पड़ताल: क्या कोयला संकट से निपटने के लिए रेलवे ने चला दी चार इंजन वाली मालगाड़ी?
पूर्व केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर समेत BJP नेताओं का दावा, "रेलवे 4 किलोमीटर लंबी ट्रेन चला रहा है."
Advertisement
दावा
बीते दिनों में देश के तमाम पावरप्लांट्स से कोयले की कमी की खबरें लगातार सामने आई हैं. इस बीच कोयले की आपूर्ति से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में कोयले से लदी एक मालगाड़ी दिख रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और BJP नेता प्रकाश जावड़ेकर ने इस वीडियो को बिजली संयंत्रों को की जा रही कोयला आपूर्ति से जोड़ते हुए लिखा,
"4 इंजन वाली 4 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी को बिजली संयंत्रों की कोयला आपूर्ति करने के लिए युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. ये है मोदी सरकार और मोदी जी #NewIndia" (आर्काइव)
पंजाब बीजेपी के IT सेल हेड राकेश गोयल ने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा (आर्काइव )-4 km long Rack train with 4 engines being run on war footing basis to supply coal to power plants. This is #Modigovt & @narendramodi ji's #NewIndia !@PMOIndia @RailMinIndia @CoalMinistry @BJP4India @BJP4Maharashtra pic.twitter.com/zx3S1u2fw6
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 20, 2021
पंजाब बीजेपी के ट्विटर हैंडल से भी इसी दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया गया है.बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के लिए युद्ध स्तर पर 4 इंजन वाली 4 किमी लंबी रैक ट्रेन चलाई जा रही है। यह मोदी युग है...#ModiHaiThoMumkinHai pic.twitter.com/Xdw25k6Xit
— Rakesh Goel (@rakeshgoelbjp) October 20, 2021
बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के लिए युद्ध स्तर पर 4 इंजन वाली 4 किमी लंबी रैक ट्रेन चलाई जा रही है। यह मोदी युग है...#ModiHaiThoMumkinHai pic.twitter.com/UGYvB1BvYG — BJP PUNJAB (@BJP4Punjab) October 20, 2021( आर्काइव ) फेसबुक पर भी ऐसे दावे वायरल हैं.
This is Modi era 😺 मोदी हार कभी नहीं मानेगा !! 4 km long Rack train with 4 engines being run on war footing bases to supply coal to power plants. Posted by Voice of New India on Wednesday, 20 October 2021
VASUKI, 4 भरी हुई मालगाड़ियां पहली बार कोरबा, बिलासपुर मंडल में जोड़ी गईं. 500 ट्रकों के बराबर 16000 टन कोयला लेकर यह कोरबा से भिलाई तक दौड़ी. श्री रवीश कुमार सिंह के नेतृत्व में पूरी ऑपरेशन टीम द्वारा किया गया सराहनीय कार्य #IRTS #IRTSMovingIndia. (आर्काइव )
VASUKI, 4 loaded goods train connected for the first time in Korba, Bilaspur Division. Carrying 16000 tonn of coal equivalent to 500 trucks, it ran from Korba to Bhilai. Commendable job done by the entire Operations team led by Shri Ravish Kumar Singh #IRTS#IRTSMovingIndia pic.twitter.com/08RUn1F6aj — IRTS Association (@IRTSassociation) January 6, 2021हमने जब IRTS Association के ट्वीट को कंफर्म करने के लिए कीवर्ड्स की मदद ली तो पता चला कि 6 जनवरी 2021 को वासुकी नहीं, सुपर शेषनाश मालगाड़ी का ट्रायल हुआ था. इस बात की जानकारी रेल मंत्रालय ने ट्विटर के जरिए दी थी. रेल मंत्रालय के इस ट्वीट में वायरल हो रहा वीडियो देखा जा सकता है. रेल मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा,
