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दलाई लामा पर चीन की तल्खी बढ़ी, भारत को सीधी चेतावनी दी- 'हमारे मामले से दूर रहिए'

इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने 3 जुलाई को कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर फैसला सिर्फ उन्हीं की मान्यता प्राप्त संस्था और स्वयं दलाई लामा द्वारा लिया जाएगा, किसी और को यह अधिकार नहीं है.

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चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग. (फोटो- India Today)

चीन ने शुक्रवार को भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है. रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी को अपनी इच्छा के अनुसार चुनेंगे. अब चीन ने भारत को तिब्बत से जुड़े मामलों पर सावधानी बरतने को कहा है.

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बीजिंग में मीडिया से बात करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा,

“भारत को 14वें दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी रवैये को समझना चाहिए और शिजांग (चीन तिब्बत को 'शिजांग' कहता है) से जुड़े मामलों पर अपने वादों का सम्मान करना चाहिए. भारत को अपने शब्दों और कार्रवाइयों में सावधानी बरतनी चाहिए और शिजांग से जुड़े मामलों के बहाने चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए ताकि दोनों देशों के संबंधों पर असर न पड़े.”  

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इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने 3 जुलाई को कहा था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर फैसला सिर्फ उन्हीं की मान्यता प्राप्त संस्था और स्वयं दलाई लामा द्वारा लिया जाएगा, किसी और को यह अधिकार नहीं है. 

रिजिजू की यह टिप्पणी तब आई जब चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी की योजना को खारिज कर दिया था और कहा था कि कोई भी उत्तराधिकारी तभी मान्य होगा जब उसे चीन की मंजूरी मिलेगी. यह पहली बार था जब भारत सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री ने दलाई लामा की उनके उत्तराधिकारी से संबंधित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी थी. 

2 जुलाई को वर्तमान दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने कहा था कि दलाई लामा की प्रथा जारी रहेगी और केवल गदेन फोडरंग ट्रस्ट, जिसे उन्होंने 2015 में स्थापित किया, उसे ही अगले दलाई लामा को मान्यता देने का अधिकार होगा.

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किरण रिजिजू स्वयं एक बौद्ध हैं और वे अपने साथी मंत्री राजीव रंजन सिंह के साथ 6 जुलाई को धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे. मंत्री ने साफ किया कि यह एक धार्मिक कार्यक्रम है, न कि राजनीतिक.

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