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दलित लड़के को घोड़ा चढ़ने के 'जुर्म' में नहीं, महिला से छेड़छाड़ के चलते मारा गया!

गुजरात का मामला है.

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गुजरात में दलितों पर अत्याचार की एक और जघन्य घटना हुई है.
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निखिल
31 मार्च 2018 (Updated: 31 मार्च 2019, 09:16 AM IST) कॉमेंट्स
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29 मार्च 2018 को एक खबर आई थी कि एक दलित लड़के को उसकी जाति के चलते अगड़ी जाति वालों ने मार डाला. मगर उसके कुछ दिन बाद ये खबर आई कि उसे दलित होने की वजह से नहीं बल्कि अन्य कारण के चलते मारा गया है. भावनगर के एसपी प्रवीण मल ने कहा था कि प्रदीप राठौड़ की हत्या उस महिला के पति ने की है जिसने प्रवीण पर छेड़खानी का आरोप लगाया था.  नीचे लिखी खबर पिछली जानकारी के आधार पर लिखी गई है.
  गुजरात में चार दलितों को एक कार के पीछे बांधकर सरेराह पीटने की घटना लोग भूले नहीं हैं. हम आप इसे ऊना कांड के नाम से जानते हैं. इसके बाद गुजरात के दलितों ने मरे जानवरों को उठाने से इनकार तक कर दिया था. पूरे गुजरात में दलितों ने आंदोलन भी किए थे, जिनसे जिग्नेश मेवाणी जैसे नेता निकले. इस वाकये का गुजरात विधानसभा चुनाव तक में असर दिखा. बावजूद इसके, गुजरात में दलितों के खिलाफ होने वाली हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. 29 मार्च, 2018 को भावनगर से 60 किलोमीटर दूर टींबी गांव में दलित लड़के को जान से मार दिया गया. दलित समाज से आने वाले 21 साल के प्रदीप राठौड़ का कसूर बस इतना था कि वो घोड़े की सवारी करता था. जी हां, उसे बस इतने के लिए अगड़ी जाति वालों ने मार डाला. प्रदीप के पिता कालू राठोड़ खेती से अपना घर चलाते हैं. प्रदीप को घुड़सवारी का शौक था तो उन्होंने 30 हज़ार देकर एक घोड़ा हाल ही में खरीदा था. गुजरात में अगड़ी जातियां दलितों के घोड़े पर चढ़ने को अपमान के तौर पर लेती हैं. तो घोड़ा खरीदने के बाद से ही अगड़ी जाति के लोग प्रदीप के परिवार को धमका रहे थे. घोड़ा बेचने का मन बना लिया था कालू ने कालू राठोड़ इन धमकियों से इतना परेशान हो गए थे कि उन्होंने आजिज़ आकर घोड़ा बेचने का मन बना लिया था. लेकिन प्रदीप की पसंद को देखते हुए उन्होंने फैसला टाल दिया. उन्हें लगा कि बात सुलझ जाएगी. प्रदीप ने भी घोड़ा खेत आने-जाने में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था. लेकिन फिर 29 मार्च की शाम जब प्रदीप खेत से घर लौट रहा था, तब कुछ अगड़ी जाति के लोगों ने उसे रास्ते में रोक लिया. सवाल-जवाब किए कि दलित होकर घोड़े की सवारी कैसे कर रहे हो. इसके बाद बहस हुई और प्रदीप पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया. इस हमले में प्रदीप की जान चली गई. इस मामले में गांव के ही दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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