AAP विधायक अमानतुल्लाह पर ED की रेड, किस मामले की जांच करने सुबह-सुबह पहुंच गए अफसर?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अमानतुल्लाह खान पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने छापेमारी की है. आखिर क्या है ये मामला?

आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने छापा मारा है. इंडिया टुडे से जुड़े मुनीष पाण्डेय से मिली जानकारी के मुताबिक अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के कामकाज में वित्तीय हेराफेरी और अन्य अनियमितताओं के आरोप हैं. एन्टी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी. अब ईडी ने इसी FIR के आधार पर AAP विधायक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है.
क्या है वक्फ बोर्ड का मामला?साल 2022 में एन्टी करप्शन ब्यूरो ने अमानत और करीबियों से जुड़े 5 ठिकानों पर दिल्ली में रेड की थी. रेड के दौरान अमानतुल्लाह के बिजनेस पार्टनर हामिद अली के घर से एक पिस्टल ब्रेटा (Baretta) मिली. इस पिस्टल का लाइसेंस नहीं था. छापेमारी के दौरान 12 लाख रुपये कैश भी मिला था.
अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप हैं. अमानतुल्लाह खान पर वक्फ बोर्ड के बैंक खातों में वित्तीय गड़बड़ी और वाहनों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप है. नियमों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों की अवैध नियुक्ति का आरोप भी उन पर लगा है. इस संबंध में ACB ने जनवरी 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया था.
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Amanatullah Khan का क्या कहना है?साल 2022 में जब इस मामले में ACB ने अमानतुल्लाह खान पर कार्रवाई की थी, तो AAP विधायक ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर आजतक से बातचीत की थी. तब उन्होंने कहा था,
‘CEO वक्फ बोर्ड की शिकायत पर ये सब हो रहा है. कॉन्ट्रैक्ट के लिए नहीं, परमानेंट स्टाफ के लिए नियुक्ति हुई थी. मुझसे पहले 24 लोगों को भर्ती किया गया. सबको मेरिट बेस पर लिया गया. उसी CEO ने इन लोगों को भी रखा, जिसने शिकायत की है. ये 2022 के रिकॉर्ड मांग रहे हैं, जो हमने दे दिए. रिलीफ कमेटी 2020 में बनी, FIR उससे पहले हो गई. ना मैंने किसी केस को प्रभावित किया, ना कुछ गलत किया. मैंने सभी मानदंडों का पालन किया है. मेरे खिलाफ 23-24 FIR हैं.’
अमानतुल्लाह खान का आगे कहना था,
‘मैंने 125 स्थाई कर्मचारियों के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वो मंजूर नहीं हुआ. मुझे उस काम के लिए संविदा कर्मचारियों को काम पर रखना पड़ा, मैंने मानदंडों का पालन किया था.’
अमानतुल्लाह खान के मुताबिक भर्ती समिति ने योग्यता के आधार पर लोगों को नियुक्त किया था. इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि उनके रिश्तेदारों को वरीयता दी गई.
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