इंग्लैंड के दौरे के लिए जब भारतीय टीम (Indian Team) का एलान हुआ तो लोगों को इससे ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं. ज्यादातर लोगों को ऐसा लगा कि शुभमन गिल (Shubman Gill) की कप्तानी वाली ये युवा टीम इंग्लैंड (England) में टिक नहीं पाएगी. लेकिन, युवा ब्रिगेड ने कमाल करके दिखाया. उनके इस प्रदर्शन ने फैंस के साथ-साथ दिग्गजों का भी दिल जीत लिया. पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने टीम के बल्लेबाजों की तारीफ की. उन्होंने यहां तक कह दिया कि 2007 के बाद ये पहली ऐसी टीम है जिसके बल्लेबाजों ने इंग्लैंड में नियमित रूप से शानदार प्रदर्शन किया.
'भारतीय क्रिकेट नहीं रुकता...' गांगुली क्यों टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों के हुए मुरीद?
Anderson-Tendulkar Trophy में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. Shubman Gill, Yashasvi Jaiswal, Rishabh Pant और KL Rahul ने सीरीज में शतकीय पारी खेली. पूर्व भारतीय कप्तान Sourav Ganguly ने इस प्रदर्शन पर अपनी राय रखी है.

BCCI के पूर्व अध्यक्ष के मुताबिक, युवा भारतीय टीम का प्रदर्शन एक अच्छा संकेत है. गांगुली ने स्पोर्ट्स टुडे को बताया,
भारत ने इंग्लैंड में शानदार प्रदर्शन किया. मैनचेस्टर टेस्ट की दूसरी पारी में उनका स्कोर 0/2 था. उन्होंने ये मैच ड्रॉ कराया. उसके बाद ओवल में सीरीज बराबर करना एक बेहतरीन प्रदर्शन का संकेत है. यह एक युवा टीम है. शुभमन गिल और गौतम गंभीर को बधाई. वो इस टीम के साथ इंग्लैंड गए थे और फिर इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया.
सौरव गांगुली ने कहा कि 2002 और 2007 के बाद ये पहला मौका है जब भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इस तरह प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता कि 2002 या 2007 के बाद भारत के टॉप छह बल्लेबाजों ने इंग्लैंड में लगातार इतना शानदार प्रदर्शन किया है. चाहे वह केएल राहुल हों, गिल हों, यशस्वी जायसवाल हों, ऋषभ पंत हों, रविंद्र जडेजा हों या वॉशिंगटन सुंदर. उन्होंने पूरे पांच टेस्ट मैचों में लगातार इतनी अच्छी बल्लेबाजी की है, जिसे देखकर दिल खुश हो गया.
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सौरव गांगुली ने यहां ये भी संकेत दिया कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास से टीम के प्रदर्शन पर असर नहीं हुआ है. भारतीय क्रिकेट किसी के लिए नहीं रुकता. नया खिलाड़ी दूसरे की जगह ले लेता है. उन्होंने कहा,
भारतीय क्रिकेट किसी के लिए नहीं रुकता. यहां बहुत प्रतिभा है. देखिए, इन सभी ने युवा खिलाड़ियों ने किस तरह बल्लेबाजी की. लाजवाब. भारतीय क्रिकेट ऐसा ही है. जब सुनील गावस्कर गए, तो सचिन तेंदुलकर आए. राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण भी गए. जब ये गए, तो विराट कोहली उभरे. और जब कोहली गए, तो यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत और गिल उभरे. भारतीय क्रिकेट में इतनी प्रतिभा है कि यह बढ़ती ही रहेगी. हमारे पास एक जबरदस्त सिस्टम है, जहां घरेलू क्रिकेट बहुत मजबूत है. आईपीएल भी ऐसा ही एक मंच है. हमारे पास ए टीम और अंडर-19 टीम भी है.
टीम के बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बात करें तो, कप्तान गिल सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. उन्होंने तीन शतक और एक दोहरे शतक की मदद से 754 रन बनाए. उनके बाद केएल राहुल रहे. राहुल ने दो शतक समेत 532 रन बनाए. जायसवाल ने भी दो शतकों की मदद से 411 रन बनाए, और पंत ने भी दो शतकों सहित 489 रन बनाए. मैनचेस्टर टेस्ट की आखिरी पारी में जडेजा और वॉशिंगटन के शतकों की बदौलत भारत मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रहा.
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