The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • Kalpana Potwari, the Bhojpuri singer who is facing controversy on Bhojpuri legend Bhikhari Thakur has asked that who will decide about a song whether it is vulgar or not

मेरे भोजपुरी गानों में अश्लीलता कौन तय करेगा : कल्पना पटवारी

अपने खिलाफ चल रहे कैंपेन पर गायिका कल्पना पटवारी ने सवाल खड़े किए हैं.

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
अविनाश
7 जनवरी 2018 (Updated: 7 जनवरी 2018, 01:06 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
अपने खिलाफ चल रहे कैंपेन पर गायिका कल्पना पटवारी ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने वेबसाइट Dailyo पर एक आर्टिकल लिखकर अपनी बातें सामने रखी हैं. हम आपके लिए उस आर्टिकल का संपादित अंश लेकर आए हैं, जिसे पढ़ा जाना चाहिए.
मुझे बदनाम करने के लिए मेरे खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए कैंपेन चलाया जा रहा है. इसको चलाने वाले वो कुछ 'अच्छे लोग' हैं, जो खुद को भोजपुरी भाषा का संरक्षक मानते हैं. ऐसे में लगता है कि मुझे उन दावों का खंडन करना चाहिए. इसके अलावा अभी के लिए और हमेशा के लिए भी अपनी बात साफ तौर पर रखनी चाहिए. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ 'अच्छे लोगों' की कही हुई बात को हाथों हाथ ले लिया जाएगा. एक झूठ पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर सच बन जाता है, जबकि सच्चाई जूतों के नीचे रौंद दी जाती है. इसलिए मैं यहां आपका ध्यान खींचने के लिए आई हूं. इसलिए किसी नतीजे पर पहुंचने और मेरे खिलाफ चल रहे अभियान से जुड़ने से पहले मेरी कहानी ज़रूर सुन लें. मेरी बातों पर यकीन करें, क्योंकि मैं जो भी कह रही हूं, वो कोई अफवाह नहीं है, बल्कि आपने मुझे ऐसा कहते हुए सुना है.

कल्पना ने कई ऐसे गाने गाए हैं, जिनको लेकर उनपर अश्लीलता का आरोप लग रहा है.
हमारा समाज एक पितृसत्तात्मक समाज है और यह पूरा मामला इस बात को साबित करता है. भोजपुरी बोलने वाले ईमानदार युवा और पुराने लोग एक महिला के खिलाफ एकजुट होते हैं, ताकि वो साबित कर सकें कि महिला गलत है और वो सभी लोग बिल्कुल सही हैं.
अगर आप उनकी बातों को ध्यान से सुनेंगे तो आप उनका वो कुरुप चेहरा देख पाएंगे, जिसके जरिए वो धोखे से अक्सर मुझे निशाना बनाते रहे हैं. ये लोग जिनमें कथित तौर पर फिल्मकार, गायक, संगीतकार और लेखक हैं, मुझे नीचा दिखाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जबकि इस भाषा के लिए मैंने अपने 16 साल दिए हैं और अब इसे मैं अपनी भाषा कहती हूं. लेकिन वो एक झटके से मुझसे ये सब छीन लेना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने ऐसा करने के लिए तय कर लिया है. वो ये दावा करते हैं कि मैंने अश्लील गानों के बोल गाकर भोजपुरी को नीचे गिराया है. इस पर मुझे यही कहना है कि 'जो शुद्ध हैं, उनके लिए सबकुछ शुद्ध है, लेकिन जो भ्रष्ट हैं और यकीन नहीं रखते हैं, उनके लिए कुछ भी शुद्ध नहीं है. हकीकत में उनका दिमाग और उनकी अंतरात्मा दोनों ही अशुद्ध है.'

लोगों का आरोप है कि कल्पना ने भोजपुरी में जैसे गाने गाए हैं और अब जो वो कह रही हैं, उसमें जमीन-आसमान सा अंतर है.

