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रोहित ने ये काम वर्ल्डकप फाइनल में ही क्यों किया? बड़ी टैक्टिकल गलती ने मैच गंवा दिया!

Rohit Sharma के आउट होने के बाद टीम इंडिया से एक बड़ी टैक्टिकल ग़लती हुई. टीम इंडिया जब 241 का टार्गेट डिफेंड करने उतरी, तब भी की गई दो ग़लतियों ने मैच गंवा दिया.

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टीम की ये ग़लतियां महंगी साबित हुई (फ़ोटो - X)

इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया (IndvsAus). World Cup 2023 का फाइनल. पूरा देश रोहित शर्मा और टीम को ट्रॉफी उठाए देखना चाहता था. पर ऐसा हुआ नहीं. पैट कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियन टीम ने भारत को 6 विकेट से हराया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले भारत को 240 रन पर रोका, और फिर टार्गेट को आसानी से चेज़ कर लिया. इस मैच में भारत की कुछ टैक्टिकल ग़लतियां साफ़ देखने को मिली. एक-एक कर उनपर बात करेंगे.

बॉलिंग चेंज

बांग्लादेश के खिलाफ़ हार्दिक पंड्या इंजर्ड हुए. उसके बाद प्लेइंग XI में मोहम्मद शमी को शामिल किया गया. इसके बाद से ही जैसे एक ट्रेंड-सा सेट हो गया था. नई बॉल जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज संभालते थे. ये दोनों भारत को ब्रेकथ्रू दिलवाते हैं. और फिर आते हैं शमी भाई. फर्स्ट-चेंज में आने के बावजूद इस चैंपियन बॉलर ने भारत के लिए झोला भरकर विकेट्स निकाले. फ़ाइनल में ये पूरा ट्रेंड ही बदल गया.  

बुमराह के साथ शमी को नई बॉल पकड़ा दी गई. इन दोनों ने स्विंग का पूरा फायदा उठाया और तीन विकेट चटकाए. पर इस बीच आपका एक बॉलर लगभग वेस्ट हो गया. सिराज को उनकी स्विंग के लिए जाना जाता है. ये बात भी बिल्कुल ठीक है कि सिराज कटर और स्लोअर बॉल्स भी अच्छी डालते हैं. पर उनको नई बॉल नहीं देना, उनकी एक स्ट्रेंथ को नहीं यूज़ करने जैसा था.

इस पॉइंट में एक और पेंच है. शमी और बुमराह को नई बॉल दे तो दी, फर्स्ट-चेंज में भी सिराज को नहीं लाया गया. उनसे पहले अटैक में रविन्द्र जडेजा और कुलदीप यादव को लाया गया. टीम के लिए इस मूव ने भी काम नहीं किया. ये बहुत 'वॉट-इफ़ किस्म' की बात है, पर कई फ़ैन्स इसके बारे में बात कर रहे हैं.

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मिडिल ओवर्स में बैटिंग

रोहित शर्मा अपने बेबाक अंदाज़ में आते हैं, और किसी भी बॉलर को कूट देते हैं. ऑस्ट्रेलियन पेसर्स का भी यही हश्र किया गया. पर रोहित के आउट होने के बाद श्रेयस अय्यर भी आउट हो गए, और पारी को केएल राहुल-विराट कोहली ने संभाला. रिकवरी मोड ऑन हुआ, और दोनों प्लेयर्स ने बिना रिस्क लिए पार्टनरशिप बनाई. पर यहां ऑस्ट्रेलियन बॉलर्स भारत पर बुरी तरह से हावी हो गए. उससे भी बड़ी बात. इस दौर में ट्रैविस हेड और ग्लेन मैक्सवेल ने भी ढेर सारे ओवर्स डाले. यानी पैट कमिंस ने अपने पांचवे बॉलर का कोटा इसी फेज़ में पूरा कर लिया.

रिकवरी मोड ऐसा था कि 97 बॉल में भारतीय बल्लेबाज़ों ने एक भी बाउंड्री नहीं लगाई. वर्ल्ड कप फ़ाइनल जैसे स्टेज में ऐसे रिदम से उबरना मुश्किल होना ही था. हुआ भी. टीम इंडिया ने 11-50 ओवर के बीच सिर्फ चार चौके जड़े. इसी फेज़ में एक टैक्टिकल ग़लती हुई. विराट-राहुल ने बिल्कुल रिस्क ही नहीं उठाया और कुछ ज्यादा ही सेफ़ ज़ोन में चले गए. इसके बाद भारतीय बल्लेबाज़ कभी गीयर बदल ही नहीं सके.

स्पिन बॉलिंग

पहले ही एक डिसक्लेमर दे देते हैं. ड्यू फैक्टर था, और ऐसे में स्पिनर्स अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं. हालांकि, इसके बावजूद, रविन्द्र जडेजा और कुलदीप यादव ने डिफेंसिव बॉलिंग की. ट्रैविस हेड अच्छे-से सेट हो गए थे. जड्डू उन्हें राउंड द विकेट बॉल डाल रहे थे. यानी विकेट लेने से ज्यादा रन्स बचाने की कोशिश. 241 का टार्गेट आप सिर्फ विकेट्स लेकर डिफेंड कर सकते हैं. भारत के स्पिनर्स शायद सिचुएशन अच्छे-से रीड नहीं कर सके, और एक टैक्टिकल ग़लती कर बैठे.

पर इन सभी ग़लतियों पर मैच के दौरान एक्सपर्ट्स ने चर्चा भी की. इनपर आपकी क्या राय है, हमें कॉमेंट्स कर बताएं. 

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