भारत और चीन के बीच LAC (लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल) पर सब ठीक नहीं चल रहा है. नाकू ला और लद्दाख, दोनों फ्रंट डिस्टर्ब हैं. पैंगोंग झील, गलवान नदी के पास कई दिनों से दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं. सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, मगर नतीजे के नाम पर वही ढाक के तीन पात. इस पूरे मामले पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीजें साफ़ की हैं.
न्यूज़ एजेंसी PTI की रिपोर्ट मुताबिक़ राजनाथ सिंह ने 2 मई को माना है कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में ‘ठीक-ठाक संख्या’ में चीनी सैनिक आ गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत स्थिति से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है. केंद्र ने यह पहली बार माना है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया है.
राजनाथ सिंह ने बताया कि 6 जून को भारत और चीन के सीनियर मिलिट्री लीडर्स के बीच बैठक होने वाली है. उन्होंने बताया कि लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच असहमति है और चीनियों ने यह समझकर कब्ज़ा किया है कि उन्हें लगता है कि उनका है. भारत ने वही किया है जो उसे करने की जरूरत है.
विपक्षी दल कांग्रेस लद्दाख मसले को लेकर चीन पर हमलावर है. 29 मई को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि चीन सीमा को लेकर सरकार की चुप्पी अटकलों और अनिश्चितताओं को हवा दे रही है. भारत सरकार को बताना चाहिए कि वहां चल क्या रहा है.
भारत की सड़क से है चीन को दिक्कत
भारत और चीन के सैनिक LAC पर टकराते रहते हैं. लेकिन लद्दाख का मसला शांत होने का नाम नहीं ले रहा. 9 मई को हुई झड़प के बाद कई दौर की वार्ताओं के बाद भी चीजें सामान्य नहीं हो सकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, भारत लद्दाख में एक सड़क बना रहा है. इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है. भारत ने करीब 260 किलोमीटर लंबे दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी DBO सड़क पिछले साल ही पूरी की है. इसके साथ ही कुछ लिंक रोड और पुल बनाए जा रहे हैं. चीन को ये हजम नहीं हो रहा. वह इस बात पर विरोध कर रहा है. इसी के चलते गतिरोध बढ़ा है. वे भारत के कंस्ट्रक्शन और एक निश्चित पॉइंट से आगे गश्त को लेकर आपत्ति कर रहे हैं. इसी को लेकर सबसे पहले इस महीने के शुरू में दोनों ओर के सैनिक भिड़ गए थे.
विडियो- आयात बंद करके चीन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है भारत?