रामलीला में 'राम-राम' कहते दशरथ ने सचमुच दम तोड़ दिया, लोगों को लगा एक्टिंग कर रहे हैं
राजेंद्र सिंह 20 साल से राजा दशरथ का किरदार निभा रहे थे.
उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला. यहां के हसनपुर गांव में रामलीला हो रही थी. सीन था राम-सीता के वनवास जाने का. दिखाया जा रहा था कि कैसे राजा दशरथ उनके जाने के वियोग में परेशान हैं. इसी बीच वो अपना शरीर त्याग देते हैं. लोग भी खूब भावविभोर होकर मंचन का आनंद ले रहे हैं. पर किसी को इस बात की ज़रा सी भी भनक नहीं थी कि दशरथ का रोल निभा रहे राजेंद्र सिंह ने सचमुच में दम तोड़ दिया है.
क्या है मामला?आज तक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, राम के वनवास जाने के बाद दशरथ ने वियोग में अंतिम सांस ली. इसके बाद स्टेज का पर्दा गिरा दिया गया. सब अपनी अपनी जगह से तो इधर-उधर हटने लगे. पर दशरथ वहीं के वहीं पड़े रहे. सहयोगी कलाकार उनके पास गए. तब उन्हें एहसास हुआ कि राजेंद्र सिंह का निधन हो चुका है. उनकी सांसे थम चुकी हैं. और ऐसा उसी दौरान हुआ जब उन्हें शरीर त्यागने वाला सीन करना था.
दो अक्टूबर से बिजनौर के हसनपुर गांव में रामलीला शुरू हो गई थी. 14 अक्टूबर को राम के वन जाने के सीन का मंचन हो रहा था. इसी दौरान अभिनय करते-करते राजेंद्र ने वास्तव में प्राण त्याग दिए. राजेंद्र पिछले 20 साल से राजा दशरथ का किरदार निभा रहे थे. और उनका रोल इतना सजीव होता था कि उनका अभिनय देखकर लोगों के आंखों में आंसू आ जाता था.
गांववालों ने बताया कि राजा दशरथ ने अपने मंत्री सुमंत को राम को वन दिखाकर वापस ले आने के लिए भेजा था. लेकिन जब दशरथ ने सुमंत को राम के बगैर आते देखा तो वियोग में 'राम-राम' बोलने लगे. 'राम-राम' कहते हुए दशरथ बने राजेंद्र सिंह वहीं मंच पर गिर गए. वहीं, दर्शकों ने समझा कि राजेंद्र अभिनय कर रहे हैं और वे तालियां बजाने लगे. पर्दा गिरने के बाद जब साथी कलाकार राजेंद्र सिंह के पास पहुंचे तो वह प्राण त्याग चुके थे. राजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी, तीन बेटे, दो बेटियां छोड़ गए हैं.