एक दिन आपके अकाउंट में अचानक से लाखों रुपये डिपॉजिट हो जाते हैं. मतलब कोई ऐसा पैसा जिससे आपका लेना-देना नहीं है वो आपको अकाउंट में आ जाता है तो आप क्या करेंगे. अजी वही करेंगे जो सब करते हैं. बुक्का फाड़कर हसेंगे. मतलब कौन इसके बाद सोचेगा कि पैसा आया कहां से. मगर सोचिए और रिपोर्ट कीजिए. वरना, आपको जेल हो सकती है. माने जो आपके अकाउंट में कहीं से पैसा डिपॉजिट हुआ जिसका आपसे कोई लेना-देना नहीं है और आपने उस पैसे की जानकारी संबंधित अथॉरिटी को नहीं दी, तो आप लंबे नपेंगे. कोर्ट जमानत भी नहीं देगा.
अकाउंट में कहीं से आए 5 करोड़ रुपये, फिर चले भी गए, अब बंदे को SC से भी नहीं मिल रही बेल
बिहार के एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ है. अकाउंट में आए पैसे की जानकारी संबंधित अथॉरिटी को नहीं दी. जब जांच हुई तो फंस गए. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) देने से इंकार कर दिया है.

बिहार के एक शख्स के साथ ऐसा ही हुआ है. महाशय ने पता नहीं क्यों, अकाउंट में टपके इस पैसे की जानकारी संबंधित अथॉरिटी को नहीं दी. जब जांच हुई तो फंस गए. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) देने से इंकार कर दिया है.
फंड का दंडअंदाजा आपने लगा ही लिया होगा कि मामला साइबर फ्रॉड का होगा. एकदम वही हुआ है मगर इस बार फंदे में वो व्यक्ति है जिसका इस पूरे कांड से शायद कोई लेना-देना नहीं है. सीएनबीसी की रपट के मुताबिक, बिहार के इस शख्स के अकाउंट में सितंबर 2024 में एक दिन में 5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम जमा हुई. ये रकम अलग-अलग खातों से उनके अकाउंट में ट्रांसफर हुई थी.
ये पैसा हाथ के हाथ कई दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर भी हो गया. मुमकिन है इस पूरी प्रोसेस में इस शख्स का कोई हाथ नहीं हो. साइबर अपराधी, ठगी के बाद पैसा अक्सर ऐसे अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं जो निष्क्रिय होता है. ऐसा अकाउंट जिसमें कोई लेनदेन नहीं होता है. क्राइम की जुबान में इनको Mule खाते कहा जाता है. Mule मतलब खच्चर मतलब इधर से उधर कुछ ढोने जैसा मामला. ऐसे खातों का इस्तेमाल Money Mule की तरह (Mule account fraud) होता है. इस लेनदेन के लिए कई बार थोड़े पैसे का लालच दिया जाता है या फिर किसी और तरीके से अकाउंट के डिटेल हासिल कर लिए जाते हैं.

पैसा आया और चला भी गया. सितंबर से जनवरी आ गई और तभी दिल्ली में हुए एक 20 लाख के साइबर अपराध के सिलसिले में पुलिस इस अकाउंट तक भी पहुंच गई. क्योंकि इस व्यक्ति ने इस पूरे लेनदेन की जानकारी पुलिस से लेकर आयकर विभाग से साझा नहीं की थी तो अब इनको भी इस अपराध में शामिल माना गया है.
इस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) की अर्जी दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अकाउंट हैकिंग की दलील को भी नहीं माना गया. अब वाकई में ये व्यक्ति इस पूरे कांड का हिस्सा है या नहीं, वो तो भविष्य में पता चलेगा. लेकिन एक बात सबके लिए ध्यान देने वाली है. अकाउंट में अगर कोई अवांछित पैसा आता है तो बिना देर किये रिपोर्ट कीजिए. अगर कोई डेड अकाउंट है मतलब आपका या आपके किसी डेड हो चुके परिवार के सदस्य का तो पहली फुरसत में जाकर उसे बंद करवाइए.
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