आदिवासी, आंदोलनकारी, पत्रकार और ऐक्ट्रेस, जानिए यूपी में कांग्रेस ने किन चेहरों पर दांव लगाया है?
कांग्रेस की पहली लिस्ट में 50 महिला उम्मीदवार शामिल हैं
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 125 उम्मीदवार हैं, जिसमें 50 महिला उम्मीदवार हैं. मतलब 40 प्रतिशत महिला प्रत्याशी. कांग्रेस ने उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को टिकट दिया है. साथ ही बड़े नामों में सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को प्रत्याशी बनाया गया है. इसके अलावा कांग्रेस ने NRC-CAA के खिलाफ आंदोलन करने वालीं सदफ जाफर को भी उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस के उम्मीदवारों में महिलाओं के साथ-साथ कुछ पत्रकार, एक अभिनेत्री और समाज सेवी भी शामिल हैं.
कांग्रेस की लिस्ट के बड़े नाम 1-उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को टिकटIn the first list of 125 candidates for UP polls, 50 candidates are women, including Asha Singh, mother of the Unnao rape victim. From Shahjahanpur, we have fielded Asha worker Poonam Pandey who led an agitation for a raise in honorarium: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra pic.twitter.com/x9WrFsqzvb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 13, 2022
2-कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को फर्रुखाबाद से टिकट
3-सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को टिकट
4-नोएडा से पंखुड़ी पाठक
5-NRC विरोधी आंदोलन में जेल गईं सदफ जफर को लखनऊ सेंट्रल से टिकट
6-शाहजहांपुर से आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे को टिकट
7-रामपुर खास से आराधना मिश्रा को टिकट
8-हस्तिनापुर से अर्चना गौतम को टिकट
9-एटा से गुंजन मिश्रा को टिकट महिला प्रत्याशियों पर क्या बोलीं प्रियंका गांधी
प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने उम्मीदवारों का इंट्रोडक्शन दिया. उन्होंने पहली सूची में 40 फीसदी युवाओं को भी टिकट दिए जाने की बात कही. प्रियंका ने लिस्ट जारी करते हुए बताया,
125 उम्मीदवारों की सूची में से 50 महिलाएं हैं. हमने प्रयास किया है कि संघर्षशील और पूरे प्रदेश में नई राजनीति की पहल करने वाले प्रत्याशी हों. पहली सूची में 40 फीसदी युवाओं को भी टिकट दिया गया है. हमारी कोशिश है कि हम इनके माध्यम से यूपी की राजनीति को नई दिशा देने में कामयाब होंगे. इस लिस्ट में कुछ महिला पत्रकार हैं. एक अभिनेत्री हैं और बाकी संघर्षशील महिलाएं हैं, जिन्होंने कांग्रेस में रहते हुए कई साल संघर्ष किया है.
प्रियंका गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने प्रमुख कैंडिडेट्स के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया,
हमने सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों में से एक रामराज गोंड को भी टिकट दिया है. इसी तरह आशा बहनों ने कोरोना में बहुत काम किया, लेकिन उन्हें पीटा गया. उन्हीं में से एक पूनम पांडेय को भी हमने टिकट दिया है. वहीं सदफ जाफर ने CAA-NRC के समय बहुत संघर्ष किया था. सरकार ने उनका फोटो पोस्टर में छपवाकर उन्हें प्रताड़ित किया. मेरा संदेश है कि अगर अत्याचार हुआ तो आप अपने हक के लिए लड़ें. कांग्रेस ऐसी महिलाओं के साथ है. जो महिलाएं पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, वे संघर्षशील और हिम्मती महिलाएं हैं. कांग्रेस पार्टी उन्हें पूरा सहयोग करेगी.
