन्ने खां' में अनिल ट्रंपेट बजाते हैं तो 'वो सात दिन' में हार्मोनियम. दोनों में ऐसी अनूठी समानताएं हैं.

10. राकेश ओमप्रकाश मेहरा और अनिल कपूर की कंपनियों ने टी-सीरीज के भूषण और कृषण कुमार व अन्य के साथ मिलकर इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है. 'फन्ने खां' 3 अगस्त को रिलीज होगी.
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