मैं आसाम में पैदा हुई, लेकिन मैं भोजपुरी फिल्मों के गाने जैसे ''सैंया जी दिलवा मांगेले गमझा बिछाइके'' जैसे गानों से ही आगे बढ़ी. लेकिन मैं इस बारे में अकेले खुद का दोष कतई नहीं मानती कि एक गायिका अकेले ही किसी भाषा के स्तर को गिरा सकती है. मेरे लिए हर गाना एक गाना है. लेकिन मुझे कुछ 'अच्छे लोगों' पर इस बात को छोड़ना होगा कि क्या अश्लील है और क्या अश्लील नहीं है. क्योंकि उनके पास ऐसे मसलों पर बेहतर फैसले होते हैं और ऐसा इसलिए है कि वो लोग सम्मानित लोग हैं.
लेकिन, भोजपुरी गानों में जो अश्लीलता है उसकी जिम्मेदारी उन लोगों के साथ भी बांटी जानी चाहिए, जिन्होंने इसे लिखा है, जो लोग इन गानों को सुनते हैं और इनसे प्यार करते हैं. इसमें उन लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए जो अचानक से स्टैंड लेते हैं और अपने विवेक का इस्तेमाल करके संस्कारी और अश्लील के बीच एक सीमारेखा खींच देते हैं. इसमें उन लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए, जो ऐसा करने वालों की मदद करते रहे हैं.
अच्छा, बुरा या अश्लील का उनका फैसला कैसे तय होता है? कोई गाना लोकप्रियता की ऊंचाइयों को इसलिए छूता है, क्योंकि लोग उसे सुनना पसंद करते हैं. उन गानों को अश्लील कहकर कुछ 'अच्छे लोगों' का समूह मेरे उन गानों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है, जिसमें मैंने अपना दिल-दिमाग सबकुछ लगा दिया है. इन अच्छे लोगों के समूह की बंदूक इन गानों को लिखने वालों की बजाय मेरे ऊपर ही तनी रहती है.

इन लोगों का निशाना मैं ही क्यों हूं?


कल्पना ने अब लिखकर लोगों की आलोचनाओं का जवाब दिया है.

भोजपुरी संगीत और फिल्म इंडस्ट्री के गिरते स्तर पर जब भी बात होती है, पुरुष गायकों, गाना लिखने वालों, ऐक्टर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और दूसरे और भी लोगों को इस पूरी बातचीत से अक्सर अलग कर दिया जाता है. भोजपुरी के स्तर को गिराने में उनके दिए योगदान की चर्चा क्यों नहीं होती है. ये मुझे तब और भी आश्चर्य में डाल देता है, जब ऐसा लगने लगता है कि जितनी भी गलत चीजें भोजपुरी में हो रही हैं, उसकी अकेली गुनहगार मैं ही हूं. ये तो पूरी तरह से गलत है. मैं अकेले तो इस सम्मान की हकदार नहीं ही हो सकती हूं. इस सम्मान को तो मैं और भी लोगों के साथ बांटना चाहती हूं, जिनमें वो लोग भी शामिल हैं, जो फिलहाल गाए जा रहे गानों के सच्चे आलोचक बने हुए हैं.
ये नफरती अभियान जब-तब अलग-अलग जगहों पर चलाया जाता रहा है. ये उस वक्त में और भी सामने आता है जब मैं अच्छे से और बेहतर करने की कोशिश करती हूं. ऐसा छठ पूजा के दौरान भी हुआ जब छठ का वीडियो चर्चित हो गया और कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भी छठ का व्रत रखा. ये तब भी हुआ, जब एक राष्ट्रीय संस्था 'संगीत नाटक अकादमी' ने बिहार के मशहूर साहित्यकार भिखारी ठाकुर के जन्मदिन की याद में कुतुबपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुझे बुलाया.
कल्पना का छठ पर गाया हुआ ये गीत खूब मशहूर हुआ था. आप भी सुनिए

