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बांग्लादेशी बताकर भेज दिया सीमापार, जांच में पश्चिम बंगाल का निवासी निकला

West Bengal के रहने वाले महबूब शेख Maharashtra में राजमिस्त्री का काम करते थे. परिवार ने आरोप लगाया है कि भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए सारे जरूरी दस्तावेज पेश किए गए. इसके बावजूद शेख को Bangladesh भेज दिया गया. क्या है पूरा मामला?

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पीड़ित शख्स ने बांग्लादेश के गांव में शरण ली है (सांकेतिक फोटो: आजतक)

महाराष्ट्र पुलिस ने एक शख्स को अवैध बांग्लादेशी प्रवासी होने के शक में उठा लिया. इतना ही नहीं, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने उसे सीमा पार पड़ोसी देश में भी भेज दिया. बाद में जब दस्तावेज पेश किए गए तो शख्स पश्चिम बंगाल का निवासी निकला. परिवार ने आरोप लगाया है कि भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए सारे जरूरी दस्तावेज पेश किए गए. इसके बावजूद शख्स को बांग्लादेश भेज दिया गया.

क्या है पूरा मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के रहने वाले महबूब शेख (36) महाराष्ट्र में राजमिस्त्री का काम करते थे. शनिवार, 15 जून को BSF ने उन्हें सीमा पार भेज दिया. पश्चिम बंगाल सरकार के मुताबिक, भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए शेख के पास सभी जरूरी दस्तावेज थे. इसके बावजूद महाराष्ट्र पुलिस और BSF ने उसे बांग्लादेश में धकेल दिया. इस मामले में पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड ने भी हस्तक्षेप किया था. बोर्ड के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 

शेख के परिवार ने हमसे संपर्क किया, जिसके बाद हमने महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया. सभी जरूरी दस्तावेज उन्हें भेज दिए गए. उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को सूचित करने की भी जहमत नहीं उठाई और BSF ने शेख को बांग्लादेश भेज दिया.

शेख के परिवार ने बताया कि वे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के हुसैननगर गांव के रहने वाले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, शेख के छोटे भाई मुजीबुर ने फोन पर बताया, 

पिछले दो सालों से वह महाराष्ट्र में काम कर रहा है. वह मुंबई के पास ठाणे के मीरा रोड इलाके में रहता था. पांच दिन पहले (बुधवार, 11 जून) जब वह चाय पी रहा था, तो पुलिस ने उसे बांग्लादेशी होने के शक में उठा लिया और पुलिस स्टेशन ले गई.

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मुजीबर ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस को सभी दस्तावेज भेज दिए. जिसमें शेख का वोटर कार्ड, आधार कार्ड , राशन कार्ड और यहां तक ​​कि परिवार की वंशावली भी शामिल थी. जिसे पंचायत ने प्रमाणित किया था. परिवार के मुताबिक, शेख ने फोन करके बताया कि BSF ने उसे शनिवार (14 जून) की सुबह 3.30 बजे बांग्लादेश में भेज दिया है. मुजीबुर ने बताया,

उसने एक गांव में शरण ली है. जहां से उसने फोन किया था. वह रो रहा था. उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं. हम बस उसे वापस चाहते हैं. हमें नहीं पता कि वह बांग्लादेश में कितने समय तक जीवित रह पाएगा.

महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि शेख अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए दस्तावेज देने में असफल रहे. साथ ही उन्होंने कहा कि वे नागरिकता साबित करने के लिए आधार और पैन कार्ड को मान्यता नहीं देते हैं. क्योंकि, उसे धोखाधड़ी से बनवाया जा सकता है. 

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