एशिया कप फाइनल से पहले ज्यादातर लोगों को लग रहा था कि ये मैच भी भारत एकतरफा अंदाज में जीतेगा. हो भी क्यों न टूर्नामेंट में इससे पहले जब दोनों टीमों का सामना हुआ तो भारत के हिस्से आसान जीत आई थी. हालांकि फाइनल ऐसा नहीं था. ये एक हाईवोल्टेज मुकाबला जहां पाकिस्तान ने भारत को कड़ी टक्कर दी. लेकिन भला हो तिलक वर्मा का जिन्होंने एक छोर से अटैक जारी रखा और आखिरकार भारत को जीत दिलाई. फाइनल मैच में तिलक वर्मा की सधी हुई पारी के बगैर भारत का खिताब जीत पाना बहुत मुश्किल था. तिलक वर्मा ने 53 गेंदों में 69 की नाबाद खेली. इस पारी में उन्होंने तीन चौके और चार छक्के लगाए. उनकी अर्धशतकीय पारी की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि उनके अलावा टीम का कोई और बल्लेबाज 35 से ज्यादा रन का आंकड़ा भी नहीं छू सका था. इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड भी मिला.
एशिया कप में भारत की जीत का 'तिलक'
तिलक वर्मा ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाज की. वो फाइनल की जीत के हीरो रहे. उन्होंने नाबाद 69 रन की पारी खेली.
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पाकिस्तान ने भारत को 146 रन का लक्ष्य दिया था. भारत की शुरुआत बेहद ही खराब रही थी. पूरे टूर्नामेंट में तहलका मचाने वाले अभिषेक शर्मा केवल पांच रन बनाकर आउट हो गए. कप्तान सूर्यकुमार यादव एक बार फिर फ्लॉप रहे. इसके बाद शुभमन गिल भी आउट हो गए. भारत ने 20 रन के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए थे. हालांकि, तिलक वर्मा एक छोर से जम गए.
उन्होंने संभल कर बल्लेबाजी की. तिलक ने पहले संजू सैमसन के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की. इस दौरान उन्होंने कोई रिस्की शॉट नहीं खेला. अबरार ने संजू सैमसन को आउट करके इस साझेदारी को तोड़ा. हालांकि, तिलक ने फिर शिवम दुबे के साथ पारी को आगे बढ़ाया और उनके साथ भी अर्धशतकीय साझेदारी की. आखिरी दो ओवर में भारत को जीत के लिए 12 रन चाहिए थे. हालांकि, 19वें ओवर में शिवम दुबे के आउट होने के बाद सारा दबाव तिलक पर आ गया.
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अंतिम ओवर का रोमांचआखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 10 रन चाहिए थे. गेंद डालने आए हारिस रऊफ. ओवर की पहली गेंद पर तिलक वर्मा ने स्वीप किया और दो रन लिए. इसकी अगली गेंद पर तिलक वर्मा ने 80 मीटर का लंबा छक्का लगाया और ये छक्का पाकिस्तान की जीत की उम्मीदों को तोड़ने के लिए काफी था. इसकी अगली ही गेंद पर सिंगल लेकर तिलक ने यह कर दिया कि मैच पाकिस्तान के हाथों में नहीं है. आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर रिंकू सिंह स्ट्राइक पर आए. ये रिंकू की इस टूर्नामेंट में पहली गेंद थी, जिसका वो सामना कर रहे थे. रिंकू ने इसे मिड ऑन पर बाउंड्री पार पहुंचाया और भारत की जीत तय की.
तिलक वर्मा ने टूर्नामेंट में सात मैच खेले. इसमें उन्होंने 71 के औसत से 213 रन बनाए. उनके नाम केवल एक ही अर्धशतक था, लेकिन हर मैच में उनके रनों की अहमियत बहुत ज्यादा है. इसके साथ ही उन्होंने अपने अपने चेज का खास रिकॉर्ड भी कायम रखा. तिलक जब भी भारत के लिए चेज करते हुए नाबाद रहे हैं भारत मैच जीता है. एशिया कप फाइनल में भी ऐसा ही हुआ. टी20 में चेज करते हुए उन्होंने 11 पारियां खेली हैं. इसमें उन्होंने 92.50 के औसत से 370 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतक लगाए.
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