क्या मेरी लोकप्रियता ने इस गैंग को परेशान कर दिया है? इस भीड़ के शोर को क्या कहा जाए, जो मेरे ऊपर चिल्ला रही है. मैंने हमेशा खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश की है और ऐसा करते हुए मैं सोचती हूं कि उनकी बेचैनी की यही वजह है. भोजपुरी संगीत से प्रेम करने वाले कुछ लोगों को लगता है कि मैं भोजपुरी के सबसे प्रिय नायक जैसे भिखारी ठाकुर को हथियाना चाहती हूं, मैं अपने लिए सम्मान की सफलता में उनका इस्तेमाल करना चाहती हूं और यही चीजें मुझे डराती हैं. मैं खुद को अपने महिला होने की वजह से पीड़ित और शोषित महसूस करती हूं. मैंने कभी अपना सम्मान नहीं खोया है, इसलिए मुझे उसे हासिल करने का कोई मकसद भी नहीं है. मैं असम के एक संगीतकार घराने में पैदा हुई हूं. मैंने अपनी संगीत की तालीम भातखंडे संगीत संस्थान लखनऊ से हासिल की है और कॉटन कॉलेज, गौहाटी से मैंने अंग्रेजी साहित्य में ग्रैजुएशन किया है. मैं अपनी कला के पक्ष को हमेशा विस्तार देती रहती हूं और मैं 30 भाषाओं में गाने गा सकती हूं, जिनमें से भोजपुरी एक है.
भिखारी ठाकुर का लिखा वो गीत, जिसे कल्पना ने आवाज दी है.

मैंने इस बात को कहने की छूट ली है कि मैंने भिखारी ठाकुर के काम में सहारा लिया है. मेरे लिए यह एक तीर्थस्थल जैसा है और अगर आप सोचते हैं कि मैं ऐसा अपने पाप धोने के लिए कर रही हूं, तो फिर ऐसा ही सही. मैं बिना किसी पछतावे के इसे स्वीकार करती हूं. भिखारी ठाकुर के काम को पेश करना मेरी पहचान का एक हिस्सा है और मुझे ऐसा करने पर गर्व है. मैं भिखारी ठाकुर जैसे महान शख्स पर किए गए शिक्षाविदों और शोधार्थियों के कामों को कमतर नहीं कर रही हूं, न ही मैं उनकी विरासत की इकलौती उत्तराधिकारी होने का दावा कर रही हूं. मुझे इस बात का गर्व है कि एक कलाकार के तौर पर मैं भिखारी ठाकुर के किए गए काम को चर्चित करने में सफल रही हूं और मैं उनके काम को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर पहुंचाने में सफल रही हूं.
मेरे इस बात में अक्खड़पना झलक सकता है, जब मैं कहती हूं कि आप मुझे प्यार कर सकते हैं, आप मुझसे नफरत कर सकते हैं लेकिन निश्चित तौर पर आप मुझे या फिर मेरे काम को दरकिनार नहीं कर सकते हैं.
कुछ 'अच्छे लोग' मुझपर लांछन लगा रहे हैं कि द्विअर्थी गानों ने मुझे भोजपुरी गानों पर राज करने का मौका दे दिया, इसलिए मैं आपको सीधे तौर पर सारी बातें बताती हूं. मुझे एक आम गायिका से सुपर स्टार बनाने वाला जो पहला गाना था, वो एक भजन था जिसके बोल थे-
ना हमसे भंगिया पिसाई ए गणेश के पापा, नइहर जात बानी
इस गाने ने मुझे रातों रात स्टार बना दिया और फिर भजनों के ढेर लग गए. बिहार के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं आज भी मुझे मेरे भजनों के लिए याद करती हैं.
सुनिए कल्पना का गाना ना हमसे भंगिया पिसाई ए गणेश के पापा

ये भी मुनासिब होगा कि गाने में अश्लीलता क्या है, उसे देख लिया जाए. उदाहरण के तौर पर भोजपुरी में 'चढ़ल जवानी रसगुल्ला' बॉलीवुड में आकर बेहतर हो जाता है जब उसके गाने के बोल हो जाते हैं 'शीला की जवानी.' दोनों ही गाने बहुत अच्छे तरीके से गाए गए हैं, लेकिन भाषा का सूक्ष्म भेद और उसकी सख्ती अलग-अलग लोगों के लिए कभी अश्लील बना देती है और कभी उसे खुशनुमा बना देती है. ये सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है.
वो गाना, जिसकी वजह से मुझे कहा जाता है कि मैंने भोजपुरी का अश्लील चित्रण किया है, उसे भोजपुरी क्षेत्र के लोगों ने ही लिखा है. मैं उन गानों को अपने घर असम से लेकर नहीं आई थी. वो गाने यहीं बने थे.
मैंने अपने शुरुआती दिनों में बहुत से ऐसे गाने गाए, जो द्विअर्थी थे और जिनके बारे में मुझे पता भी नहीं था. इसका मुझे खेद है. वो मेरे पुराने दिन थे. हर वक्त मैं आगे बढ़ने की कोशिश करती हूं, लेकिन उन पुराने गानों की छाया बतौर कलाकार मेरी उपलब्धियों पर पड़ती रहती है और ये मुझे दुखी कर देती है. कुछ अच्छे लोग मुझे डराने के लिए जानबूझकर पीछे के दिनों में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं अपनी पूरी ताकत से इन सबके खिलाफ लडूंगी.
Kalpana 5
कल्पना ने सवाल किया है कि अगर उन्होंने अश्लील गीत गाए हैं तो क्या उन्हें अच्छे गीत नहीं गाने दिए जाएंगे.

