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मध्य प्रदेश के इस कैथोलिक स्कूल में हिंदू संगठनों ने परीक्षा के दौरान घुसकर तोड़फोड़ क्यों की?

विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं पर स्कूल में हिंसा करने के आरोप लगे हैं.

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जय श्री राम के नारे के साथ स्कूल में की तोड़ फोड़. (फोटो ट्विटर - @AnandKochukudy)
7 दिसंबर 2021 (Updated: 7 दिसंबर 2021, 03:29 IST)
Updated: 7 दिसंबर 2021 03:29 IST
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मध्य प्रदेश के एक कैथोलिक स्कूल में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है. आरोप बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं पर है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सोमवार 6 दिसंबर की दोपहर को एक भीड़ विदिशा जिले के गंज बसौदा तहसील स्थित एक कैथोलिक स्कूल में पहुंची और पत्थरबाजी के साथ तोड़फोड़ करने लगी. हंगामा करने वाले हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्कूल के अधिकारी वहां धर्म परिवर्तन का काम करते हैं. पुलिस ने इस सिलसिले में चार लोगों को हिरासत में लिया है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक घटना के वक्त लगभग 300 लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सेंट जोसेफ हाई स्कूल के बाहर जमा हुए थे. उस समय स्कूल में 12वीं की परीक्षा हो रही थी. परीक्षा के बीच ही प्रदर्शन करती हुई भीड़ हिंसक हो गई और स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए स्कूल परिसर में घुस गई. ट्विटर पर इस घटना का वीडियो वायरल जिसे आप नीचे देख सकते हैं. घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल एंथोनी तिनुमकल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,
भीड़ लोहे की छड़ों और पत्थरों से लैस थी. स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए 'जय श्री राम' का नारा भी लगा रही थी. हमने पुलिस से सुरक्षा की मांग की. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि भीड़ केवल कुछ नारे लगाएगी और शांति से चली जाएगी लेकिन पुलिस तब आई जब भीड़ ने तोड़फोड़ कर डाली थी.
पुलिस का क्या कहना है? गंज बसौदा तहसील के पुलिस अधिकारी भारत भूषण ने स्कूल के प्रिंसिपल के आरोपों से इनकार कर दिया है. उन्होंने अखबार से कहा,
ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से होना था. लेकिन कुछ बदमाशों ने मौके का फायदा उठा कर स्कूल की इमारत पर पत्थर फेंके और तोड़फोड़ की. इस दौरान स्कूल अधिकारियों को न केवल सुरक्षा दी गई बल्कि तुरंत कार्रवाई कर बजरंग दल के चार सदस्यों को हिरासत में भी लिया गया.
क्यों की तोड़फोड़? इस सवाल पर विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि 31 अक्टूबर को 8 हिंदू लड़कियों का स्कूल में धर्म परिवर्तित किया गया था. हालांकि स्कूल के प्रिंसिपल तिनुमकल ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि स्कूल ने 31 अक्टूबर को अपने ईसाई छात्रों के लिए पवित्र भोज का आयोजन किया था. उन्होंने बताया कि आयोजन का एक वीडियो शूट किया गया था ताकि दिखाया जा सके कि स्कूल के छात्रों का धर्म परिवर्तित करने का आरोप झूठा है. तिनुमकल ने कहा कि उस कार्यक्रम में जितने भी छात्रों ने हिस्सा लिया उनमें से कोई इस स्कूल में नहीं पढ़ता है. खबर के मुताबिक इस स्कूल में लगभग 1500 छात्र पढ़ते हैं जिनमें से अधिकांश हिंदू हैं. बहरहाल, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148 और 427 के तहत मामला दर्ज किया है.

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