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World University Games: फाइनल लिस्ट से कई भारतीय नाम गायब, अधिकारियों पर गंभीर आरोप

भारत की ओर से लगभग 300 खिलाड़ियों का दल इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचा. 400 मीटर एथलीट देवयानिबा जाला भी इन गेम्स में हिस्सा लेने पहुंची थीं. इवेंट से पहले उन्हें बताया गया कि वो 400 मीटर के अलावा 4x400 मीटर रिले में भी हिस्सा लेंगी.

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वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में कई खिलाड़ियों की एंट्री जर्मनी पहुंचने के बाद रद्द हो गई है. (Photo- Devyaniba Zala/Alish Khan Instagram)

FISU वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी पहुंचे कई भारतीय एथलीट्स को इवेंट से ऐन पहले बड़ा झटका लगा. आरोप है कि एथलीट्स की फाइनल लिस्ट में कई भारतीय खिलाड़ियों के नाम नदारद थे. वे मेडल के लिए सारी तैयारी करके जर्मनी पहुंचे, लेकिन अब इवेंट मे हिस्सा लिए बिना ही खाली हाथ लौटेंगे. पीड़ित एथलीट्स ने इसके लिए AIU के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.

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भारत की ओर से लगभग 300 खिलाड़ियों का दल इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचा. 400 मीटर एथलीट देवयानिबा जाला भी इन गेम्स में हिस्सा लेने पहुंची थीं. इवेंट से पहले उन्हें बताया गया कि वो 400 मीटर के अलावा 4x400 मीटर रिले में भी हिस्सा लेंगी. जाला इसके लिए तैयार थीं. उनकी यूनिवर्सिटी ने टूर्नामेंट की पार्टिसिपेशन फीस के लिए 2.5 लाख रुपये भी दिए. लेकिन जर्मनी पहुंचकर उन्हें झटका लगा.

जाला ने इवेंट से पहले अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दीथी. इसी दौरान एथलीट्स की पहली कंफर्मेशन लिस्ट सामने आई. इस लिस्ट में 400 मीटर के इवेंट में जाला का नाम नहीं था. इसके बाद जो कुछ हुआ उस पर वो यकीन नहीं कर पा रहीं.

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जर्मनी जाकर लिस्ट से बाहर हुआ जाला का नाम

लल्लनटॉप से बात करते हुए जाला ने बताया कि कंफर्मेशन लिस्ट देखने के बाद उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सटी (AIU) के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की. जाला का दावा है कि पहले तो कोई जवाब नहीं आया, बाद में जवाब आया तो और ज्यादा निराशा हुई. 

जाला ने बताया,

उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी जगह रुपल और किरण पाल का नाम 400 मीटर इवेंट के लिए दिया गया था. हालांकि जब दोनों ही इस इवेंट से हट गईं तो आखिरी समय में लिस्ट में पेन से काटकर मेरा नाम लिखा गया. साथ ही मेरा नाम तय की गई डेडलाइन के बाद भेजा गया. ऐसे में मेरा नाम रजिस्टर नहीं हो सका. अधिकारियों ने मुझसे कहा कि वो कोशिश कर रहे हैं लेकिन मैं जानती थी विश्व स्तर के टूर्नामेंट में देरी होने पर कोई राहत नहीं दी जाती है. मेरा साथ नाइंसाफी हुई. 

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जाला ने बताया कि वो पिछले एक साल से इस इवेंट की तैयारी कर रही थीं और आखिरी समय में एक ऐसी खिलाड़ी को मौका दिया गया जो कि प्रदर्शन के लिहाज से उनसे ‘काफी पीछे’ हैं. जाला ने बताया,

मैं काफी समय से इसके लिए मेहनत कर रही थी. मैंने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए वो सबकुछ किया जो कि किया जा सकता था. मेरा पर्सनल बेस्ट 53:17 सेकंड का है जबकि जिस खिलाड़ी को मौका मिला उसका बेस्ट 1:01:00 सेकंड था. अधिकारियों की लापरवाही के कारण मैं हिस्सा ले नहीं सकी. क्या ये महज लापरवाही है? नहीं, क्योंकि इससे मेरी जिंदगी और करियर पर बहुत असर हुआ है. खिलाड़ी को यहां तक पहुंचने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है, हम किसे जिम्मेदार ठहराएं?

जाला नेशनल गेम्स में 400 मीटर की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हैं. वो इकलौती ऐसी एथलीट नहीं हैं जिन्हें वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में अधिकारियों की कथित लापरवाही का शिकार होना पड़ा. 10000 मीटर इवेंट की एथलीट सीमा और अंजलि का नाम भी कंफर्मेंशन लिस्ट में नहीं था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंजलि के पिता मजदूर हैं. उन्होंने टूर्नामेंट की फीस देने के लिए कर्ज लिया था. 

वहीं बैडमिंटन खिलाड़ी अलिशा खान ने भी बताया कि अधिकारियों की ही लापरवाही के कारण वो और पांच अन्य खिलाड़ी गेम्स में हिस्सा नहीं ले सके. अलिशा ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके लिखा,

ह्यूमन एरर के कारण किसी का करियर बर्बाद नहीं होना चाहिए. हम जर्मनी के राइन-रूहर में होने वाले 2025 के वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए भारत से आए थे. भारत से 12 बैडमिंटन खिलाड़ी चुने गए, ट्रेन किए गए और तैयार किए गए. लेकिन केवल 6 को खेलने की अनुमति दी गई, और बाकी 6 को छोड़ दिया गया. क्यों? क्योंकि हमारी भारतीय टीम के अधिकारी हमारे नाम सही ढंग से सबमिट नहीं कर पाए.

अलिशा ने अधिकारियों पर ‘करियर बर्बाद’ करने का सीधा आरोप लगाया. उन्होंने लिखा,

ये सिर्फ मिसमैनजमेंट नहीं बल्कि करियर बर्बाद करने वाला मामला है. हमने कोई मैच नहीं हारा. हमने तो मैच में हिस्सा लेने का भी अधिकार खो दिया. यह सिर्फ़ एक गलती नहीं है. यह AIU और हमारी टीम के अधिकारियों द्वारा करियर बर्बाद करने का मामला है. हम जवाबदेही की मांग करते हैं.

उधर अधिकारियों ने इस गलती का ठीकरा आयोजकों पर फोड़ दिया. टीम के साथ जर्मनी पहुंचे डॉक्टर गागनेंदा दाश ने NNIS स्पोर्ट्स पर बताया कि सीमा और अंजलि की एंट्री जर्मनी आने के बाद कैंसिल हुई, क्योंकि आयोजकों ने उनके क्वालिफाइंग मार्क पर सवाल उठाया था. हालांकि जाला के मामले में उन्होंने कोई साफ कारण नहीं बताया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने एंट्री भेजी और नहीं जानते कि जाला की एंट्री मानी क्यों नहीं गई. 

फिलहाल खिलाड़ी जर्मनी में हैं, लेकिन इवेंट में हिस्सा नहीं ले सकते और खाली हाथ देश लौटेंगे.

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