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SBI और BOB सहित देश के सभी बैंकों का डोमेन नेम क्यों बदल गया?

बैंकों की वेबसाइट का डोमेन अब बदल गया है. sbi.in अब sbi.bank.in हो गया है तो ICICI.com भी अब icici.bank.in है. वित्तीय सर्विस वाले संस्थान मतलब क्रेडिट कार्ड से लेकर लोन देने वालों की वेबसाइट के अंत में भी अब fin.in लगा दिखेगा.

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बैंकिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव हो गया है

31 अक्टूबर 2025 से हमारी बैंकिंग प्रणाली में बहुत बड़ा बदलाव हो गया है. यह बदलाव साइबर अपराधों से लेकर ऑनलाइन ठगी को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा. आज से भारतीय बैंकिंग की नई पहचान आ गई है. पता है-पता है, आपको ऐसा कोई चेंज सामने से नजर नहीं आ रहा होगा. आएगा भी नहीं क्योंकि आप और हम तो बैंक के ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. दरअसल चेंज हुआ है बैंक और वित्तीय संस्थानों की वेबसाइट में. बैंक की वेबसाइट अब .com या .in नहीं रह गई हैं.

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बैंकों की वेबसाइट का डोमेन अब बदल गया है. sbi.in अब sbi.bank.in हो गया है तो bankofbaroda.com भी अब bankofbaroda.bank.in है. वित्तीय सर्विस वाले संस्थान मतलब क्रेडिट कार्ड से लेकर लोन देने वालों की वेबसाइट के अंत में भी अब fin.in लगा दिखेगा.

अपना डोमेन (Domain)

बैंक की वेबसाइट के आखिर में bank.in लग जाने की वजह आरबीआई का वो सर्कुलर है जो 21 अप्रेल 2025 को जारी हुआ था. केंद्रीय बैंक ने देश के सभी बैंकों को अपना डोमेन बदलने के लिए कहा था. इसमें देसी से लेकर विदेशी बैंक भी शामिल हैं. आरबीआई के मुताबिक इस बदलाव का उद्देश्य साइबर सुरक्षा में सुधार, धोखाधड़ी को कम करना और डिजिटल बैंकिंग में जनता का विश्वास बढ़ाना है.

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SBI, ICICI, PNB Bank & others have changed their website domain names on RBI’s instructions
sbi.bank.in
अपना फायदा

आपका और हमारा क्या फायदा होगा, उसके पहले जरा सा डोमेन का मतलब जान लेते हैं. जैसे हमारे घर या ऑफिस का पता होता है, वैसे ही इंटरनेट की दुनिया में 'डोमेन' एक खास वेबसाइट, सर्विस, या डिवाइस की पहचान करने के लिए एक यूनिक नाम होता है. इसका इस्तेमाल वेबसाइटों, ईमेल सर्वरों, और अन्य नेटवर्क संबंधित सेवाओं की पहचान में होता है.

माने वेबसाइट तक जाने का दरवाजा समझ लीजिए. एक डोमेन के दो भाग होते हैं. इसमें एक होता है टॉप-लेवल डोमेन (TLD). कुछ सामान्य TLD उदाहरण हैं- .com (कॉमर्शियल), .org (संगठन), .net (नेटवर्क), .gov (सरकार), .edu (शिक्षा),. यह वेबसाइट के प्रकार का पता बताता है.

दूसरा होता है- सेकंड-लेवल डोमेन (SLD). यह टॉप-लेवल डोमेन के नीचे आता है और वेबसाइट का स्पेशल नाम होता है. उदाहरण के लिए,  https://www.thelallantop.com/ में thelallantop डोमेन है.

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अब बताते कि bank.in या fin.in का क्या फायदा होगा. .com ग्लोबल लेवल पर और .in इंडिया के लेवल पर बहुत कॉमन हो चला है. हर वेबसाइट के पीछे यही लिखा होता है. इसकी वजह से इसका डुप्लिकेट बनाना कोई बड़ी बात नहीं. कितने ही केस हैं जहां sbi.in के ऊपर एक नकली परत चढ़ाकर ठगी की गई. अब क्योंकि इनको नई पहचान मिल गई है तो उम्मीद है इस पर लगाम लगेगी.  

इसलिए अगली बार जब कभी बैंक की वेबसाइट ओपन करें तो देख लें कि आखिर में bank.in लिखा है या नहीं. नहीं लिखा तो क्लिक ही मत करना. 

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