स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की परीक्षा प्रक्रिया को लेकर कई तरह के विवाद चल रहे हैं. अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने SSC को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं. पिछले दिनों इसको लेकर राजधानी दिल्ली में प्रोटेस्ट भी किया गया. छात्रों की आपत्ति इस बात को लेकर भी है कि परीक्षा देने के लिए उनको अपने होमटाउन से बहुत दूर जाना पड़ता है. SSC की ओर से अभ्यर्थियों के एग्जाम सेंटर उनके घर से बहुत दूर दे दिए जाते हैं.
SSC एग्जाम के सेंटर 200 किमी दूर क्यों दिए गए? इसकी वजह चेयरमैन ने बताई
SSC के चेयरमैन एस गोपालकृष्णन का कहना है कि वो भविष्य में अभ्यर्थियों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं कि उन्हें फ्लाइट में सीट चुनने जैसी ही आजादी एग्जाम सेंटर चुनने में मिले. इंटरव्यू के दौरान उनसे छात्रों को एग्जाम सेंटर काफी दूर दिए जाने पर भी सवाल पूछा गया, जिसका उन्होंने जवाब दिया है.

लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में SSC के चेयरमैन एस गोपालकृष्णन से इस बारे में सवाल पूछा गया. उन्होंने जवाब दिया,
देश की बाकी परिक्षाओं की स्थिति अलग है. लेकिन SSC के मामले में स्थिति ऐसी है कि कुछ जगहों पर ज्यादा सेंटर्स हैं, लेकिन कैंडिडेट्स कम हैं. कई जगहों पर ऐसा है कि सेंटर्स कम हैं और कैंडिडेट्स ज्यादा. और शिफ्ट की संख्या भी सीमित है…
अभी हमने जो स्टेनो एग्जाम लिया है, उसमें सब मिला के 11 लाख कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया. लगभग 80 प्रतिशत कैंडिडेट्स को वही सेंटर दिया गया, जो उन्होंने फर्स्ट, सेकंड और थर्ड च्वॉइस में मांगा. 20 प्रतिशत को हमने दूसरे जगह सेंटर दिया है, और उसका एवरेज 200 किलोमीटर है. ये घटता जाएगा, घटता जाएगा.
कुछ साल बाद हम इस हद तक पहुंचना चाह रहे हैं कि जैसे फ्लाइट टिकट में सीट चुनते हैं, उस तरह से सारे कैंडिडेट्स के लिए सेंटर चुनने का प्रावधान करेंगे. ये एक शुरुआती मुद्दा है. सेंटर्स मिलते-मिलते… अच्छे सेंटर्स मिल रहे हैं. कई जगह कुछ सेंटर्स हैं, जो बहुत बदनाम हैं. उनके कारण समस्या हो रही है. भविष्य के लिए मुझे भरोसा है कि इन समस्याओं को कम किया जाएगा.
SSC चेयरमैन एस गोपालकृष्णन से छात्रों की अन्य समस्याओं के बारे में भी सवाल पूछा गया है, जिनका उन्होंने खुलकर जवाब दिया है. आप इस पूरे इंटरव्यू को इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं.
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शिक्षकों को डिटेन किया गया
31 जुलाई को SSC अभ्यर्थी और देशभर के कई जाने-माने शिक्षक केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे. इस प्रदर्शन को 'दिल्ली चलो' का नाम दिया गया था. प्रदर्शन में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली चर्चित शिक्षिका नीतू और अभिनय समेत तमाम शिक्षक शामिल हुए. हालांकि, पुलिस ने कई शिक्षकों को डिटेन कर लिया और उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया, जिसके बाद जंतर मंतर पर प्रदर्शन हुआ.
वीडियो: एग्जाम सेंटर, 'गड़बड़ी', प्रोटेस्ट... SSC चेयरमैन एस गोपालकृष्णन ने इंटरव्यू में सब बताया