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जब कार कंपनियां अपनी गाड़ियों की 'छत काट' रही थी, तब Honda अपने इंजन पर काम कर रही थी

Honda Cars E20 Compliance: 2023 से सरकार ने सभी वाहन निर्माता कंपनियों को अपनी कार E20 पेट्रोल के अनुरूप बनाने के लिए कहा था. लेकिन एक कंपनी थी, जिसने 2009 से ही अपनी गाड़ियों को E20 फ्यूल के मुताबिक बनाना शुरू कर दिया था.

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2009 के बाद Honda की सभी कारें E20 फ्यूल के लिए बनी है. (फोटो-इंडिया टुडे)

आजकल की मॉडर्न कारों में फीचर्स की बात करेंगे, तो दिन खत्म हो जाएगा लेकिन लिस्ट नहीं. क्योंकि अब तमाम फीचर्स कारों में दिए जाते हैं. जैसे सनरूफ से लेकर इंफोटेनमेंट सिस्टम तक. ADAS से लेकर 6 एयरबैग तक. लेकिन जब बात E20 पेट्रोल की आती है, तो सारे के सारे फीचर्स धरे रह जाते हैं. क्योंकि साल 2023 से पहले बनने वाली ज्यादातर गाड़ियां E20 फ्यूल को सपोर्ट नहीं करती थी. वो E10 पेट्रोल कंप्लायंस के लिए बनाई गई थी. ज्यादातर हमने इसलिए कहा क्योंकि एक ऐसी कंपनी थी, जिसने 2020 नहीं, 2015 भी नहीं. बल्कि 2009 से E20 पेट्रोल को सपोर्ट करने वाली गाड़ियां बनाना शुरू कर दिया था.

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कहने का मतलब कि जब दुनिया भर की कंपनियां अपनी गाड़ियों की छत काट (सनरूफ बनाना) रही थी. SUV और Compact SUV का गेम कर रही थी,तो इस बीच एक कंपनी अपने इंजन पर काम कर रही थी. इस कंपनी का नाम है Honda. Honda को 2025 में उसके सभी मॉडल के लिए E20 पेट्रोल कंप्लायंस सर्टिफिकेट भी मिल चुका है. इसमें Honda Elevate, Honda City e:HEV, Honda City और Honda Amaze शामिल हैं. लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए होंडा ने 1 जनवरी 2009 से ही काम करना शुरू कर दिया था.

Honda का 15 साल पुराना मॉडल भी E20 वाला

E20 पेट्रोल वाली Honda की पहली कार सेकंड जनरेशन Honda City थी. इसके बाद जितनी भी कार 2009 में मैनुफैक्चर हुई, उन्हें E20 के अनुरूप बनाया गया था. मतलब कि अगर आपके पास होंडा का 15 साल पुराना मॉडल भी है, तब भी आप चैन की नींद सो सकते हैं. क्योंकि भारत में मौजूद होंडा की प्रत्येक कार E20 पेट्रोल कंप्लायंस हैं. 

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फोटो-इंडिया टुडे

दरअसल, भारत सरकार ने 2003 से Ethanol Blended Petrol Program शुरू किया गया था.उस समय प्लान था कि 100 लीटर पेट्रोल में 5 लीटर एथेनॉल मिलाया जाएगा. मतलब 5%. शायद होंडा ने यहीं से समझ लिया कि सरकार आगे भी पेट्रोल में एथेनॉल की मात्रा बढ़ा सकती है. क्योंकि कई देश एथेनॉल ब्लेंडेड का इस्तेमाल कर रहे हैं. जैसे कि ब्राजील में 1970 के दशक से ही 20 से 25% वाला एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल यूज हो रहा है. इसलिए उन्होंने समय से पहले ही E20 फ्यूल वाला इंजन बनाना शुरू कर दिया. ताकि आगे लोगों को दिक्कत न हो.  बाद में हुआ भी यही.

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मतलब जब 5% एथेनॉल ब्लेंडेड का टारगेट पूरा हुआ तो सरकार ने दो गोल सेट किए. जो थे- 2022 तक 10% एथेनॉल वाला पेट्रोल और 20% एथेनॉल वाला पेट्रोल हर पेट्रोल पंप पर. भारत सरकार ने 2023 में BS6-II नाम की वाहन उत्सर्जन मानक प्रणाली लागू की थी. जिसके तहत सभी वाहन निर्माता कंपनियों को गाड़ी के इंजन और उससे जुड़े पुर्जों को E20 फ्यूल के अनुरूप बनाना जरूरी था. ऐसे में जिन लोगों के पास E10 पेट्रोल वाली कारें हैं, वो तो चिंता में डूबे हुए हैं कि गाड़ी का कहीं माइलेज न गिर जाए. या गाड़ी का इंजन समय से पहले साथ न छोड़ दें.

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लेकिन आपके पास होंडा का 2015, 2018 या कोई सा भी मॉडल है, तो चिंता की बात नहीं. आप बे-हिचक E20 फ्यूल अपनी गाड़ी में भरवा कर ड्राइव पर निकल सकते हैं. हां, ये बात है कि अगर भविष्य में सरकार पेट्रोल के अंदर 30 प्रतिशत एथेनॉल मिक्स करने के लिए कह देती है, तो Honda वालों की भी चिंता बढ़ सकती है. 

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