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'संचार साथी' यूज करें वो आपको मर्जी, लेकिन फोन में घुसे जिद्दी ऐप्स को हमेशा के लिए कैसे निकालें?

वैसे तो मोबाइल से ज्यादातर ब्लोटवेयर सिंगल क्लिक पर डिलीट हो जाते हैं. मगर कई ऐप्स को चाहकर भी डिवाइस से हटाया नहीं जा सकता है. आज ऐसे ही जिद्दी, महा जिद्दी और जिद्दी प्रो ऐप्स को फोन से दफा करने का तरीका जान लेंगे.

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मोबाइल से जिद्दी ऐप्स डिलीट करने का जुगाड़

संचार साथी ऐप को मैन्युफैक्चरिंग के समय ही फोन में इंस्टॉल करने की अनिवार्य शर्त सरकार ने वापस ले ली है. यानी अब ये पूरी तरह मोबाइल यूजर्स पर निर्भर करेगा कि वे इस सरकारी ऐप को अपने फोन में रखना चाहते हैं या नहीं. वैसे स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल ऐप्स कोई नई बात नहीं. बजट और एंट्री लेवल स्मार्टफोन में तो ये दर्जन के हिसाब से आते हैं. फ्लैगशिप फोन में भी गाहे-बगाहे दिख ही जाते हैं. टेक की भाषा में इनको ‘ब्लोटवेयर’ कहते हैं. स्मार्टफोन कंपनियां ऐसे ऐप्स रखने के पीछे कम कीमत का तर्क देती हैं.

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ऐसे ब्लोटवेयर वैसे तो सिंगल क्लिक पर डिलीट हो जाते हैं. मगर कई ऐप्स को चाहकर भी डिवाइस से हटाया नहीं जा सकता है. आज ऐसे ही जिद्दी, महा जिद्दी और जिद्दी प्रो ऐप्स को फोन से दफा करने का तरीका जान लेंगे.

डिलीट नहीं ‘Disable’ कीजिए

ये है आसान वाला तरीका. पहले इसको इस्तेमाल कीजिए. इसके लिए मोबाइल की सेटिंग्स का रुख कीजिए. यहां ऐप्स का ऑप्शन नजर आएगा. जिस ऐप से पीछा छुड़ाना है उसके ऊपर टैप कीजिए. यहां आपको दो ऑप्शन मिलेंगे. Disable और Force Stop. पहले Disable पर क्लिक कीजिए और फिर स्टोरेज पर क्लिक करके Clear Data पर टैप कर दीजिए. ऐसा करने से ऐप फोन में रहेगा तो सही मगर काम नहीं करेगा. आपके डेटा का एक्सेस भी इसके पास नहीं होगा और बैकग्राउंड में बैटरी और नेटवर्क भी नहीं चूस पाएगा. अब जो आपका मन इतने से नहीं भरता और ऐप को डिवाइस से बाहर करने का मन है तो फिर डेवलपर की तरफ चलिए.

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डेवलपर ऑप्शन

इस तरीके के बारे में बताने से पहले एक चेतावनी. ये तरीका थोड़ा खतरनाक है. इसलिए अगर बेहद जरूरी हो तभी इसका इस्तेमाल करें. इस तरीके का नाम है ADB माने. सबसे पहले तो एक लैपटॉप या डेस्कटॉप का जुगाड़ करें. इसके बाद आपके फोन की सेटिंग्स में About Phone में Build Number पर चले जाएं. इसको लगा दीजिए '7 थप्पड़'. माने यहां 7 बार टैप कीजिए. अब फोन में ओपन हो जाएगा Developer Options. इसके अंदर मिलेगा USB Debugging ऑप्शन, जिसे ऑन कर लीजिए.

अब लैपटॉप पर गूगल की वेबसाइट से एक टूल डाउनलोड कर लीजिए. इसमें आपको कई सारी फाइल नजर आएंगी. Open in Terminal या Open PowerShell window पर क्लिक करें. अब फोन को USB केबल की मदद से कनेक्ट कर लीजिए. अभी एक गरारी फंसने वाली है. लैपटॉप में मोबाइल ऐप्स के नाम अलग नजर आते हैं. जैसे Onedrive का नाम com.microsoft.skydrive होगा.

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इसलिए लैपटॉप में Package Name Viewer डाउनलोड कीजिए और ऐप का नाम देख लीजिए. जिस ऐप को डिलीट करना है उसके लिए कमांड में जाकर pm uninstall -k --user 0 <package_name>, replacing <package_name> लिखें. ‘com.microsoft.skydrive’ की जगह अपने package का नाम लिखें. डिलीट का बटन दबाते ही ऐप डिवाइस से हमेशा के लिए डिलीट हो जाएगा.  

Android Debug Bridge
Android Debug Bridge

ऐप को हमेशा के लिए दफा करने के बाद फोन को लैपटॉप से अलग कीजिए और फिर Build Number पर जाकर, ‘7 थप्पड़’ जड़कर उसे बंद कर दीजिए. अगर ओपन रखा तो बैंक ऐप्स से लेकर Digilocker जैसे ऐप्स काम नहीं करेंगे. हालांकि ये तरीका बड़ा उबाऊ है और खतरनाक भी. मगर है तो सही. पूरा प्रोसेस हमने आपको क्यों बताया, वो बताने की जरूरत नहीं. समझ आप गए होंगे.

(इस कॉपी की रिसर्च में हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे सौरव कांबले ने की है.)

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