The Lallantop
Advertisement

योगी सरकार मथुरा में क्या करने जा रही है? खुद योगी आदित्यनाथ के मुंह से सुनिए

लल्लनटॉप से इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने क्या बातें कहीं?

Advertisement
Img The Lallantop
दी लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी को दिए इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवी-देवताओं को किसी विशेष जाति से जोड़ने वाली सोच संकीर्ण है.
font-size
Small
Medium
Large
13 जनवरी 2022 (Updated: 13 जनवरी 2022, 12:03 IST)
Updated: 13 जनवरी 2022 12:03 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में दी लल्लनटॉप अपने राजनीतिक मंच 'जमघट' के तहत अलग-अलग नेताओं का इंटरव्यू कर रहा है. इसी सिलसिले में हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू (Yogi Adityanath Lallantop Interview) किया. इस इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से अन्य मुद्दों के साथ-साथ मथुरा को लेकर भी सवाल पूछे गए. अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के शुरू होने और वाराणसी में काशी कॉरिडोर का उद्घाटन होने के बाद से ही मथुरा को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. मथुरा से योगी आदित्यनाथ से चुनाव लड़ने की बातों पर भी खूब टीका-टिप्पणी हुई. ऐसे में लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने योगी आदित्यनाथ से पूछा,
"योगी आदित्यनाथ मुस्कुराकर मथुरा का जिक्र करते हैं. अयोध्या में भव्य तरीके से श्री राम जन्मभूमि में निर्माण कार्य चल रहा, मैं खुद अपने दौरे के दौरान देखकर आया. काशी कॉरिडोर भी देखकर आया. थोड़ा सा गंगा जी वाला काम बचा है. वहां पर भी भव्य निर्माण हो रहा है. फिर मथुरा और एक पुराना नारा अस्सी के दशक का... कि अयोध्या, काशी, मथुरा, इनकी मुक्ति. फिर 6 दिसंबर 1992 के बाद का नारा. और इन सब नारों की शुरुआत, अगर मैं बिल्कुल 1949 में चला जाऊं तो आपके दादागुरू महंत दिग्विजय नाथजी की पूरी वो योजना और फिर 22 दिसंबर 1949, जब मूर्तियां प्रकट होती हैं. क्या है मथुरा को लेकर प्लान? क्या मथुरा में भी इसी तरह का बड़ा निर्माण होगा, जैसा अयोध्या और काशी में हो रहा है?"
इस सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा,
"मथुरा का प्लान वही है, जो आपके मन में है. वहां पहले से ही निर्माण कार्य चालू है. बृज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से हमारे सारे कार्य चल रहे हैं और बृज भूमि एक नए तीर्थ के रूप में फिर से देश और दुनिया के सामने छा रही है."
BJP आगे का देख रही है? मथुरा को लेकर कई राजनीतिक टिप्पणीकार कह रहे हैं कि बीजेपी काफी आगे का देख रही है. इस संदर्भ में सौरभ द्विवेदी ने योगी आदित्यनाथ से सवाल किया,
"कई राजनीतिक टिप्पणीकार कह रहे हैं कि बीजेपी थोड़ा लंबा देख रही है. वो कहते हैं कि आराध्य तो सबके होते हैं, लेकिन कुछ सामाजिक समूहों के साथ उनकी पहचान भी जुड़ी होती है. जैसे मौर्य समाज चंद्रगुप्त मौर्य को बहुत देखता है. सरदार पटेल, पूरे देश के नायक हैं, लेकिन पटेल समाज उनको पोस्टरों पर लेकर आया. कहा गया कि मथुरा को साधकर बीजेपी यादव समाज को संदेश देना चाह रही है कि हम आपकी फिक्र कर रहे हैं, वो नहीं जो आपके नाम की राजनीति कर रहे हैं. उन राजनीतिक टिप्पणीकारों के ऑब्जरवेशन में वजन है?"
इस सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा,
"देखिए, भगवान श्रीकृष्ण हम सबके आराध्य हैं. राजनीति की संकीर्ण, जातिवादी मानसिकता आराध्य देवों पर नहीं आने देनी चाहिए. सबके पूज्य हैं. लेकिन हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अंदर उन सभी स्थलों को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करना है, ये हमारा दायित्व बनता है. हम वहां कार्य कर रहे हैं. हम तो विंध्यवासिनी धाम में भी कर रहे हैं काम. हम नैमिष में भी काम कर रहे हैं. बुद्धा सर्किट पर भी कर रहे हैं. तो क्या इसलिए कि वो किसी जाति विशेष से जुड़े हुए हैं. देवी-देवता किसी जाति से नहीं जुड़े होते."
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि आम लोगों में देवी-देवताओं के प्रति आस्था होती है. देवी-देवताओं को किसी जाति विशेष से जोड़ने की सोच जातिवादी सोच की हो सकती है, राजनीति की हो सकती है. ये उस विराटता का हिस्सा नहीं है.

thumbnail

Advertisement