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12वीं पास युवा ऐसे बनें आर्मी में अफसर, 3 साल की ट्रेनिंग पूरी होते ही मिलेगी 56 हजार सैलरी

इंडियन आर्मी ने टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES 2022) के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. joinindianarmy.nic.in पर जाकर कर सकते हैं अप्लाई.

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TES में 5 साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कैंडिडेट्स को इंजीनियरिंग की डिग्री भी दी जायेगी (सांकेतिक तस्वीर- PTI)

इंडियन आर्मी (Join Indian Army) ने टेक्निकल एंट्री स्कीम (Army TES 2022) के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. NDA के अलावा TES के जरिए भी 12वीं के बाद कैंडिडेट्स के पास सीधे आर्मी में अफसर बनने का मौका होता है. जो कैंडिडेट इसके लिये अप्लाई करना चाहते हैं वो इंडियन आर्मी की ऑफिशियल वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. 

Indian Army TES के लिए एलिजिबिलिटी 

TES में कुल 90 सीट्स हैं. ऑफिशियल नोटिफिकेशन के मुताबिक ये प्रोविजनल हैं. यानी इसे बदला भी जा सकता है. ट्रेनिंग एकेडमी की ट्रेनिंग क्षमता के अनुसार इसे कम-ज्यादा भी किया जा सकता है. TES भर्ती के लिये मेल कैंडिडेट्स ही अप्लाई कर सकते हैं, वो भी जिनकी शादी ना हुई हो. इसके लिये 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास होना जरूरी है. 12वीं में PCM यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स सबजेक्ट्स की पढ़ाई की हो और इन तीनों सबजेक्ट्स में 60 प्रतिशत नंबर भी होने चाहिये. इसके अलावा JEE का मेन 2022 एग्जाम दिया होना चाहिये. TES के लिए अप्लाई करते समय JEE Main का रजिस्ट्रेशन नंबर भी बताना होता है. TES के लिये एज लिमिट साढ़े 16 वर्ष से साढ़े 19 वर्ष है. इन सब एलिजिबिलिटी के अलावा कैंडिडेट को मेडिकली फिट होना चाहिये.

परमानेंट कमीशन में शामिल होने का मौका

TES के लिए सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को ट्रेनिंग के बाद आर्मी की परमानेंट कमीशन में लेफ्टिनेंट की रैंक दी जायेगी. ये ट्रेनिंग 5 साल की होती है. जिसमें एक साल की बेसिक ट्रेनिंग, ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) में होगी. इसके बाद तीन साल की प्री-कमीशन ट्रेनिंग और एक साल की पोस्ट-कमीशन ट्रेनिंग होगी. फाइनल एग्जामिनेशनके बाद कैंडिडेट्स को इंजीनियरिंग की डिग्री भी दी जायेगी. ये डिग्री JNU से अफीलिएटेड होगी.

कैसे होता है सेलेक्शन?

12वीं में PCM के नंबरों के आधार पर ही कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जायेगा. इसके बाद कैंडिडेट्स को SSB इंटरव्यू के लिये बुलाया जायेगा. ये एक तरह का इंटरव्यू होता है, जहां दो राउंड होते हैं. पहला राउंड स्क्रीनिंग का होता है जो कि पहले दिन होता है. इसमें कुछ टेस्ट होते हैं जिनके आधार पर कैंडिडेट्स को जज किया जाता है. पहले दिन कुछ कैंडिडेट्स को टेस्ट में रिजल्ट के आधार पर बाहर कर दिया जाता है. जो कैंडिडेट्स पहले दिन सेलेक्ट हो जाते हैं उन्हें चार दिन कॉन्फ्रेंस तक रोका जाता है.

इन चार दिनों में कई तरह के वर्बल और नॉन-वर्बल टेस्ट होते हैं. इसके अलावा ग्रुप टास्क जैसे टेस्ट भी होते हैं. एक दिन कैंडिडेट को पर्सनल इंटरव्यू के लिये भी बुलाया जाता है. चार दिन की परफॉरमेंस के हिसाब से रिजल्ट जारी किया जाता है. पांच दिन के बाद जो कैंडिडेट्स फाइनली सेलेक्ट किए जाते हैं उन्हें मेडिकल के लिये बुलाया जाता है. मेडिकल एग्जामिनेशन होने के बाद फाइनल मेरिट लिस्ट जारी की जाती है. फाइनल लिस्ट में जो कैंडिडेट्स सेलेक्ट होते हैं उन्हे ट्रेनिंग के लिये एकेडमी भेजा जाता है.

रैंक के हिसाब से सैलरी स्ट्रक्चर
कितनी सैलरी मिलती है?

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद कैंडिडेट को परमानेंट कमीशन दी जाती है और वो लेफ्टिनेंट की रैंक पर सेना में शामिल होता है. तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कैंडिडेट्स को हर महीने 56 हजार 100 रुपये मिलते हैं. चार साल पूरे होने के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट की रैंक की सैलरी दी जाती है. इसके अलावा लेफ्टिनेंट से ब्रिगेडियर की रैंक तक 15 हजार 500 रुपये मिलट्री सर्विस पे (MSP)भी दिया जाता है. इन सब के अलावा कई तरह के अलाउंसेज भी मिलते हैं, जैसे यूनिफॉर्म अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, बच्चों की एजुकेशन के लिये अलाउंस व अन्य. 

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