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नौ महीने लिव-इन में रहा, अचानक गायब हो गया, अब महिला को पता चला 65 लाख ठग ले गया

Noida woman duped of Rs 65 lakh: यूपी के नोएडा का मामला है. महिला के साथ में रहते हुए इस व्यक्ति ने पहले तो उनसे 25 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. फिर 40 लाख की ठगी और की. उसके जाने के बाद महिला को ठगी का पता चला. कैसे ये सब हुआ?

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महिला से 65 लाख की ठगी

मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली नोएडा की एक महिला एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए एक व्यक्ति से मिलती हैं. जल्द ही दोनों लिव-इन (live-in-partner) में रहने लगते हैं. नौ महीने तक साथ में रहने के बाद एक दिन ये व्यक्ति अचानक से गायब हो जाता है. इसके दो महीने बाद महिला को पता चलता है कि वो शख्स उनको 65 लाख रुपये का चूना (noida woman duped of Rs 65 lakh) लगा गया. 25 लाख रुपये अकाउंट से ट्रांसफर करवा लिए और 40 लाख का लोन भी उनके नाम से ले लिया. पढ़कर शायद आपको लगे कि ये कोई क्राइम की स्टोरी है. नहीं, ये क्राइम से साथ अनोखे साइबर क्राइम की स्टोरी है.

घर में साथ में रहकर अपने पार्टनर के अकाउंट से पैसे ट्रांसफर करवाने और उसके नाम पर लोन लेने का मामला तब बाहर आया, जब पीड़ित महिला ने दो महीने पहले गुम शख्स की तलाश शुरू की. पहले-पहले तो उनको लगा कि कहीं कोई दुर्घटना तो नहीं हुई, मगर जब अकाउंट पर नजर गई तो मामला ठगी का निकला.

महिला के साथ में रहते हुए इस व्यक्ति ने पहले तो उनसे 25 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. क्योंकि महिला एक बड़ी कंपनी में काम करती हैं और उनका फाइनेंसियल रिकॉर्ड (CIBIL score) भी बेहतर है, तो उनके नाम से आसानी से 40 लाख का लोन भी इस शख्स ने लिया. लोन का ये पैसा वैसे तो महिला के अकाउंट में ही आया मगर बड़ी सफाई से इसे ट्रांसफर किया गया. इसके लिए महिला के फोन में एक ऐप इंस्टाल किया गया जिसकी मदद से उसने पैसे ट्रांसफर किये. इस व्यक्ति ने कुछ ऐसा भी जुगाड़ किया जिसकी वजह से महिला को उनके फोन पर वित्तीय लेनदेन के मैसेज भी नहीं दिख रहे थे. एक किस्म से मैसेज को ब्लॉक किया गया. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जीवाड़े का पता चलते ही महिला ने नोएडा के सेक्टर 58 पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, 

"आरोपी ने यह दावा करके उस महिला का विश्वास हासिल किया था कि वह पहले केंद्र सरकार के लिए काम करता था और अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए उसने समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया था."

पुलिस के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 

"आरोपी को पकड़ने के लिए दो पुलिस टीमें बनाई गई हैं. उसे गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं." 

इस बीच, अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या वह व्यक्ति गलत पहचान का इस्तेमाल कर रहा था. मतलब ठगी अब लिंक भेजकर नहीं बल्कि घर में साथ रहकर हो रही. सावधान रहें. अपना मोबाइल किसी के हाथ में देने से बचें. अगर देना है तो पहले क्या करना है, वो इस स्टोरी को पढ़कर जान लें.

ठगी की चाबी कहीं खो जाएगी, अगर आपने मोबाइल में ये वाला ताला लगा लिया

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