मैं बहुत सारा काम कर रही हूं, लेकिन बहुत कम ही ऐसा होता है, जब ये अच्छे लोग मेरे उन कामों के बारे में बात करते हैं. मैं दूसरी भाषाओं के संगीत की तरह भोजपुरी संगीत को भी बेहतर करने में एक छोटा सा योगदान दे रही हूं. जब मैं बच्ची थी, तो मेरी मां मेरे जन्मदिन पर मुझे कलम उपहार में देती थी. उस वक्त मैं इसका महत्व नहीं समझती थी, लेकिन आज मैं उसी कलम का इस्तेमाल करके अपने ऊपर लगाए गए झूठे आरोपों का जवाब दे रही हूं और बता रही हूं कि क्यों मैं आदरणीय भिखारी ठाकुर की विरासत को जीवित कर रही हूं.
अगर मैंने भोजपुरी का मान-सम्मान गिराया है, तो मुझे खुद को सुधारने का एक मौका तो दीजिए. मुझसे वो मौका क्यों छीना जा रहा है. क्या भोजपुरी भाषा को पुनर्जीवित करने की मेरी सारी कोशिशें कुछ 'अच्छे लोगों' का हित साधने के काम आ जाएंगी?
मैं भोजपुरी को एमटीवी कोक स्टूडियो तक ले गई, लेकिन मुझे इसके लिए कोई बहादुरी का पुरस्कार नहीं चाहिए. मैं उस यात्रा पर हूं, जहां मुझे भोजपुरी को उसका वो सम्मान देना है, जो अब भी बचा हुआ है. और मेरी आलोचना में कहा गया हर शब्द मुझे भोजपुरी की बेहतरी के लिए किए जाने वाले काम को करने की ताकत देता है. कुछ 'अच्छे लोग' बीच रास्ते में मुझे रोक नहीं सकते हैं.
कोक स्टूडियो में कल्पना का गाया हुआ गाना सुनिए

दुनिया काम करने की बजाय ज्यादा जोर से बोलने में यकीन रखती है, लेकिन मैं अपने काम के जरिए बोलती रहूंगी. अच्छा हो, बुरा हो, श्लील हो या अश्लील, ये मैं कुछ 'अच्छे लोगों' को तय करने के लिए नहीं छोड़ दूंगी. ये पब्लिक है, ये सब जानती है. इसलिए मैं इस पूरे मुद्दे को आम लोगों की अदालत में रखती हूं. मुझपर फैसला लेने की ताकत लोगों के पास है. उन्हें मुझे दोषी साबित करने दीजिए या फिर मुझे इन हास्यास्पद मुकदमों से बरी करने दीजिए. ये फैसला अब उनको करना है.


ये भी पढ़ें:
कल्पना के नाम खुला खत : भिखारी को गाना आसान है, भिखारी होना नहीं

भिखारी ठाकुर विवाद: भोजपुरी गायिका कल्पना के नाम एक खुला खत

हैपी न्यू इयर स्पेशल: 5 भोजपुरी झमाझम

भोजपुरी गानों के बारे में एक ही सोच रखने वालों ये गाना सुन लो

अश्लील, फूहड़ और गन्दा सिनेमा मतलब भोजपुरी सिनेमा

फिल्म ज़ीरो की वो बातें, जिन्हें जानकर फिल्म देखने की चुल्ल मचेगी

Advertisement