"एक और सफलता. 'शेषनाग' के सफल संचालन के बाद, अब साउथ ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे के बिलासपुर मंडल ने 'सुपर शेषनाग' का संचालन किया. कोरबा से 20906 टन के वजन के साथ 4 लोडेड ट्रेन से बने फॉर्मेशन की पहली दौड़." ( आर्काइव )
Another feather in its cap: After successful running of 'SHESHNAG' now, Bilaspur Division of SECR operated 'SUPER SHESHNAG'- First ever long haul of 4 loaded trains from Korba with total load of 20906 tonnes. pic.twitter.com/fjihbjzmNM — Ministry of Railways (@RailMinIndia) January 6, 2021इसके अगले ही दिन- 7 जनवरी 2021 को उस समय रेलमंत्री रहे पीयूष गोयल ने भी सुपर शेषनाग ट्रेन के सफलतापूर्वक संचालन की जानकारी दी थी. (आर्काइव )
मालढुलाई में शेषनाग ट्रेन की सफलता के बाद भारतीय रेल द्वारा 'सुपर शेषनाग' का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। इस ट्रेन ने 4 लोडेड मालगाड़ियों के कुल 20,906 टन भार के साथ कोरबा, छत्तीसगढ़ से अपना पहला सफर तय किया। pic.twitter.com/k6dckk3vYC — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 7, 2021क्या हालिया कोयला संकट में सुपर शेषनाग का इस्तेमाल हुआ? इस बारे में जानकारी के लिए हमने साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बिलासपुर मंडल से संपर्क किया. बिलासपुर रेलवे मंडल के प्रवक्ता साकेत रंजन ने बताया, "हाल-फिलहाल किसी भी सुपर शेषनाग ट्रेन का संचालन नहीं किया गया है. जनवरी में ये फॉर्मेशन चलाई गई थी. कोयला ढुलाई के लिए हम (SECR) आजकल लॉन्गहॉल ट्रेन चला रहे हैं. इसमें 2 इंजन जोड़े जाते हैं. हम फिलहाल एक दिन में 10-11 लॉन्गहॉल ट्रेनें चला रहे हैं, जिसके ज़रिए क़रीब 7 हज़ार से ज्यादा कोयला वैगन रोज़ाना देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे जा रहे हैं." उन्होंने आगे बताया, "इस तरह की खास फोर्मेशन का मकसद ट्रैक की व्यस्तता को कम करना होता है. किन्हीं दो निरंतर स्टेशनों की बीच एक ट्रैक पर एक ही ट्रेन हो सकती है. जब हमें ज्यादा माल ढोना होता है तो हम कई इंजन साथ जोड़ लेते हैं ताकि एक बार में 3-4 ट्रेनों का माल इकट्ठा ढोया जा सके. हालांकि ये नियमित अभ्यास नहीं है. कभी-कभार ही इसकी ज़रूत पड़ती है." क्या है सुपर शेषनाग ट्रेन ? सुपर शेषनाग अब तक भारतीय रेलवे नेटवर्क पर चलने वाली सबसे लंबी मालगाड़ियों में से एक है. सुपर शेषनाग ट्रेन में 4 भरी हुई मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया जाता है. रेलवे के मुताबिक, सुपर शेषनाग ट्रेन की लंबाई क़रीब 2.8 किलोमीटर होती है जो 2 इंजन वाली लॉन्गहॉल ट्रेन से लगभग दोगुनी होती है. एक ट्रेन में कई इंजन जोड़ने के लिहाज से भारत में अब तक सबसे लंबी ट्रेन वासुकी है, जिसमें कुल 5 भरी हुई मालगाड़ियों को आपस में जोड़कर चलाया गया था. नतीजा हमारी पड़ताल में नतीजा निकला कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2021 के कोयला संकट से जुड़ा हुआ नहीं है. ये वीडियो साल 2021 के जनवरी महीने का है जब भारतीय रेलवे ने 4 इंजन वाली सुपर शेषनाग ट्रेन का ट्रायल रन किया था. ये ट्रायल साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे जोन के बिलासपुर डिवीजन में हुआ था. स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है.