'मैं खुद को थोड़ा क्रेडिट देना चाहती हूं, क्योंकि मैंने एफ़र्ट डाले हैं.'
20 साल की उम्र में ऐसी बातें करने के लिए बहुत आत्मविश्वास चाहिए. आत्मविश्वास तो ख़ैर T20 में फ़्लाइटेड गेंदें डालने के लिए भी चाहिए. और अगर आत्मविश्वास है, तो शायद ही और कुछ चाहिए. आत्मविश्वास से शुरू हुई इस कथा में हम बात करेंगे श्रेयंका पाटिल की. सिर्फ़ 21 साल की श्रेयंका ने WPL2024 फ़ाइनल में दिल्ली के खिलाफ़ कमाल कर दिया.
दिल्ली की कप्तान मेग लैनिंग ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी थी. सात ओवर्स तक उनका फैसला सही भी लगा. शफ़ाली वर्मा और लैनिंग ने कमाल की बैटिंग की. और इस दौरान 64 रन जोड़ डाले. तभी आठवां ओवर लेकर सोफ़ी मॉलिन्यू आईं.
उन्होंने इसी ओवर में शफ़ाली, जेमिमा और अलीस कैप्सी को निपटा दिया. शफ़ाली ने 27 गेंदों पर 44 रन की पारी खेली. जबकि बाक़ी दोनों बैटर्स खाता भी नहीं खोल पाईं. लेकिन लैनिंग अभी भी एक एंड पर खड़ी थीं. यानी खतरा बाक़ी था. कट टू ग्यारहवें ओवर की चौथी गेंद.
थोड़ी छोटी, ऑफ़ स्टंप के बाहर गिरी, गिरकर अंदर की ओर आई. लैनिंग इसे लेग साइड की ओर मोड़ना चाहती थीं. लेकिन गेंद सीधे जाकर पैड पर लगी. जोरदार अपील और अंपायर ने उंगली उठा दी. हालांकि लैनिंग इस फैसले से सहमत नहीं थीं. उन्होंने DRS का सहारा लिया. लेकिन वहां भी लैनिंग को मात मिली. गेंद सीधी जाकर मिडल स्टंप पर लग रही थी. दिल्ली का चौथा विकेट 74 के टोटल पर गिरा.
और फिर बचे हुए बैटर्स भी कुछ खास कर नहीं पाए. श्रेयंका ने पंद्रहवें ओवर की पहली ही गेंद पर मिन्नू मणि को LBW मारा. ये सीधी मिडल स्टंप की लाइन वाली गेंद थी. मिन्नू इसे स्वीप करना चाहती थीं. लेकिन गेंद और बल्ले का संपर्क नहीं हुआ. गेंद सीधे पैड पर लगी. फिर श्रेयंका ने 19वें ओवर की दूसरी गेंद पर अरुंधती रेड्डी को बोल्ड मारने के बाद तीसरी गेंद पर तानिया भाटिया को विकेट कीपर ऋचा घोष के हाथों कैच कराकर अपना चौथा विकेट झटका.
इसके साथ ही उन्होंने पर्पल कैप पर भी कब्जा जमा लिया. श्रेयंका ने इस सीजन आठ मैचेज़ में 13 विकेट अपने नाम किए हैं. उन्होंने यह विकेट्स 7.30 की इकॉनमी और दस से कम की स्ट्राइक रेट से निकाले हैं. इस सीजन श्रेयंका ने दो बार पारी में चार विकेट लिए. और दोनों ही बार ये कारनामा उन्होंने दिल्ली के खिलाफ़ किया.
यह भी पढ़ें: इंजेक्शन लिए, खून निकाला... हार्दिक ने सुनाई वर्ल्ड कप में लगी चोट से वापसी की ऐसी कहानी!
अब थोड़ी बात श्रेयंका की कर लेते हैं. बेंगलुरु में जन्म लेने वाली श्रेयंका ने नौ साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया. बचपन से ही RCB की जबरा फ़ैन हैं. और फिर WPL आते ही RCB ने उन्हें झट से अपने साथ जोड़ भी लिया. अपने पहले ही मैच में श्रेयंका ने नंबर आठ पर बैटिंग करते हुए 15 गेंदों पर 23 रन कूटे. यानी इनको बैटिंग भी सही आती है. उनके डेब्यू के बाद लेजेंडरी सोफ़ी डिवाइन ने कहा था,
'श्रेयंका जैसी प्लेयर, बिलाशक़ आने वाले दिनों में भारत के लिए खेलेंगी. गेंद के बाद बल्ले से भी उनका प्रदर्शन देखने के बाद मैं सोच रही हूं कि छक्के मारने की टिप्स लेने उनके पास चली जाऊं.'
क्रिकइंफ़ो के साथ एक इंटरव्यू में श्रेयंका ने कहा था,
'मैं टीम की X फ़ैक्टर प्लेयर बनना चाहती हूं. मुझे यही बनना है. मैं इसी के लिए ट्रेनिंग करती हूं. मुझे यही बनने की सीख मिली है. आपको अलग तो होना पड़ता है ना, तभी तो लोग आपको नोटिस करते हैं.'
WPL के पहले दो सीजंस में श्रेयंका 19 विकेट अपने नाम कर चुकी हैं. साथ ही उनके बल्ले से 147 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन भी निकले हैं. यानी कुछ ही सीजंस में वो ना सिर्फ़ RCB बल्कि टीम इंडिया की भी X फ़ैक्टर बन जाएंगी.
वीडियो: रोहित - हार्दिक विवाद पर मुंबई इंडियंस को डेल स्टेन की ये सलाह पसंद आएगी