कौन हैं आशा देवीउत्तर प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची में 40% महिलाएं और 40% युवा। पार्टी ने कई पीड़ित और संघर्षशील महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। #आ_रही_है_कांग्रेस
— UP Congress (@INCUttarPradesh) January 13, 2022
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आशा सिंह उन्नाव रेप पीड़िता की मां हैं. उन्नाव में 4 जून 2017 को 17 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप हुआ जिसका आरोप बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा. सेंगर उस समय तक विधायक भी थे. आजतक की खबर
के अनुसार मामले में न्याय न मिलने पर पीड़िता ने 8 अप्रैल 2018 को सीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया. इसके बाद पीड़िता के पिता की मौत हो गई. जब मामले ने तूल पकड़ा तो कुलदीप सेंगर को अरेस्ट किया गया. इसके कुछ दिनों के बाद पीड़िता की कार का एक्सीडेंट हुआ था, हादसे में पीड़िता की मौसी की मौत हो गई थी. जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में भी सेंगर को आरोपी बनाया गया था, हालांकि वो इस मामले में तो बरी हो गए थे, लेकिन रेप के मामले में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. इस मामले में भाजपा पर सेंगर को बचाने और पुलिसवालों पर दवाब बनाने का आरोप भी लगा था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आशा सिंह को टिकट देने को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया
हमारी उन्नाव की प्रत्याशी उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मां हैं. हमने उनको मौका दिया है कि वे अपना संघर्ष जारी रखें. जिस सत्ता के जरिये उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद किया गया, वही सत्ता वे हासिल करें.
उन्नाव रेप पीड़िता की मां को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा,
उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी!
आदिवासी नेता रामराज गौंड को टिकटउन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी!#Election2022
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 13, 2022
जुलाई 2019 में सोनभद्र के उम्भा गांव में आदिवासियों की जमीन कब्जाने के दौरान हुई गोलीबारी में नरसंहार की खबरें आईं. इस हिंसा में 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी. द प्रिंट की खबर
के अनुसार जब कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने सोनभद्र जा रही थीं, तो रास्ते में उन्हें रोक लिया गया और चुनार किले में रखा गया. प्रशासन ने जब प्रियंका गांधी को आगे नहीं जाने दिया तभी उनकी मुलाकात गांव के 34 साल के रामराज गोंड से हुई, जो अपने गांव के लोगों को लेकर प्रियंका गांधी से मिलवाने पहुंचे. इसी घटना से रामराज गोंड प्रियंका और कांग्रेस की नजर में आए थे. जिसके बाद कांग्रेस ने रामराज को सोनभद्र का जिलाअध्यक्ष भी बनाया. अब कांग्रेस ने रामराज गोंड को सोनभद्र से टिकट दिया है.
उम्भा गांव के पीड़ितों से मिलती प्रियंका गांधी, साथ में रामराज गौंड (साभार-आजतक)
सदफ जफर CAA-NRC विरोधी आंदोलन में जेल गईं थीं
Ichowk की खबर
के अनुसार जब 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में CAA के खिलाफ प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया तो सदफ जफर मौके पर मौजदू थीं, वे फेसबुक लाइव कर रही थीं और लखनऊ पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही थीं. जिसके बाद पुलिस ने सदफ़ को गिरफ्तार किया और उनपर बलवा फैलाने का आरोप लगाया. वे 19 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार हुईं और 7 जनवरी 2020 को रिहा हुईं. सदफ जफर कांग्रेस नेता के अलावा पेशे से ऐक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट भी हैं. वे फरहान अख्तर स्टारर फिल्म लखनऊ सेंट्रल में काम कर चुकी हैं. सदफ दो बच्चों की मां है, उनका अपने पति से तलाक हो चुका है.
सदफ जफर कांग्रेस नेता के अलावा पेशे से ऐक्ट्रेस हैं.(साभार-Twitter)
फिलहाल आज आई लिस्ट में साफ है कि प्रियंका गांधी के नारे 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' को टिकट बंटवारे के दौरान तरजीह मिली है. अब 10 मार्च को आने वाली चुनाव के नतीजे बताएंगे कि कांग्रेस का यह कदम जमीन पर कितना कारगर रहा.